नारायण तेल: नारायण तेल आयुर्वेद का शास्त्रोक्त तेल है ।।जो सभी प्रकार के वात रोगों को दूर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है।शरीर के किसी भी हिस्से का दर्द कान का दर्द ,कमर का दर्द ,पसली का दर्द आदि सभी प्रकार के दर्द में नारायण तेल का उपयोग आयुर्वेद में बताया गया है ।इसका उपयोग करने से चमत्कारी लाभ देखने को मिलता है। जहां भी दर्द हो वहां इस तेल से धीरे-धीरे मालिश करने से जल्द ही राहत मिलती है। इस तेल का उपयोग बड़े, बूढ़े और बच्चों सभी में समान रूप से बिना किसी नुकसान के किया जा सकता है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको नारायण तेल के बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे, कि यह क्या है, किन-किन औषधीय से इसे बनाया जाता है, इसके फायदे व नुकसान आदि सभी के बारे में यदि आप विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंतिम तक अवश्य पढ़ें। यहाँ हमने नारायण तेल की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है ।
नारायण तेल के घटक द्रव्य | Ingredients of Narayan Oil
नारायण तेल को बनाने के लिए कुछ विशेष प्रकार की औषधियां का उपयोग किया जाता है जो इस प्रकार है
- अश्वगंधा
- खरैटी की जड़
- बेल की जड़
- छोटी कटेरी
- बड़ी कटेरी
- गोखरू
- सोन पाठा के मूल या छाल
- पुनर्नवा के मूल
- उड़द
- कटसरैया
- रास्ना
- एरंड मूल
- देवदारू
- प्रसारनी
- अरणी
- तिल का तेल
- शतावरी का रस
- गाय का दूध
- कुठ
- छोटी इलायची
- सफेद चंदन
- बरियार की मूल
- जटा मांसी
- छरीला
- सेंधा नमक
- बच
- रासना सौंफ
- सरीबन
- पिठवन
- मुदगप्रनी
- तगर
नारायण तेल की निर्माण विधि | How to Manufacture Narayan Oil
नारायण तेल को बनाने के लिए सबसे पहले ऊपर बताई गई औषधीय को इकट्ठा करते हैं। अब सबसे पहले अश्वगंधा, खरेटी की जड़, बेल की जड़, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी, गोखरू, संभालू की पत्ती, सोनपाठा की मूल, पुनर्नवा की मूल, उड़द, कटसरैया, रास्ना, एरण्ड मूल, देवदारू, प्रसारणी और अरणी को लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिश्रण तैयार किया जाता है।
कूटकर तैयार किए हुए मिश्रण में बताई गई मात्रा के अनुसार पानी मिलाते हैं। अब इस मिश्रण को पानी में अच्छी तरह से पका लेते हैं। जब पानी आधा शेष रह जाए तब इसे नीचे उतारकर ठंडा होने देते हैं। जब ठंडा हो जाता है तो उसे कपड़े से छानकर अलग कर लेते हैं ।
अब इस पानी में शतावरी का रस, गाय का दूध, कूठ, छोटी इलायची, सफेद चंदन, बरियार के मूल, जटामांसी, छरीला, सेंधा नमक, अश्वगंधा, बच, रास्ना – सौंफ, देवदारू, सर्बिन, पिठवन, माष परणी, मुदगप्रणी और तगर आदि सभी औषधीय को लेकर कल्क बनाते हैं।
इस कल्क को तिल के तेल में मिलाकर अच्छी तरह से पकाते हैं। जब तेल अच्छी तरह से सिद्ध हो जाए तो कपड़े से छान लेते हैं। अब जब यह तेल ठंडा हो जाए तो शीशी में भरकर रख लेते हैं। इस प्रकार हमारा नारायण तेल तैयार हो जाता है।
नारायण तेल के फायदे | Health Benefits of Narayan Oil in Hindi
