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अजमोदादि चूर्ण

अजमोदादि चूर्ण के घटक, फायदे, खुराक एवं नुकसान | Ajmodadi Churna Ingredients in Hindi

अजमोदादि चूर्ण एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक हर्बल औषधि है । यह गठिया, जोड़ो के दर्द, आमवात, पेट की गड़बड़ी, भूख बढ़ाने, पेट की समस्या एवं दूसरी पाचन विकृतियों में लाभदायक है । अजमोदादि चूर्ण के घटक में अजमोद, हरड, त्रिकटु, ब्रह्मदंडी, वायविडंग, चित्रकमूल, विधारा आदि औषधिय जड़ी बूटियां मिली होती हैं जो पाचन को ठीक करने में सबसे अधिक उपयोगी मानी जाती हैं ।

अजमोदादि चूर्ण

आज हम इस पोस्ट में आपको अजमोदादि चूर्ण के घटक, इसके फायदे, सेवन की मात्रा और संभावित नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करेंगे । देखिये हमने यहाँ पर एक table के माध्यम से इसकी सामान्य जानकारी से अवगत करवाया है ।

अजमोदादि चूर्ण की सामान्य जानकारी | Details of Ajmodadi Churna

यह एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक चूर्ण है । अजमोदादि चूर्ण एक पौष्टिक और आयुर्वेदिक चूर्ण होता है, जिसे पाचन और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें अजमोदा जैसे जड़ी-बूटियों के साथ-साथ अन्य जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है, जिनका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। इसके सम्पूर्ण घटक के बारे में हमने विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई है ।

दवा का नाम: अजमोदादि चूर्ण
प्रकार: चूर्ण
सन्दर्भ: आयुर्वेद सार संग्रह
मूल्य: 180 रूपए
मात्रा: 100 ग्राम

अजमोदादि चूर्ण के घटक | Ingredients of Ajmodadi Churna


यहां आपके प्रदान किए गए सामग्री और उनके अंग्रेजी नाम के साथ एक टेबल दिया गया है:

सामग्रीअंग्रेजी नाममात्रा
अजमोदAjwain (Carom Seeds)12 ग्राम
वायबिडंगVayavidanga (Embelia Ribes)12 ग्राम
सेंधा नमक (Sendha Namak)Rock Salt12 ग्राम
देवदारुDevdar (Himalayan Cedar)12 ग्राम
चित्रक मूल की छालChitrak (Plumbago Zeylanica)12 ग्राम
सोयाSoy12 ग्राम
पीपलPepper12 ग्राम
पीपलामूलLong Pepper (Pippali)12 ग्राम
काली मिर्चBlack Pepper12 ग्राम
हर्रेHaritaki (Terminalia Chebula)60 ग्राम
विधाराVidanga (False Black Pepper)120 ग्राम
सोंठGinger (Dry Ginger Powder)120 ग्राम

यहां अजमोदादि चूर्ण बनाने की विधि दी गई है:

बनाने की विधि:

  1. सबसे पहले, उपयुक्त मात्रा में उपर्युक्त सामग्री को इकट्ठा करें और ध्यानपूर्वक तरीके से इसका चूर्ण बना लें ।
  2. फिर, इस मिश्रण को एक सूखी और सुरक्षित स्थान पर रखें, जैसे कि एक बड़ी पार्टिशन वाले बर्तन में
  3. अब, इन सभी बनाये हुए चूर्ण को आपस में उपरोक्त मात्रा अनुसार मिला लें ।
  4. इस प्रकार से मिलाने पर “अजमोदादि चूर्ण” बन जाता है । इसे किसी सूखे कंटेनर में सुरक्षित रखें । यह आपका अजमोदादि चूर्ण कहलाता है ।

अजमोदादि चूर्ण के फायदे | Benefits of Ajmodadi Churna

अजमोदादि चूर्ण के फायदे निम्नलिखित हैं:

  1. संधिशोथ (Rheumatoid Arthritis) का इलाज: यह चूर्ण संधिशोथ के रोगी के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि इसमें मौजूद जड़ी-बूटियां शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  2. सूजन के विकारों का उपचार: यह आयुर्वेदिक चूर्ण सूजन के विकारों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  3. गृध्रसी (Sciatica) के दर्द का निवारण: विशेष रूप से, सायाटिका जैसे न्यूरोलॉजिक दर्द के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
  4. पीठ और पैर के दर्द की कमी: यह चूर्ण पीठ और पैर के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह शरीर में बढे हुए वात को शांत करने का कार्य करता है ।
  5. शारीरिक स्वास्थ्य की सुरक्षा: यह आयुर्वेदिक चूर्ण प्राकृतिक तरीके से शरीर को शारीरिक स्वास्थ्य और कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। त्रिदोष को बैलेंस करने में लाभदायक होने के कारण शारीरिक स्वास्थ्य दायक है ।
  6. पाचन सुधारना: इस चूर्ण में मौजूद अजमोद पाचन को सुधार करने में फायदेमंद है और अपच जैसी स्थितियों से राहत प्रदान करता है।
  7. शारीरिक शक्ति को बढ़ावा: इसके सामग्री में वायबिडंग, सोया, और हर्रे जैसे तत्व होते हैं, जो शारीरिक शक्ति को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.
  8. गठिया के लिए सहायक: यह चूर्ण गठिया (Arthritis) के रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है, क्योंकि इसमें हर्रे और विधारा जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं जो गठिया के दर्द को कम करती हैं.
  9. शारीरिक संतुलन को सुधारना: यह चूर्ण शारीरिक संतुलन को सुधारने में विशेष लाभकारी है और दर्द को कम करने के साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.
  10. स्वास्थ्य रक्तचाप का संरक्षण: इसमें मौजूद काली मिर्च और सोंठ रक्तचाप को नियमित रखने में विशेष लाभदायक है । इसे सेवन करने से आमवात में विशेष लाभ मिलता है ।

सेवन की मात्रा एवं विधि:

इस चूर्ण सामान्य औषधीय मात्रा 2 से 5 ग्राम है । जिसे दिन में दो बार सुबह – शाम गुनगुने जल के साथ सेवन करना चाहिए । इसकी अधिकतम खुराक 6 ग्राम एक समय में से अधिक नहीं लेना चाहिए । रोगानुसार सेवन विधि के लिए एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ।

नुकसान:

आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि यह औषधीय चूर्ण पूरी तरह से सेफ है । यह दैनिक उपयोगी औषधीय मसालों से निर्मित होने के कारण सुरक्षित समझा जाता है । एसी किसी भी रिसर्च का उल्लेख नहीं है जो अजमोदादी चूर्ण के सेवन से नुकसान दर्शाती हो । हालाँकि सुरक्षित होते हुए भी इसे विशेषत: एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की निगरानी में सेवन किया जाना चाहिए । इसकी अधिकतम खुराक से ज्यादा सेवन करने से सिरदर्द, एसिडिटी और पेट में एंथन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । इसलिए एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की गाइडेंस में अजमोदादी चूर्ण को खाना चाहिए ।

नोट: आपके स्वास्थ्य सवाल के लिए निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में टाइप कर सकते हैं ।

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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