सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त : सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त एक एंटी – एजिंग क्लासिकल आयुर्वेद औषधि है | इसका सेवन मुख्यतः मानसिक व्याधियो में अधिक करवाया जाता है | इसके साथ ही sarashwatarisht gold के सेवन से बल, मेधा, ओज, स्मृति शक्ति, बुद्धिवर्धक, वीर्य वर्धक होने से वाणी में रुकावट अर्थात हकलाना, स्ट्रेस, मानसिक अवसाद, याददास्त, अनिंद्रा जैसी समस्याओ में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे अत्यंत कम समय में देखे गये है | जिनकी विस्तार से चर्चा करेंगे |
आज इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बतायेंगे सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे नुकसान और उपयोग विधि के बारे में विस्तार से –
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के घटक द्रव
सारस्वतारिष्ट के निर्माण में उपयोग ली जाने वाली जड़ी बूटियों के बारे में उनकी उपयोग की जाने वाली मात्रा के साथ जाने –
मिश्री | 1200 ग्राम |
ब्राह्मी | 1 किग्रा पञ्चांग |
विदारीकंद | 300 ग्राम जड़ |
हरीतकी | 300 ग्राम फल मज्जा |
उशीर | 300 ग्राम जड़ |
अदरक | 300 ग्राम कंद |
मिशी | 300 ग्राम फल |
जल | 12 लीटर |
शहद | 600 ग्राम |
धातकी पुष्प | 300 ग्राम |
रेनुका बीज | 300 ग्राम |
कालीमिर्च | 15 ग्राम |
त्रिवृत | 15 ग्राम |
लोंग | 15 ग्राम |
वचा | 15 ग्राम कंद |
कुष्ठ | 15 ग्राम जड़ |
अश्वगंधा | 15 ग्राम जड़ |
बहेड़ा | 15 ग्राम जड़ |
गिलोय | 15 ग्राम |
इलायची | 15 ग्राम |
विडंग | 15 ग्राम |
दालचीनी | 15 ग्राम |
स्वर्ण पत्र | 15 ग्राम |
सौंफ | 15 ग्राम |
निर्गुन्डी | 15 ग्राम |
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त बनाने की विधि
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त बनाने के लिए सबसे पहले आपको ब्राह्मी, शतावरी, विदारीकन्द, अश्वगंधा, हरितिकी , उशीर, अदरक, सौंफ को यवकूट करके पानी में मन्दाग्नि पर उबाला जाता है | जब काढ़ा तैयार हो जाये अर्थात पानी एक चौथाई शेष रह जाये तब ठंडा करके छान ले | इसके पश्चात बाकी बची हुई औषधियो को मिक्स करके किसी मिटटी के घड़े या सोने के पात्र में रख दे | बर्तन के मुह को मिटटी और कपडे से अच्छे से बंद कर दे | और एक माह के लिए FERMANTATION के लिए रख दे |
एक महीने बाद ध्यान रहे स्वर्ण पत्र को अच्छे से जांच करे की पानी में अच्छे से मिक्स हो गया है या नही | यदि स्वर्ण पत्र अच्छे से मिक्स हो गये हो तो सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त छानकर किसी पात्र में रख ले |
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सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे
आयुर्वेद में नाड़ी संस्थान अर्थात नर्वस सिस्टम से सम्बंधित व्याधियो में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का उपयोग अतिशीघ्र फायदा देने वाली आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त औषधि बताया गया है | इसका सेवन करने से बहुत से जटिल रोगों को को जड़ से ठीक किया जा सकता है |
जननेन्द्रियो की दुर्बलता
बहुत से लोगो की जननेंद्रिय विकसित नहीं हो पाती है ऐसे लोगो के लिए सिद्ध मकरध्वज और वंग भस्म को 125-250 मिग्रा की मात्रा में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के अनुपान से सेवन करने से जननेंद्रिय पुष्ट होती है | इसका सेवन करने से पुरुषो में टेस्टिज और महिलाओ के अंडाशय में हार्मोन्स संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाता है |
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त कायाकल्प रसायन
