फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण: यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग लीवर, एनीमिया, किडनी और पीलिया रोग के इलाज में किया जाता है। यह चूर्ण अनेक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है और यह प्राकृतिक तरीके से लीवर को डेटोक्स करने में मदद करता है । आज हम फलत्रिकादि क्वाथ क्या है, इसके सामग्री और फायदों नुकसान के बारे में जानकारी देंगे
तो ऐसा माना जाता है कि आयुर्वेद में सभी बिमारियों के लिए उपचार प्राकृतिक रूप से प्रकट है । कोई भी रोग इससे ठीक किया जा सकता है । एसे में लीवर के कारण भी शरीर में बहुत सी बीमारियाँ होती है । इन्ही बिमारियों को ठीक करने के लिए फलत्रिकादि क्वाथ का इस्तेमाल होता है । एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की मानें तो यह पीलिया को भी जड़ से ठीक कर देता है ।
तो चलिए जानते हैं इस चूर्ण के बारे में
फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण क्या है? (What is Phaltrikadi Kwath Churna)
यह एक प्रकार की प्राचीन आयुर्वेदिक दवा है जो क्लासिकल होती है । यह क्वाथ आंवला, हरीतकी, विभितकी, निम्ब त्वक, गिलोय आदि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से मिलकर बनी होती है । ऐसा माना जाता है कि यह अपची रोग के लीये बहुत ही उपयोगी है । यह पाचन को ठीक करती है और अपची को ठीक करती है । एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की देख रेख में इस क्वाथ चूर्ण का प्रयोग होता है ।
फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण की सामग्री | Ingredients of Phalatrikadi Kwath / Kashaya
इसमें निम्न सामग्री मिली होती है –
- आंवला
- हरीतकी
- विभितकी
- गिलोय
- बूनिम्ब
- निम्बा त्वक
फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण के फायदे | Benefits of Phalatrikadi Kwath
फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है, जो निम्न प्रकार है
- अपची रोग में: फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण अपची (Dyspepsia) रोग के इलाज में मदद करता है। इसके प्रयोग से पाचन तंत्र सुधारता है और आपके खाने को पचाने में मदद करता है।
- बुखार में: फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण बुखार के इलाज में भी उपयोगी हो सकता है। यह बुखार को कम करने और शरीर की तापमान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- उल्टी की समस्या में: यदि आपको उल्टी की समस्या है, तो इस चूर्ण का सेवन उल्टी को कम करने में मदद कर सकता है और पाचन सिस्टम को स्थिर कर सकता है।
- गैस की समस्या में: इसका उपयोग गैस की समस्या के इलाज में भी किया जा सकता है। यह पेट की गैस को कम करने में मदद कर सकता है और पेट की समस्याओं को दूर कर सकता है।
- लीवर को डेटोक्स करने में: फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण लीवर को स्वस्थ रखने और उसे डेटॉक्सिफ़ाई करने में मदद कर सकता है।
- एनीमिया रोग को ठीक करने में: इस चूर्ण का सेवन एनीमिया (रक्त की कमी) के इलाज में भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कई पोषण तत्व होते हैं जो रक्त की संख्या को बढ़ा सकते हैं।
- पीलिया रोग को ठीक करने में: फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण का उपयोग पीलिया (या जौंडिस) रोग के इलाज में भी किया जा सकता है, क्योंकि यह लीवर के स्वस्थ फ़ंक्शन को सुधार सकता है।
- कृपया ध्यान दें कि फलत्रिकादि क्वाथ चूर्ण का उपयोग किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और रोग के प्रकार पर निर्भर करता है, और इसे केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही करें।
सेवन विधि | Dosage
इसे काढ़ा बनाकर इस्तेमाल किया जाता है । 15 से 20 ग्राम क्वाथ को 150 से 200 मिली पानी में मिलाकर इसे आंच पर चढ़ाएं। और इसे अच्छी तरह पकैयं । जब यह एक चौथाई पानी बचे तो इसे उतार कर छान कर ठंडा करके सुबह – शाम इस्तेमाल करें । इस प्रकार से इस्तेमाल करने से उपरोक्त रोगों में लाभ मिलेगा ।
नुकसान | Side Effects
आमतौर पर इस काढ़े के कोई भी नुकसान नहीं है । एक आयुर्वेदिक चिकित्सक की माने तो अगर इसे बताई गई मात्रा में सेवन किया जाये तो यह पूरी तरह सेफ है । परन्तु अगर इसे अधिक मात्रा में लिया जाये तो सीने में जलन, पेटदर्द और सिरदर्द जैसी समस्या पैदा कर सकती है । अत: एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की नजर में इसका सेवन करना चाहिए । डॉक्टर आपको आपके रो के आधार पर इसकी खुराक निधारित कर देगा जो पूरी तरह से सेफ होगा ।