पुष्पधन्वा रस के फायदे: पुष्पधन्वा रस एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है जो विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों का मिश्रण होता है। यह दवा विभिन्न रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाता है और आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा सुझाया जाता है। इसमें रस सिंदूर, नाग भस्म और भी बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियाँ मिली होती है । यह पुरुषों के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है । इसका प्रयोग करने से पुरुषों में यौन शक्ति का संचार होता है ।
आज के इस लेख में हम आयुर्वेद की दवा पुष्पधन्वा रस के फायदे, इसकी सामग्री, नुकसान, खुराक और अन्य उपयोग आदि के बारे में जानकारी आवंटित करेंगे ।
पुष्पधन्वा रस क्या है? (What is Pushpdhanva ras)
यह एक क्लासिकल प्रिपरेशन है जो पुरुस्श यौन स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए उपयोग होती है । यह खनिज और जड़ी बूटियों से बनने वाली दवा है । यह वीर्य दोष, सेक्स पॉवर की कमी, premature ejaculation और ed के लिए प्रयोग होती है । ऐसा माना जाता है कि जिनकी कामेच्छा की कमी होती है, उनको आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा इस आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल करवाया जाता है ।
खासतौर पर ऐसा देखा गया है कि यह बहुत ही पॉवरफुल औषधि है जिसका nature गरम होता है । इसे लेने से व्यक्ति की यौन इच्छा बढती है । एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की मानें तो पुष्पधन्वा रस का सेवन बिना किसी डॉक्टर के सलाह के सेवन नहीं करना चाहिए ।
पुष्पधन्वा रस की सामग्री (Compostion of Pushpdhanwa Ras)
इस आयुर्वेदिक दवा में ये निम्न जड़ी – बूटियां मिली होती हैं –
सामग्री | हिंदी नाम |
---|---|
Rasasindoor | रससिंदूर |
Naga Bhasma | नाग भस्म |
Vanga Bhasma | वंग भस्म |
Loha Bhasma | लोह भस्म |
Abhraka Bhasma | अभ्रक भस्म |
Yashtimadhu | यष्टिमधु |
Dhatturpatra Swarasa | धत्तूरपत्र स्वरस |
Shalmali Kwath | शाल्मलि क्वाथ |
Nagvelpatra Swarasa | नागवेलपत्र स्वरस |
Vijaya Kwath | विजया क्वाथ |
पुष्पधन्वा रस के फायदे (Benefits of Pushpdhanwa Ras in Hindi)
पुष्पधन्वा रस एक हर्बोमिनरल आयुर्वेदिक दवा है, जिसका उपयोग नपुंसकता, नपुंसकता और संभोग संबंधित विकारों के लिए किया जा सकता है। इसका पुरुषों और महिलाओं दोनों के द्वारा उपयोग किया जा सकता है। पुरुषों में, यह वीर्य संबंधित समस्याओं, नपुंसकता, शिश्न दुर्बलता और इच्छाशक्ति में सुधार करने के लिए उपयोगी है। महिलाओं में, यह बांझपन, पीसीओएस (PCOS), और प्रजनन प्रणाली संबंधित समस्याओं के साथ संबंधित है। यह शरीर में हार्मोन्स को संतुलित करके ओव्युलेशन में भी मदद करता है।
- नपुंसकता (Infertility): पुष्पधन्वा रस बांझपन (नपुंसकता) के इलाज में मदद कर सकता है, जिससे जीवन संगठन का सपना पूरा हो सकता है।
- पुरुषों के लिए उपयोगी (For Men): यह पुरुषों के लिए वीर्य संबंधित समस्याओं, नपुंसकता, शिश्न दुर्बलता और इच्छाशक्ति में सुधार करने में मदद कर सकता है।
- महिलाओं के लिए उपयोगी (For Women): पुष्पधन्वा रस महिलाओं के लिए बांझपन, पीसीओएस (PCOS), और प्रजनन प्रणाली संबंधित समस्याओं के साथ संबंधित हो सकता है, जो उनकी प्रजनन क्षमता को सुधार सकता है।
- हार्मोन संतुलन (Hormone Balance): यह शरीर में हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे ओव्युलेशन और प्रजनन प्रक्रिया में सुधार हो सकता है।
- कामेच्छा की कमी: पुष्पधन्वा रस का सेवन करने से कामेच्छा की कमी में भी आराम मिलता है । यह यौनइच्छा को बढाती है और इसे सीवान करने से शारीरिक शक्ति में भी मदद मिलती है ।
- बाँझपन की समस्या: पुरुष या महिला बाँझपन की समस्या में भी पुष्पधन्वा रस का सेवन करने से लाभ मिलता है । इसे बाँझपन को खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा सेवन करवाया जाता है ।
कृपया ध्यान दें कि पुष्पधन्वा रस का उपयोग केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन के अनुसार किया जाना चाहिए, और हर व्यक्ति की आयुर्वेदिक चिकित्सा की आवश्यकताएँ और उपयोग की मात्रा व्यक्ति के स्वास्थ्य और स्थितियों के आधार पर विभिन्न हो सकती हैं।
खुराक (Dosage)
आमतौर पर इसका सेवन घी, शहद या दूध के साथ प्रयोग करवाया जाता है । इसकी एक – एक गोली सुबह शाम दूध या शहद के साथ सेवन की जाती है । अगर आप इसे लम्बे समय तक सेवन कर रहें हैं तो कृपया अपने चिकित्सक से स्वास्थ्य सलाह लेकर ही उपयोग में लायें ।
नुकसान (Side Effects)
पुष्पधन्वा रस के संभवत: कोई नुकसान प्रकट नहीं होते अगर यह उचित डोज में ली जाये । हालाँकि इसमें भस्म और रस औषधि होने के कारण इसका सेवन एक निर्धारित अनुपात और समय में ही करना लाभदायक माना जाता है । यह उष्ण तासीर की आयुर्वेदिक दवा है अत: अधिक मात्रा आपके लिए नुकसान भी दिखा सकती है ।
एक बेहतरीन वैद्य अनुसार इसे लेने से नुकसान नहीं होते । अगर आपका डॉक्टर इसकी सिफारिस करता है तो इसे निर्धारित की गई खुराक और समय तक ही सेवन ले । बिना चिकित्सकीय सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए । अधिक मात्रा में खुराक लेने से यह पेट दर्द, सीने में जलन और एसिडिटी एवं मरोड़ जैसी स्थति पैदा कर सकती है ।