- Narayan Tel in Hindi का उपयोग सभी प्रकार के वात रोगों में विशेष रूप से किया जाता है।
- नारायण तेल शरीर में वात बढ़ने के कारण होने वाले एंकाग या सर्वांग वात में लाभदायक है।
- Narayan Tel in Hindi का उपयोग कमर दर्द, पसली का दर्द, कान का दर्द, शरीर के किसी भी अवयव का सूखना, लंगड़ापन, सिर का दर्द आदि सभी प्रकार के दर्द में उपयोग करने पर शीघ्र ही आराम मिलता है।
- नारायण तेल का उपयोग मालिश करने में, नस्य देने में, कान में डालने में, पिलाने और बस्ती सभी रूप से किया जाता है।
आयुर्वेद का नारायण तेल सौम्य और अद्भुत चमत्कार दिखाने के कारण बहुत प्रसिद्ध तेल है। - नारायण तेल को बनाते समय शतावरी के रस का उपयोग किया जाता है। शतावरी का दूसरा नाम नारायणी है, इस कारण इस तेल को नारायण तेल कहा जाता है।
- शरीर के किसी भी हिस्से में जहां-जहां दर्द हो उस हिस्से में धीरे-धीरे नारायण तेल की मालिश करने पर जल्द ही आराम मिलता है।
- यदि शरीर में वायु भरने के कारण संपूर्ण शरीर में दर्द हो तो इस तेल का उपयोग बस्ती के रूप में करना चाहिए।
छोटे बच्चों की अण्ड – कोष वृद्धि या बड़ी उम्र वालों में अण्ड वृद्धि में इस तेल का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। - कई बार शरीर में किसी एक हिस्से में लकवा आने पर वह हिस्सा सूख जाता है क्योंकि उसमें रक्त का संचार नहीं होता है ऐसी स्थिति में यदि Narayan Tel in Hindi का प्रयोग लगातार कुछ समय तक उस हिस्से पर मालिश के रूप में किया जाए तो जल्द ही उसमें रक्त का संचार होना शुरू हो जाएगा तथा वह हिस्सा पुनः कार्य करने में सक्षम हो जाता है।
- पुराने वात रोगों में कुछ समय तक लगातार नारायण तेल का उपयोग मालिश के रूप में करने पर लाभ मिलता है।
- Narayan Tel in Hindi का उपयोग बालक, वृद्ध, जवान, बूढ़े, गर्भवती स्त्री सभी समान रूप से कर सकते हैं।
- नारायण तेल हड्डियों को मजबूत करने, नसों और चमड़ी को मजबूती प्रदान करने में विशेष रूप से सहयोग करता है।
- Narayan Tel in Hindi का उपयोग गर्भावस्था के दौरान पैरों में होने वाले ऐंठन आदि की समस्या में भी मालिश के रूप में कर सकते हैं।
- लकवा के कारण क्षति ग्रस्त हुए शरीर के किसी हिस्से में यदि लगातार Narayan Tel in Hindi से मालिश की जाए तो उस हिस्से में जल्द ही रक्त का संचार होने लगता है और वह हिसा पुनःजीवित हो जाता है अर्थात कार्य करने लग जाता है।
उपयोग विधि | How to Use
इस तेल को बाहरी उपयोग के लिए प्रयोग किया जाता है । अगर आपको कंही पर दर्द या पीड़ा है तो नारायण तेल को हल्का गरम करके उस स्थान पर थोड़े समय के लिए मालिश करनी चाहिए । इस प्रकार से मालिश कुछ दिनों तक करने से वात का शमन होता है और दर्द से मुक्ति मिलती है ।
नारायण तेल का मूल्य | Price
नारायण तेल का मूल्य अलग – अलग फार्मेसी में कुछ भिन्न हो सकता है । जैसे बैद्यनाथ नारायण तेल 100 मिली की मात्रा की पैकिंग का मूल्य रूपए 160 है । वहीँ डाबर के नारायण तेल का मूल्य रूपए 180 है । इसे आप अपने नजदीकी आयुर्वेदिक स्टोर से खरीद सकते हैं या ऑनलाइन भी परचेस किया जा सकता है ।
धन्यवाद ।