यदि आपका शरीर अत्यंत दुर्बल हो गया है तो आपको हष्टपुष्ट बनाने में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त रसायन का सेवन करने से आपकी कायाकल्प होने लगेगी इसका वर्णन आयुर्वेद शास्त्रों में विस्तार से किया गया है की सामान्य तौर पर लम्बी आयु को स्वस्थ रह कर गुजरने में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त अत्यंत हेल्पफुल साबित होता है जिसका सबसे बड़ा कारण है इसके गुणों की प्रबलता |
अनिंद्रा
जिन लोगो को नींद की समस्या की परेशानी रहती है उनके लिए सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे लेने से अनिंद्रा की शिकायत दूर हो जाएगी | सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त की सामग्री के परिणाम अनिंद्रा जैसी समस्या के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होते है | हमने हमारे बहुत से रोगियों पर सारस्वतारिष्ट का सेवन रात को सोने से पहले 30 मिली सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त में 50 मिली पानी मिलाकर घूँट-घूँट सेवन करवाने से आशातीत लाभ प्राप्त होते है | यह मात्रा केवल एक संकेत है रोगी व्यक्ति के बल पृकृति के आधार पर औषध मात्रा कम ज्यादा हो जाती है |
मानसिक तनाव में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे
जो लोग अत्यधिक मानसिक कार्य करते है उनमे अक्सर मानसिक तनाव की समस्या होना आम बात है | ऐसे में उन लोगो में चिडचिडापन बढने लगता है | बढ़ा हुआ चिडचिडापन उनके पारिवारिक और सामाजिक रिश्तो में तनाव पैदा कर देता है | ऐसे में इन्सान और अधिक मानसिक तनाव में जाते ही जाता है ऐसे लोगो के लिए सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन चिकित्सक किओ देखरेख में करवाने से अधिक लाभ प्राप्त होता है |
मिर्गी में सारस्वतारिष्ट के फायदे
पित्त की अधिकता के साथ वात का अधिक बढ़ जाने से मिर्गी की समस्या हो जाती है साथ ही नर्वस सिस्टम कमजोर होने लगता है ऐसे में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन करने से बढे हुए वात और पित्त का शमन कर देता है और मिर्गी की समस्या में लाभ मिलता है |
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त में स्वर्ण पत्र अश्वगंधा आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते है | और इम्युनिटी पॉवर की हमारे जीवन में भूमिका को आप भलीभांति जानते ही हो |
स्मरण शक्ति बढ़ाने में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के उपयोग
विधार्थी जीवन में याददास्त एक बड़ी समस्या रहती है ऐसे में याददास्त कमजोर होने से उसका सीधा प्रभाव उनके परीक्षा परिणाम पर पड़ता है | याददास्त बढ़ाने और सिजोफ्रेनिया से बचने में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे देखे गए है | बुढ़ापे में भूलने की समस्या में बहुत लाभदायक होती है | ब्राह्मी और स्वर्ण पत्र की उपस्थिति स्मरण शक्ति को बढ़ाने में लाभदायक सिद्द होती है |
रजोनिवृति के बाद लक्षणों में बैधनाथ सारस्वतारिष्ट के फायदे
अक्सर देखा जाता है की रजोनिवृति के बाद महिलाओ में नींद की समस्या , चक्कर आना, चिडचिडापन का अधिक बढ़ जाना, स्मरण शक्ति कमजोर होना, अत्यधिक थकान रहना, सिरदर्द, तनाव, कामेच्छा में कमी, ह्रदय गति का अस्थिर होना, भूलने की समस्या रहना आदि समस्या बढ़ जाती है | ऐसे में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन करने से काफी बेहतर परिणाम देखने को मिलते है |
हकलाने की समस्या में सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे
