उत्तरबस्ति क्या है (What is Uttarbasti in Hindi)
उत्तरमार्गदियमानतया, किवाम् श्रेष्ठगुणतया उतरबस्ती ||
स निरुहादुत्तरमुतरेंण वा मार्गेण दीयते इत्युत्तरबस्ति |
अर्थात सामान्य बस्ति के प्रयोग के मार्ग अर्थात गुदमार्ग से ऊपर के मार्ग से दी जाने वाली बस्ति को उत्तरबस्ति कहा जाता है | निरुह बस्ति के बाद इसको उपयोग किया जाता है इस लिए इसे उत्तर बस्ति कहा जाता है |
पंचकर्म चिकित्सा का एक अभिन्न अंग बस्ति चिकित्सा है | बस्ति चिकित्सा के माध्यम से रोगी व्यक्ति के शरीर से दूषित दोषों को बहार निकालने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है |
उत्तरबस्ति का सही समय
जिस किसी भी स्त्री को उत्तर बस्ति (Uttarbasti in hindi) दी जानी होती है उसका वमन विरेचन आदि के द्वारा शोधन करके व् पहले दो दिन निरुह बस्ति देने के पश्चात उत्तर बस्ति देना अधिक लाभदायक साबित होता है | इसके लिए सबसे श्रेष्ठ समय मासिकधर्म के समय अर्थात ऋतूकाल में उत्तर बस्ति देनी चाहिए | मासिकधर्म के 16 दिन तक उत्तर बस्ति देने से श्रेष्ठ लाभ मिलता है |
उत्तरबस्ति के भेद (Types of Uttarbasti in Hindi )
उत्तर बस्ति के दो भेद आचार्यो ने वर्णन किया है –
- स्नैहिक उत्तरबस्ति
आचार्य सुश्रुत ने निरुह उत्तर बस्ति की मात्रा अंगुली मूल के समान एक अंजली बताई है | रोग व् रोगी के बलाबल के आधार पर इसे कम या ज्यादा किया जा सकता है | किन्तु जब गर्भाशय के शोधनार्थ उत्तरबस्ति (Uttarbasti in hindi) का प्रयोग किया जाये तो इसकी मात्रा दोगुनी की जा सकती है | 10 मिली से 40 मिली तक दी जा सकती है | इसे अनुवासन बस्ति कहा जा सकता है |
- निरुह उत्तरबस्ति
इसकी मात्र छोटी बच्चियों में कम डी जाती है यह मूत्रमार्ग से दी जाती है इसका मुख्य प्रयोजन प्रजनांगो को शोधन करने के लिए किया जाता है |
उत्तरबस्ति के लिए पूर्वकर्म (Prepration of Uttarbasti in Hindi )
बस्ति देने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातो का विशेष ध्यान रखना पड़ता है |
- अभ्यंग व स्वेदन करना अनिवार्य है |
- गर्म जल से स्नान करवाने के बाद उत्तर बस्ति देनी चाहिए
- मल मूत्र आदि का त्याग करवाने के बाद उतर बस्ति दी जाती है |
- स्नेह के रूप में दूध, घी या मांसरस के साथ मूंग व् चावल से निर्मित यवागू पिलाना चाहिए |
उत्तरबस्ति कैसे की जाती है
सबसे पहले जिस स्त्री को उत्तर बस्ति दी जाती है उसको इसकी प्रक्रिया के बारे में बताना आवश्यक होता है | उसके बाद महिला को पीठ के बल लिटा दे दोनों पैरो को किसी स्टेंड से ऊपर सहारा देते हुए टिकादे उसके बाद धीरे-धीरे योनी या मूत्रमार्ग में बस्ति नेत्र को अन्दर डालना चाहिए | डालने के बाद धीरे धीरे एक साथ बस्ति द्रव्य को अन्दर छोड़ देना पड़ता है | तीन दिन लगातार देने के बाद तीन दिन का अन्तराल के बाद पुन: उत्तर बस्ति दी जाती है | बस्ति देने के बाद लगभग 1 घंटे तक महिला को सीधा ही लिटाये रखे जिससे बस्ति द्रव्य बहार ना आ पाए |
उत्तरबस्ति के फायदे (Benefits of Uttarbasti In Hindi )
- बांझपन ( infertility in hindi)में श्रेष्ठ परिणाम देने वाली चिकित्सा है |
- कष्टार्तव– दर्द के साथ होनी वाले मासिकधर्म में लाभदायक |
- मासिकधर्म की अनियमितता में लाभदायक |
- कष्टसाध्य मासिक धर्म में उत्तम परिणाम |
- आर्तव क्षय – मासिक धर्म का समय से पहले बंद होने में लाभदायक |
- सभी प्रकार के योनी रोगों में लाभदायक |
- पेडू व योनी में होने वाले दर्द में श्रेष्ठ परिणाम देने वाली |
- श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) में असरदार |
- पेशाब के समय होने वाले दर्द में लाभदायक परिणाम |
- योनिभ्रंश में लाभकारी |
- महिलाओ के प्रजनन संस्थान से सम्बंधित सभी रोगों में उत्तर बस्ति के श्रेष्ठ परिणाम देखने को मिले है |
यदि इस समस्या से सम्बंधित आपको किसी प्रकार की जानकारी लेनी हो तो आप अपना प्रश्न कमेन्ट में छोड़ दे | हमारे एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब शीघ्र ही दिया जायेगा |
धन्यवाद !
8 Comments
Alok Kumar Sharma
October 15, 2021My wife both fallopian tube blockage kya ab bina surgery ke tubal block sahi ho sakta h
admin
October 15, 2021सभी रिपोर्ट मेल करे – shridayalherbal@gmail.com
satish jaiswar
January 27, 2022beliterla hydrosalpinx and bulky ovaries me basti treatment se fayada hoga kya
Swati
March 10, 2022Uttarbasti treatment centers kha hai, I want come there for my treatment.
admin
March 12, 2022jaipur Rajastan
Shaloo
August 25, 2022Meri utrus mai cavity h or endometrium 3.5 mm h to esse labh milega kya?
admin
August 25, 2022Najdiki ayurveda experts se consult krne k baad lene s labh hoga. U can consult with our experts
Anupam sharma
March 14, 2023Urethra structure male mai uttarbasti treatment ho skata hai