आयुर्वेदाचार्यो ने शारीरिक दोषों की संख्या तीन बताई है वात पित्त और कफ | ये तीन दोष जब तक साम्यावस्था में रहते है तब तक तब तक हम स्वस्थ है किन्तु इनके प्रकुपित होने की स्तिथि में संभवतः रोगोत्पत्ति की सम्भावना बनी रहती है | वात पित्त कफ दोषों से अनेको रोगों की उत्पत्ति होती […]