अक्सर आजकल देखा जाता है की बहुत अधिक मात्रा में छोटे बच्चो को हकलाने की समस्या देखि जा रही है जिसका कारण गर्भ के समय न्यूट्रीशन की कमी का रहना या माता को थाइरोइड की समस्या से ग्रसित होना आदि हो सकते है | ऐसे में जिन बच्चो को हकलाने की समस्या रहती है उनके बैधनाथ सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन करवाने से लाभ मिल सकता है | क्योंकि आयुर्वेद शास्त्रों में इसका सेवन वाक्शुद्धिकर बताया गया है |
श्रेष्ठ मेध्य रसायन
डाबर सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के गुणों के बारे में ग्रंथो में विस्तार से बताया गया है जिनमे से कुछ प्रमुख रोग जैसे अवसाद, स्मृति लोप, मनोवस्था सम्बन्धी विकार, हकलाना, स्मरण शक्ति का हास, हृदय की विकलता, पुरुष जननेन्द्रियो सम्बन्धी रोग, महिला अंडाशय सम्बन्धी विकार , अल्झाइमर आदि मानसिक रोगों में अत्यंत लाभदायक परिणाम सारस्वतारिष्ट गोल्ड के देखे गये है |
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन करने से मानसिक तनाव दूर हो जाता है और मन प्रफुल्लित रहता है जिससे इन्सान अपने पारिवारिक सामाजिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर दीर्घायु को प्राप्त करता है |
कुछ महत्वपूर्ण लक्षण जिनमे पतंजली सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त के फायदे
- ऑटिज्म में काम आने वालीप्रमुख आयुर्वेद औषधि
- एकान्तता
- हताश
- बैचनी (Anxity)
- अनिंद्रा
- अत्यधिक गुस्सा आना,
- आत्महत्या के विचार आना
- सिरदर्द
- व्याकुलता
- असामान्य रूप से शरीर का हिलना
- निर्णय लेने में परेशानी होना
- याददास्त में कमी
- बिना किसी शारीरिक कार्यो के भी शारीरिक थकान होना
- आक्रामक व्यवहार
- अवसाद विरोधी
- बुढापारोधी
- चिंता निवारक
- त्रिदोषनाशक
- स्मृति शक्ति वर्धक
- आवाज में स्पष्ट्ता आना
सेवन की विधि और मात्रा
सारस्वतारिष्ट स्वर्ण युक्त का सेवन 10-15 मिली सामान्य रोगियों के लिए किन्तु अवसाद ग्रस्त रोगियों या अनिंद्रा से परेशान रोगियों को सेवन की मात्रा थोडा बढाकर देने से लाभ मिलता है |
सारस्वतारिष्ट के नुकसान
जिन लोगो को किसी रोग की दवा लम्बे समय से चल रही हो उनको आयुर्वेद चिकित्सक से परामश लेने के बाद ही इसका सेवन करे साथ ही जिन लोगो को उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है उन्हें भी इसका सेवन परामर्श के बाद ही करना चाहिए | गर्भिणी को कम मात्रा में सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता किन्तु ध्यान से सेवन करे | अक्सर आयुर्वेद दवाओ का सेवन नुकसानदायक नही होता है किन्तु स्वर्ण भस्म युक्त औषधियों का सेवन बिना चिकित्सक की देखरेख के ना करने से नुकसान हो सकता है |
सारस्वतारिष्ट से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल -जवाब
मुझे सारस्वतारिष्ट गोल्ड कब लेनी चाहिए ?
वैसे तो सारस्वतारिष्ट का सेवन खाने के बाद सुबह शाम दोनों समय करवाया जाता है किन्तु अनिंद्रा और stress में इसका सेवन रात को सोने से पहले अश्वगंधा पाउडर के साथ थोड़ी अधिक मात्रा में करना चाहिए |
सारस्वतारिष्ट की सामग्री क्या है ?
यह 18 जड़ी बूटियों के समिश्रण से तैयार की जाने वाली आयुर्वेद औषधि है सारस्वतारिष्ट की सामग्री – ब्राह्मी, शतावरी, अश्वगंधा, पिप्पल, लोंग,कुठ, बहेड़ा, अदरक, गिलोय. इलायची, विदारी, जालप, विडंग, स्वर्ण पत्र, तेजपता आदि सामग्री का उपयोग किया जाता है |
सारस्वतारिष्ट किस काम आती है ?
आयुर्वेद शास्त्रोक्त सारस्वतारिष्ट नर्वस सिस्टम से सम्बंधित रोगों, तनाव, मानसिक विकार, अनिंद्रा, वाक् सुद्धि, शारीरिक और मानसिक बल बढ़ाने के लिए काम में आती है |
सारस्वतारिष्ट की तासीर क्या है |
जो भी आयुर्वेद औषधि जिनका प्रभाव नेर्वेस सिस्टम पर होता है उनकी तासीर उष्ण होती है ऐसे में सारस्वतारिष्ट गोल्ड की तासीर उष्ण अर्थात गरम होती है |
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