हल्दी के 13 औषधिय प्रयोग: हल्दी के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा । जी हां, यह वही हल्दी है जो प्रत्येक घर की रसोई में उपलब्ध है और जिसका प्रयोग अक्सर हम सौंदर्य रूप को बढ़ाने तथा दर्द को दूर भगाने के लिए करते हैं परंतु क्या आप जानते हैं यह हल्दी सौंदर्य और दर्द के अतिरिक्त और भी अन्य रोगों में उपयोग में ली जाती है। प्राचीन समय से ही हल्दी का उपयोग सौंदर्य को बढ़ाने तथा दर्द को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी हल्दी का औषधि के रूप में प्रयोग प्राचीन समय से ही होता रहा है और आज भी लगातार हो रहा है।
आज हम आपको आयुर्वेद में हल्दी की औषधि प्रयोग के रूप में उपयोग होने के बारे में बताएंगे की आयुर्वेद के अनुसार आप हल्दी को अन्य किन-किन रोगों में उपयोग में ले सकते हैं तथा किस प्रकार हल्दी का उपयोग कर सकते हैं। हल्दी का औषधि के रूप में प्रयोग के बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को अंतिम तक अवश्य पढे। हम आपको हल्दी का औषधि प्रयोग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
हल्दी क्या है? (What is Turmeric)
हल्दी एक पारंपरिक मसाला है जिस का प्रयोग अक्सर प्रत्येक रसोई में सब्जी बनाने में किया जाता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग दर्द को दूर करने तथा सौंदर्य को बनाए रखने के लिए किया जाता है। प्राचीन समय में वैद्य इसका प्रयोग अनेक रोगों को दूर करने में करते थे। आज हम उन्ही हल्दी के औषधि प्रयोग के बारे में जानेंगे। हल्दी में कर्कुमिन नामक एक औषधीय तत्व उपस्थित होता है जो इसे विभिन्न जटिल रोगों की चिकित्सा करने एवं रोगों से लड़ने की शक्ति का संचार करने में हमारी मदद करता है ।
औषधीय गुण
हल्दी में निम्न औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं:
- रस – कटु एवं तिक्त
- गुण – लघु एवं रुक्ष
- वीर्य – उष्ण
- विपाक – कटु
- रोगप्रभाव – त्रिदोष हर (वात, पित्त एवं कफ)
हल्दी के 13 औषधीय प्रयोग
- कृमि- कृमि अर्थात कीड़े अक्सर आपने सुना होगा कि पेट में कीड़े पड़ गए हैं। ऐसी स्थिति में आधा चम्मच पीसी हुई हल्दी को गर्म पानी से दो सप्ताह तक सुबह- शाम दो बार लेने से पेट के सभी कीड़े मर जाते हैं।
- फोङा- जब शरीर के किसी बाहरी हिस्से पर फोड़ा हो जाए तो एक प्याज हो आग में सेक कर उसकी चार परत लेकर उन पर पिसि हुई हल्दी डालकर जितना गरम सहन हो सके उतनी गर्म परते फोड़े पर रखकर ऊपर से पीपल का पत्ता रखकर उस पर पट्टी बाध दें। इस प्रकार नित्य सुबह शाम दो बार पट्टी करें। ऐसा करने पर या तो फोङा बैठ जाएगा या पककर फूट जाएगा।
- टाॅन्सिलाइटिस- गले में अक्सर जुकाम या खांसी के कारण छोटी-छोटी गांठे हो जाती है जिन्हें टाॅन्सिलाइटिस कहते है। ऐसा होने पर पिसी हुई आधा चम्मच हल्दी एक कप गर्म दूध में घोलकर रात को सोते समय कुछ दिन लगातार पिएं। इससे जल्द ही लाभ देखने को मिलेगा।
