वात दोष को संतुलित करने के उपाय : वात दोष का एक आर्टिकल पहले भी विस्तार से आपको बता चुके है किन्तु कुछ लोगो के मेल्स आरहे थे इस लिए एक संक्षिप्त आर्टिकल के माध्यम से आज आपको बतायेंगे वात दोष को संतुलित करने के उपाय | वात का प्रमुख गुण रुक्ष अर्थात सूखापन होता है जिससे शरीर में वात दोष के असंतुलित होने से शरीर में रुक्षता बढ़ जाती है | इस लिए बिना किसी देरी किये बढे हुए वात को संतुलित करना अत्यंत आवश्यक है |

आइये जानते है बढे हुए वात दोष को साम्यावस्था में लेन के कुछ आसान से उपाय जिनके माध्यम से वात दोष को आसानी से संतुलन में लाया जा सकता है |
वात दोष को संतुलित करने के उपाय
आज आपको बतायेंगे आसान से उपाय जिनके माध्यम से वात दोष को संतुलित किया जा सकता है -साथ ही यदि आप का वात साम्य अवस्था में है तो उसे प्रकुपित होने से बचाने के लिए भी इन आसान से घरेलू उपायों के द्वारा वात को बैलेंस रखा जा सकता है |
घी का सेवन करता है वात दोष को संतुलित
यदि आपका वात दोष अधिक प्रकुपित हो चूका हो तो आपको नियमित रूप से रात को सोते समय एक गिलास दुध में एक चम्मच देसी गाय का घी डालकर कुछ दिनों तक सेवन करने से शरीर की बढ़ी हुई रुक्षता ठीक होने लगती है साथ ही कब्ज की शिकायत में भी कुछ लोगो को इस प्रयोग से लाभ मिलता है | गी का सेवन करने के दौरान शारीरिक व्यायाम अवश्य करे अथवा लाभ की जगह हानि भी हो सकती है |
मालिश
असंतुलित हुए वात दोष को संतुलित करने के लिए तेल मालिश करना अत्यंत लाभदायक साबित होता हा क्योकि जैसा आपको उपर बताया की वात दोष के बढ़ने से शरीर में सूखापन बढ़ता है ऐसे में बढ़े हुए रूखेपन को ठीक करने में मालिश बहुत फायदेमंद साबित होती है इस लिए नियमित कुछ दिनों के अन्तराल में या प्रत्येक सप्ताह में 3 दिन कम से कम मालिश करे |
लहसुन करे वात दोष को संतुलित
यदि अपनी किचन के मसालों से आप अपने वात दोष को संतुलित करना चाहते हो तो आपके लिए लहसुन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है | सप्ताह में कम से कम एक दिन लहसून की चटनी का सेवन करे या लहसुन का सूप बनाकर सेवन करने से वात दोष में आराम मिलता है |
शारीरिक व्यायाम
वात दोष को संतुलित करने में व्यायाम का महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है | क्योकि शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने में व्यायाम का लाभ देख्नते ही बनता है ऐसे में नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करना फायदेमंद साबित होता है | यदि आपको योग के बारे में अधिक जानकारी नहीं है अर्थात आपने कभी योग का अभ्यास किसी एक्सपर्ट कि देखरेख में नहीं सिखा है तो आप किसी एक्सपर्ट कि देखरेख में योग का अभ्यास शुरू करके अपने वात को पूरी तरह से बैलेंस रख सकते हो |
आयुर्वेद दवाओ के द्वारा करे अपने बढे हुए वात को संतुलित
बढे हुए वात दोष के लिए आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेद में 84 प्रकार के वात रोगों के वारे में बताया गया है ऐसे में आप समझ सकते हो कि वात से सम्बंधित सभी प्रकार के रोगों में आयुर्वेद चिकित्सा सबसे बेहतर चिकित्सा है | यदि आपका वात दोष बढ़ गया है तो आप आयुर्वेद में वर्णित शास्रोक्त आयुर्वेदिक दवा जैसे एकांगवीर रस, वातकुलान्तक रस, योगराज गुग्गुल, जॉइंट स्टैमिना , लाक्षादी गुग्गुल, महाराष्नादी काढ़ा, दशमूलारिष्ट, अश्वगंधारिष्ट आदि ऐसी आयुर्वेदिक दवा है जिनका सेवन करके बढे हुए वात दोष को ठीक किया जा सकता है |
बढ़े हुए वात दोष के लिए डाइट
यदि आपका वात दोष बढ़ा हुआ है तो आपको रूखे खाने से बचना चाहिए साथ ही ध्यान रहे अपने सुबह के नाश्ते में कच्ची सब्जियों और फलो को अवश्य शामिल करे | जिससे अधिक फाइबर जाने से आपका पाचन सही रहेगा पचना सही रहने से आपका वात दोष कम होने लगेगा | ध्यान रहे यदि आपके स्किन में रूखापन दिख रहा हो तो रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पिने से स्किन में आया हुआ रुखापन ठीक हो जाता है |


