ऋषि वाग्भट के आयुर्वेदिक नुस्खे: ऋषि वाग्भट एक प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक और लेखक थे, जिन्होंने भारतीय आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया। उन्होंने आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं पर गहरा अध्ययन किया और अपने ग्रंथों के माध्यम से विज्ञान, चिकित्सा और औषधि विज्ञान के क्षेत्र में अपने ज्ञान को साझा किया।
आज के इस लेख में हम आपको ऋषि वाग्भट के कुल 25 आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में बताएँगे जिनको हरेक व्यक्ति को अपनाना चाहिए ।
लेकिन उससे पहले ऋषि वाग्भट के बारे में थोडा जान लीजिये
वाग्भट के प्रमुख ग्रंथ हैं:
- अष्टांग हृदय: यह ग्रंथ आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें रोग प्रतिरोधक तंत्र, चिकित्सा के तरीके, औषधियों के प्रकार, और रोगों के लक्षण आदि के विषय में जानकारी दी गई है।
- अष्टांग संग्रह: यह ग्रंथ भूत-वात-कफ आदि दोषों के प्रकोप के बारे में विस्तार से बताता है और विभिन्न रोगों के उपचार के उपायों को प्रस्तुत करता है।
वाग्भट के ग्रंथों में आयुर्वेदिक चिकित्सा के मौलिक सिद्धांतों का महत्वपूर्ण और सार्थक वर्णन होता है, जो आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सा के महत्वपूर्ण अंग हैं। वाग्भट का योगदान भारतीय चिकित्सा के इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है, और उन्होंने आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा बनाया।
ऋषि वाग्भट के 25 आयुर्वेदिक नुस्खे
ऋषि वाग्भट द्वारा आयुर्वेदिक नुस्खे विभिन्न रोगों के उपचार के लिए बताये गए थे । ये नुस्खे प्राकृतिक रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य की देखभाल में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं | इन्हें अपनाने के लिए आपको इन्हें अच्छे से समझकर उपयोग में लेना चाहिए ।
- अदरक (Ginger) का उपयोग: अदरक का सेवन कब्ज, सर्दी-जुकाम और पेट के रोगों में लाभकारी होता है। अदरक को रस निकालकर या काढ़ा बनाकर उपयोग में लेना चाहिए ।
- हल्दी (Turmeric) का उपयोग: हल्दी को गर्म पानी में मिलाकर पीने से श्वसन संबंधित समस्याओं में राहत मिल सकती है। इसे दूध में पिलाकर पीने से शारीरिक दर्द से राहत मिलती है ।
- नीम का उपयोग: नीम की पत्तियों का रस पीने से त्वचा संबंधित समस्याओं में लाभ होता है । इसे पेट के कीड़े खत्म होते हैं और त्वचा के सभी रोग ठीक होते हैं ।
- आंवला (Amla) का सेवन: अमला विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है और इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है । आंवला को नियमित सेवन करने से सभी रोगों से राहत मिलती है । यह बहुत सी औषधियों का प्रमुख घटक होता है ।
- गर्म पानी में नमक और नीम्बू: रोज सुबह गर्म पानी में नमक और नीम्बू का रस मिलाकर पीने से पाचन शक्ति में सुधार होता है और बढ़ा हुआ पेट कम होता है ।
- अश्वगंधा (Ashwagandha) का सेवन: यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके सेवन पुरुषों में बल और वीर्य का संचार होता है एवं तनाव से राहत मिलती है । जिससे मानसिक व्याधियों में अच्छा लाभ मिलता है ।
- त्रिफला (Triphala) का सेवन: त्रिफला का सेवन कब्ज, पेट के रोगों और शरीर की साफ़ाई के लिए फायदेमंद होता है। त्रिफला को ऋषि वाग्भट के अनुसार सभी प्रकृति के लोग सेवन कर सकते हैं ।