- अस्थमा रोग में- पिसी हुई हल्दी 60 ग्राम में चार चम्मच शुद्ध देसी घी डालकर सेक कर शीशी में भर लें। इसकी आधा चम्मच प्रतिदिन दिन में तीन बार गर्म दूध से लें। खांसी, श्वास में आराम आएगा और दमा का दौरा नहीं पङेगा।
- नाखून पकने पर- नाखून पक जाए तो गेहूं का आटा कपड़े में छान कर पीसी हुई हल्दी और पानी मिलाकर सेंक करें वह बाधें। जल्द ही नाखून ठीक हो जाएगा।
- दर्द में – एक गिलास गर्म दूध में एक चाय की चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से शरीर का दर्द दूर हो जाता है।
- सौंदर्य वर्धन में- सौंदर्य को बढ़ाने के लिए अक्सर हल्दी का प्रयोग किया जाता है। दूध की मलाई में हल्दी मिलाकर चेहरे पर मलने से दाग धब्बे मिटकर सौंदर्य निखर जाता है। इसके अतिरिक्त हल्दी और तिल समान मात्रा में पानी डालकर पीस कर चेहरे पर मलने से झाइयां दूर हो जाएगी।
- चोट लगने पर हल्दी का प्रयोग- कहीं भी चोट लग गई हो और सूजन आ गई हो तो दो चम्मच हल्दी लेकर उसमें एक चम्मच चूना मिलाकर लेप करें। दर्द दूर हो जाएगा और सूजन भी धीरे-धीरे कम हो जाएगी।
- पीलिया होने पर- एक चम्मच पिसी हुई हल्दी, दो चम्मच दही में मिलाकर चाटने से पीलिया में जल्द ही लाभ मिलता है।
- रक्त शोधक है हल्दी- आधी चम्मच हल्दी, एक चम्मच पिसा हुआ आंवला मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से रक्त शुद्ध होता है।
- मर्दाना शक्ति वर्धक है हल्दी- कच्ची हल्दी का रस दो चम्मच, समान भाग शहद में मिलाकर रोजाना पीने से मर्दाना कमजोरी दूर हो जाती है। इसके अतिरिक्त पिसी हुई हल्दी 250 ग्राम गाय या भैंस के घी में सेंक कर, पीसी हुई मिश्री ढाई सौ ग्राम मिला ले। अब एक चम्मच रात को सोते समय गर्म दूध के साथ लेने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है तथा वीर्य गाढ़ा होता है।
- निमोनिया में – लहसुन की दो गांठ, तीन छुहारे, पीसी हुई हल्दी एक चम्मच आधा किलो दूध में मिलाकर अच्छी तरह से उबाल लें। उबालने के बाद ठंडा करके रख ले। पीने जैसा ठंडा होने पर छुहारे खा जाए तथा ऊपर से दूध पी ले। उसके बाद ओढ़ कर सो जाएं। यह ध्यान रखें की बदन को हवा न लगे। इससे निमोनिया में बहुत लाभ देखने को मिलता है। यह दो-तीन दिन लेने से ही निमोनिया ठीक हो जाता है और बच्चों को इसकी आधी मात्रा में दें।
- खांसी जुखाम में हल्दी का उपयोग- खांसी जुखाम में हल्दी का प्रयोग के बारे में तो सभी जानते होंगे। जुखाम होने पर पांच काली मिर्च पीसकर आधा चम्मच हल्दी में मिलाकर पानी के घोल के साथ पी जाएं, जुखाम ठीक हो जाएगा। यदि जुखाम के बाद खांसी हो तो एक चम्मच हल्दी एक कप गरम दूध में घोलकर पी जाए। लाभ होगा। इस प्रयोग को करने के बाद 1 घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए।
इस प्रकार से आप हल्दी के इन औषधीय उपयोगों का इस्तेमाल करके उपरोक्त रोगों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं । अगर आप हल्दी के बारे में अन्य जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखें । हमारा प्रयत्न रहेगा आपकी क्वेरी को किसी पोस्ट में उत्तर दें ।
धन्यवाद ।