icon

Getting all of the Ayurveda Knowledge from our Ayurvedic blog.

We are 5 year old website in Ayurveda sector. Providing you regular new article on Ayurveda. You can get Herbs, Medicine, Yoga, Panchkarma details here.

+91 9887282692

A 25 Flat 4, Shantinagar, Durgapura, Jaipur Pin code - 342018

निर्गुन्डी के फायदे

निर्गुन्डी का परिचय व फायदे

परिचय

निर्गुन्डी सभी प्रकार के वात रोगों की प्रधान औषधि के रूप में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है | निर्गुन्डी के पोधे सभी जगह बड़ी आसानी से उग जाते है | इसके पत्तो को मसलने से एक अजीब सी गंध आती है | इसके पुष्पों के आधार पर कई भेद पाए जाते है जिनमे सफेद. नीला, काले पुष्प के आधार पर निर्धारण किया जाता है | किन्तु भावप्रकाश में इसके नीले पुष्प के भेद को ही श्रेष्ट निर्गुन्डी के फायदे के रूप में माना गया है |

निर्गुन्डी के फायदे
निर्गुन्डी के फायदे

इसको स्थान वे भाषा के आधार पर अलग अलग नामों से पहचाना जाता है – निर्गुन्डी, सिरवार, नीलसिंदुक, नागोड़ा, नोची, सम्भालू, नीलमन्जरी, कपिका, निर्गुर, शिवा, शीतभीरु, इंद्रसुरस, समालू आदि | निर्गुन्डी का वैज्ञानिक नाम vitex Agnus castus और अंग्रेजी नाम Five Leaved chaste tree होता है |

रासायनिक संघटन

निर्गुन्डी में सिटोस्टेरोल, वैनेलिक, केरोटिन, ल्युटीओलिन, लिमोनिन, लिनालूल, फेलेंड्रींन, नोनाकोसेन, सिट्राल आदि तत्व मौजूद रहते है |  निर्गुन्डी में एंटीइन्फ्लामेंट्री व् एंटीबेक्टिरियल गुण पाए जाते है |

निर्गुन्डी के फायदे

साइटिका में निर्गुन्डी के फायदे

जिन लोगो को साइटिका की समस्या रहती है उनके लिए निर्गुन्डी के 10 पत्ते, हरसिंगार के 10 पत्ते, और मोरिंगा की छाल 10 ग्राम लेकर काढ़ा बनाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से साइटिका के दर्द से छुटकारा मिल जायेगा |

स्लिपडिस्क (कमर दर्द) में निर्गुन्डी के फायदे

10 मिली निर्गुन्डी के रस में 10 मिली एरंड तेल मिलाकर कुछ दिन सेवन करने से स्लिपडिस्क सहित कमर दर्द आदि सभी वात व्याधियो में आराम मिलता है |

शीघ्रपतन नाशक निर्गुन्डी

जिन लोगो को शीघ्रपतन की समस्या रहती है उनको 50 ग्राम निर्गुन्डी की जड़ का पाउडर 25 ग्राम सोंठ पाउडर को मिलाकर 8 खुराक बना कर रोज सुबह एक खुराक गाय के दूध के साथ लेने से शीघ्रपतन की समस्या में आराम मिलता है | साथ ही निर्गुन्डी मूल का पेस्ट बनाकर शिश्न पर लगा कर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दे उसके बाद साफ़ पानी से धो लेने से कुछ ही दिनों के प्रयोग के बाद शिश्न का ढीलापन दूद हो जाता है | साथ ही मेहन स्नान किया जाये तो अधिक लाभ प्राप्त होगा |

अंडकोष की सूजन में निर्गुन्डी के फायदे

निर्गुन्डी के पत्तो का लेप अन्डकोशो पर लगाने से अन्डकोशो की सूजन में लाभ मिलता है | क्योकि इसके पत्तो में एंटीइन्फ्लामेंट्री गुण पाए जाते है |

सुखपूर्वक प्रसव में निर्गुन्डी के फायदे

निर्गुन्डी के पंचांग का पेस्ट बनाकर प्रसव होने वाली स्त्री की नाभि प्रदेश में लगाने से सुखपूर्वक प्रसव होने की सम्भावना रहती है |

फैटी लीवर में निर्गुन्डी के फायदे

जिन लोगो का लीवर बढ़ गया हो उनको निर्गुन्डी के पत्तो के चूर्ण में हरीतकी मिलाकर गोमूत्र से सेवन करने से राहत मिलती है साथ ही सुबह एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और 15 मिली एप्पल का सिरका डालकर पीने से राहत मिलती है |

सिरदर्द में निर्गुन्डी के फायदे

निर्गुन्डी पे पत्तो का पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है |

गठिया में निर्गुन्डी है फायदेमंद

100 मिली तिल तेल में निर्गुन्डी के पत्तो को डालकर अच्छे से पकाले उसके बाद  ठंडा होने पर उसमे 20 ग्राम कपूर डालकर किसी कांच की बोटल में भरकर रख ले | इस तेल से रोज सुबह शाम जोड़ो पर मालिश करने से गठिया के दर्द में राहत मिलती है |

बालो की सेहत सुधारे निर्गुन्डी

जिन लोगो को बालो में रुसी या जूं की शिकायत रहती है उनको निर्गुन्डी के पत्तो को सरसों के तेल में उबालकर लगाने से बालो से सम्बंधित समस्याओ से छुटकारा मिल हटा है साथ ही इसके नियमित उपयोग करने से बालो को पोषण मिलता रहता है जिससे सफेद बाल नही होते है |

पुराने घावो को भरने में निर्गुन्डी है कारगर

जिन लोगो को पुराने घाव हो जाते है और ठीक नही हो पा रहे है उनको एक बार यह प्रयोग जरूर करना चाहिए निर्गुन्डी के पत्ते 5, भृंगराज के पत्ते 5, अपामार्ग के पत्ते 5 सभी का पेस्ट बनाकर घाव पर लगाने से कुछ ही दिनों में घाव ठीक हो जायेगा | यह प्रयोग हमारे द्वारा अनुभूत है |

पाचन सम्बन्धी गड़बड़ियो को सुधारे निर्गुन्डी

जिन लोगो को पाचन सम्बन्धी शिकायत रहती है उनको निर्गुन्डी पत्र स्वरस 10 मिली में 4 कालीमिर्च चुटकी भर अजवायन मिलाकर सेवन से कुछ ही दिनों में सेवन करने पाचन ठीक हो जाता है |

बांझपन में निर्गुन्डी के फायदे

10 ग्राम निर्गुन्डी पावडर को रात को 200 मिली पानी में भिगोदे | सुबह 10 ग्राम गोखरू पावडर मिलाकर काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करे ले | इस प्रयोग को मासिकधर्म खत्म होने से साथ दिनों तक नियमित करे एस्सके सेवन से प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के स्तर में सुधार होता है जिससे स्त्री गर्भधारण करने योग्य हो जाती है |

यदि आपको हमारा लेख पसंद आया हो तो कृपया शेयर करना ना भूले

डॉ.रामहरि मीना

श्री दयाल नैचुरल स्पाइन केयर जयपुर

धन्यवाद !

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

Written by

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
नमस्कार आप अपनी स्वास्थ्य संबंधिय समस्याएँ परामर्श कर सकते हैं । हमें जानकारी उपलब्ध करवाएं