- पाठा (Aloe Vera) का उपयोग: अलोवेरा त्वचा के लिए फायदेमंद होता है और त्वचा की सुरक्षा में मदद करता है । इसे ऋषि वाग्भट के अनुसार विभिन्न तरह से उपयोग में लाया जाता है ।
- मेथी (Fenugreek) का सेवन: मेथी के बीज का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है अगर आपको मधुमेह है तो आपको मेथी को भिगोकर प्रयोग करना चाहिए । साथ ही यह शरीर में वात बढ़ी हुई को भी शांत करती है । और वात के कारण होने वाले दर्द में लाभदायक है ।
- अर्जुन (Arjuna) का छाल सेवन: अर्जुन की छाल का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसे ट्राईलिसराइड और कोलेस्ट्रोल की बढ़ोतरी में भी सेवन करने से लाभ मिलता है ।
- मिश्री और शहद: मिश्री और शहद का मिश्रण खांसी के लिए लाभकारी होता है।
- तुलसी (Basil) का सेवन: तुलसी की पत्तियां सर्दी-जुकाम और बुखार में लाभकारी होती हैं। तुलसी को पवित्र बताया गया है, इसे सेवन करने से सभी प्रकार की बुखार से आराम मिलता है ।
- नीमबू का उपयोग बालों के लिए: नीमबू का रस बालों को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है, यह लाभदायक होता है इसे पेट के रोग और अम्लता को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ।
- करी पत्तियां (Curry Leaves) का सेवन: करी पत्तियां बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
- हेना (Henna) का सेवन: हेना बालों को सुंदरता और मजबूती प्रदान करता है।
- नारियल तेल (Coconut Oil) का सेवन: नारियल तेल बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। नारियल तेल का सेवन भोजन को पकाकर खाने से भी स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं ।
- शिलाजीत (Shilajit) का सेवन: शिलाजीत सेक्सुअल ताक़त में सुधार करता है और इसे मधुमेह के लिए लाभदायक बताया गया है । इसके सेवन से मधुमेह के कारण हुई शारीरिक कमजोरी को दूर करने में लाभदायक बताया गया है ।
- सौंफ (Fennel Seeds) का सेवन: सौंफ गैस, पेट दर्द, और कब्ज के इलाज में मदद करती है। ऋषि वाग्भट अनुसार सौंफ का प्रयोग करने के लिए इसे काढ़ा बनाकर इस्तेमाल किया जाता है । साथ ही फांट बनाकर भी सौंफ का प्रयोग बताया गया है ।
- धनिया पाउडर (Coriander Powder) का सेवन: धनिया पाउडर पाचन को बेहतर बनाता है। इसका प्रयोग श्वेत प्रदर का उपचार करने और प्रदर रोग को ठीक करने के लिए उपयोग किया जा सकता है ।
- सोंठ (Dry Ginger) का सेवन: सोंठ का सेवन पेट की खराबी में लाभकारी हो सकता है साथ ही यह कफ की बिमारियों को कम करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है ।
- अनार (Pomegranate) का सेवन: अनार ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। अनार को स्वास्थ्य दायक उत्तम फल बताया है ।
- लौकी (Bottle Gourd) का सेवन: लौकी का सेवन पेट के रोगों में फायदेमंद होता है, इसके अलावा यह अस्थमा रोग में भी लाभदायक बताया गया है ।
- गुड़ (Jaggery) का सेवन: गुड़ कब्ज और थकान को दूर करने में मदद करता है। ऋषि वाग्भट अनुसार गुड़ बहुत से रोगों के लिए फायदेमंद है । सफ़ेद चीनी की जगह गुड़ का ही इस्तेमाल करना चाहिए ।
- जैतून का तेल (Olive Oil) का सेवन: जैतून का तेल स्वस्थ दिल के लिए फायदेमंद होता है।
- दही (Yogurt) का सेवन: दही पाचन को सुधारता है और पेट के रोगों में लाभकारी होता है। दही को पेट के सभी रोगों के लिए उत्तम माना गया है ।
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