वात दोष क्या है : वात दोष की उत्पत्ति वायु और आकाश तत्त्वों से होती है | चरक संहिता में वात दोष का मतलब वायु से उत्पन्न होने वाले दोष को वात दोष कहा जाता है आयुर्वेद शास्त्रों में 80 प्रकार के वात रोग बताये गये है जिनका वर्णन आगे किया जायेगा | आयुर्वेद में […]
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अगरादी धूप (कल्पित योग) बनाने की विधि और फायदे
परिचय अगरादी धुप आयुर्वेद शास्त्रों का धूपन करने हेतु कल्पित योग है | जिसका उपयोग आयुर्वेद शास्त्रों में पर्यावरण शुद्धि के लिए उपयोग किया जाता रहा है | यदि अगरादी धुप का उपयोग हवन सामग्री के साथ किया जाये तो इसके परिणाम और भी बेहतर हो जाते है | कुष्ट रोगियों के रूम में अगरादी […]
भ्रामरी प्राणायाम विधि,सिद्धांत,लाभ,सावधानिया
भ्रामरी प्राणायाम परिचय :- भ्रमर का तात्पर्य ‘’भोंरा’’ होता है इस प्राणायाम को भ्रामरी इस लिए कहा जाता है कि रेचक करते समय जो ध्वनि या आवाज होती है वह भोंरे की आवाज के समान होती है |भंवरे की आवाज जितनी मधुर होती हैं इसके अभ्यास से भी उतने ही अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। […]


