Godanti Bhasma in Hindi: गोदंती भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है जो भस्म के रूप में उपलब्ध होती है । आप सभी को बता दें की गोदंती भस्म एक क्लासिकल आयुर्वेदिक उपचार है जिसका अधिक जानकारी हमें आयुर्वेदिक सार – संग्रह book में प्राप्त होता है । अगर आप इस भस्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ें क्योंकि हमने यहाँ गोदंती भस्म क्या है?, इसके फायदे, सामग्री, नुकसान और खुराक आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई है ।
यह भस्म बुखार, खांसी, दर्द और जलन जैसे रोगों में विशेषकर उपयोगी मानी जाती है । आज के इस पोस्ट में आपको इस भस्म के बारे में सभी जानकारियां दी जाएँगी । देखिये जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भस्म को दवा आयुर्वेद ही मानता है और भस्म दवा का एक बहुत महीन Ash फॉर्म होता है जिसमे धातु, जड़ी बूटी आदि को जला कर तैयार किया जाता है । तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि गोदंती भस्म क्या होती है ।
गोदंती भस्म क्या होती है ? | What is Godanti Bhasma in Hindi?
गोदन्ती भस्म एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो जिप्सम से तैयार की जाती है। इसका उपयोग सिरदर्द, क्रोनिक बुखार, ल्यूकोरिया, दर्द, जुकाम, खांसी और जलन आदि के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। इस दवा को किसी विशेषज्ञ के परामर्श और निर्देशन के बाद ही उपयोग करना चाहिए ।
एक आयुर्वेदिक दवा होने के कारण इस दवा के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है । परन्तु आपको बता दें कि भस्म औषधियाँ अधिकतर धातुओं से बनती है अत: एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही इनका इस्तेमाल करना चाहिए । अगर आप लम्बे समय से इन्हें लेना चाहते हैं तो गोदंती भस्म के बारे में आपको किसी विशेषज्ञ से जानकारी ले लेनी चाहिए ।
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गोदंती भस्म की सामग्री (Composition of Godanti Bhasma)
- जिप्सम – कैल्शियम का अच्छा स्रोत (कैल्शियम सल्फेट डायहाइडेट)
- एलोवेरा – जिप्सम पाउडर को बनाने, प्रसंस्करण और पीसने के लिए
इन दोनों के द्वारा ही गोदंती भस्म बनती है । इसमें सबसे पहले जिप्सम को एक बर्तन में लेकर आंच में रख कर जला दिया जाता है और फिर उसमे एलोवेरा को मिलाकर फिर से तैयार किया जाता है । इस प्रकार से गोदंती भस्म का निर्माण होता है । यह कैल्शियम का अच्छा विकल्प समझा जाता है । एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की मानें तो जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है उनके लिए यह आयुर्वेदिक दवा बहुत लाभकारी है ।
गोदंती भस्म के फायदे (Benefits of Godanti Bhasma in Hindi)
गोदती भस्म एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मददगार साबित हो सकती है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर की ताकत और ऊर्जा स्तर में सुधार हो सकता है, और इसका उपयोग Calcium की कमी को दूर करता है । इसके अलावा, गोदंती भस्म स्त्रियों के स्वेट प्रदर को नियंत्रित करने और वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकता है। इसके निम्न फायदे हैं –
1. ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में मदद
ऑस्टियोपोरोसिस एक सामान्य बीमारी है जिसमें हड्डियों की कमजोरी होती है और इसके कारण हड्डियाँ आसानी से टूट सकती हैं। गोदांती भस्म में प्राकृतिक धातु यानी कैल्शियम होता है जो ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में मददगार साबित हो सकता है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से हड्डियों की मजबूती और घटती हुई हड्डी सामरिकता में सुधार हो सकता है।
2. कैल्शियम बढ़ाने में मदद
गोदांती भस्म एक प्राकृतिक ताकतवर औषधि है जो शरीर में कैल्शियम की कमी और शारीरिक ताकत बढ़ाने में मददगार साबित होती है। यह शारीरिक ताकत को बढ़ाती है, और कैल्शियम को बढ़ाती है।
3. रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता
गोदांती भस्म का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें मौजूद धातुओं के कारण, यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।
4. वजन घटाने में सहायता
गोदांती भस्म वजन घटाने में सहायता कर सकता है। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से वजन घटाने के साथ-साथ सेहत को भी सुधार मिल सकती है।
5. त्वचा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
गोदांती भस्म त्वचा स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हो सकता है। इसका नियमित सेवन त्वचा के रंग, चमक, और ताजगी को बढ़ा सकता है। इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की स्वस्थता और ताजगी बढ़ती है और त्वचा के रंग में भी सुधार हो सकता है।
6. बुखार में गोदंती भस्म के फायदे
तीव्र बुखार में ऐसा माना जाता है कि गोदंती भस्म एक बहुत अच्छी विकल्प आयुर्वेदिक है । गोदंती भस्म के सेवन से बुखार का आतंक खत्म होता है । शरीर में बुखार के कारण आई कमजोरी को भी दूर करने में मदद कर सकती है । एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से इसके खुराक का निर्धारण करवाके अन्य दवाओं के साथ भी इसका सेवन किया जाता है ।
गोदंती भस्म की खुराक
इसकी खुराक बहुत छोटी सी होती है । एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की परामर्श लेकर आप इसकी खुराक का अपने रोग अनुसार पता लगा सकते हैं । सामान्यत: गोदंती भस्म को सुबह शाम 125 mg से लेकर 250 mg तक शरीर के वजन के आधार सेवन किया जाता है । आप एक चिकित्सक से इसके उपचार के बारे में पता कर सकते हैं ।
प्रश्नों के उत्तर
1. गोदंती भस्म का सेवन कैसे करें?
गोदांती भस्म का सेवन करने से पहले आपको एक विशेषज्ञ वैद्य से सलाह लेनी चाहिए। वैद्य आपकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर आपको सही मात्रा और उपयोग की जानकारी देंगे। आमतौर पर, गोदांती भस्म को दूध या घी के साथ लेना सुझाया जाता है।
2. क्या गोदंती भस्म के कोई दुष्प्रभाव हैं?
गोदंती भस्म का उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। अगर आप इसे अधिक मात्रा में लेते हैं तो इससे कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि पेट में तकलीफ, उल्टी, और चक्कर आना। इसलिए, इसे नियमित मात्रा में लेने के लिए अपने वैद्य से सलाह लें।
3. क्या गोदंती भस्म को सभी लोग उपयोग कर सकते हैं?
नहीं, गोदंती भस्म का उपयोग करने से पहले आपको अपने वैद्य से परामर्श लेना चाहिए। कुछ लोगों के लिए यह अनुशंसा नहीं की जाती है, जैसे कि गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, और कुछ अन्य रोगों के मरीज। इसलिए, सभी लोगों को इसे उपयोग करने से पहले वैद्य से परामर्श करना चाहिए।
4. गोदंती भस्म को कैसे स्टोर करें?
गोदंती भस्म को स्वस्थ रखने के लिए उचित स्थान पर स्टोर करें। इसे ठंडी और सुखी जगह पर रखें और नमी और धूप से बचाएं। इसे बच्चों और पालतू जानवरों के पहुंच से दूर रखें।
5. क्या गोदंती भस्म पर कोई विशेष सावधानी बरतानी चाहिए?
हां, गोदंती भस्म का उपयोग करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। इसे अधिक मात्रा में न लें और अपने वैद्य की सलाह के बिना इसका उपयोग न करें। इसे संयम से और नियमित रूप से उपयोग करें। अगर आपको कोई अनुभवित दुष्प्रभाव या अच्छा परिणाम नहीं मिल रहा है, तो तुरंत अपने वैद्य से संपर्क करें।