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अनुलोम विलोम के 101 फायदे

अनुलोम विलोम के 101 फायदे

अनुलोम विलोम के 101 फायदे : आपमें से बहुत से लोगो के दिमाग़ में एक टॉपिक बार बार घूमता रहता है की जिस भी किसी योग की बुक में पढ़ते है सभी बीमारियों। व अनुलोम विलोम करने की सलाह दी जाती है ऐसे में आज इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे अनुलोम विलोम के 101 फायदे के बारे में विस्तार से बने रहे आर्टिकल में अंत तक पढोगे तो आपको अनुलोम विलोम के ऐसे ऐसे फायदे मालूम चलेंगे की आप सोचोगे इसके इतने फायदे होने के बावजूद हम क्यों नही करते है और आप आज से ही अनुलोम विलोम करके इसके बेहतरीन फायदे लेने का प्रयास करोगे किन्तु ध्यान रहे किसी भी योग प्राणायाम का सम्पूर्ण लाभ लेने के आगे बत्ताए अनुसार अभ्यास करने पर ही सम्पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हो –

अनुलोम विलोम के 101 फायदे
अनुलोम विलोम के 101 फायदे

साथ ही अनुलोम विलोम से होने वाले 101 फायदे आसानी से ले सकते हो |

कैसे करे अनुलोम विलोम जाने सही तरीका

आप में से बहुत से लोग अनुलोम विलोम का अभ्यास तो करते है लेकिन लाभ नही मिलता है जिसका कारण भी आप स्वम ही हो सकते हो | आज आपको बताते है अनुलोम विलोम के 101 फायदे लेने के लिए कैसे अभ्यास करे जिसे आपको प्रॉपर फायदे मिल सके | सबसे पहले किसी साफ़ सुथरी जगह पर या अपने होम गार्डन में अपना योगा मेट बिछाकर सबसे पहले सुखासन में बैठ जाये | ध्यान रहे की अपना मुख पूर्व दिशा की और रखना है बेठने के पश्चात अपनी दाई नासिका को हाथ के अगुठे से बंद करेगे और बायीं नासिका से श्वास को अंदर खीचेगे और दाई नासिका से बहार छोड़ेगे | इसके बाद दायी नासिका से स्वास लेना है और बायीं नासिका से स्वास को बहार छोड़ना है | यही क्रिया आपको पांच-दस बार करना है | ऐसा करनेस से पहले आपको एक और महत्वपूर्ण काम करना है यदि आप अनुलोम विलोम के 101 फायदे लेना चाहते हो तो आपको अनुलोम विलोम करने से पहले अपनी दोनों नासिकाओ में गाय का देसी घी लगाना अत्यंत आवश्यक है |

अनुलोम विलोम के 101 फायदे

आपने अनुलोम विलोम प्राणायाम के बारे में केवल इतना ही सुना होगा कि लेफ्ट नासिका से साँस लेना और राइट नासिका से साँस छोड़ना ! राइट से लेना और लेफ्ट से छोड़ना ! या इड़ा नाड़ी से पूरक पिंगला से रेचक करना ही अनुलोम विलोम है जबकि इड़ा पिंगला नाड़ी से पूरक रेचक का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी होता है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते है ।

अनुलोम विलोम के 101 फायदे

इड़ा पिंगला नाड़ी से स्वास प्रश्वास का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अनुलोम विलोम में सास लेना और छोड़ने का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण होता हैं जिसके बारे में आप में से कुछ ही लोग जानते है आपको ज्ञात हो तो हमारे दिमाग में दो hemisphere होते है एक दायाँ और एक बायां –

राईट hem isphere दिल से जुड़ा होता है जबकि लेफ्ट hemisphere दिमाग से जुड़ा हुआ होता है | जब भी आप कोई डिसीजन लेते हो तो आपके ये दोनों hemisphere ही आपको कन्फुज करते है दोनों अपने अपने मत देते है उसमे आपको डीसाइड करना होता है की आपको फैसला दिल से लेना है या दिमाग से यदि आप अनुलोम विलोम करते हो तो आपका डिसीजन आपके लिए सही होने की संभावना अधिक होती है | जब हमारी दायी नासिका से स्वास चल रही होती है तो बाये hemisphere की एक्टिविटी बढ़ जाती है |

कैसे काम करती है इड़ा पिंगला नाड़ी

और जब बायीं नासिका से स्वास चल रही होती है तो हमारे दायें hemisphere की एक्टिविटी बढ़ जाती है | अनुलोम विलोम से दोनों ही hemisphere की कार्यक्षमता बढ़ जाती है जिससे सोचने समझने की शक्ति का भी विकास होने लगता है |

जब आपको stress अधिक बढ़ जाता है ऐसे में आपकी लेफ्ट नासिका से स्वास अधिक आने लगता है | वाही जब आप सकारात्मक सोचते हो तो आपकी राईट नासिका तेज चलती है |

जब आप अनुलोम विलोम नियमित करने लगते हो तो दोनों hemisphere संतुलन में हो जाता है और आपकी सुषुम्ना नाड़ी जागृत होने लगती है |

जाने अनुलोम विलोम के 101 फायदे

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बाद अब जानेंगे अनुलोम विलोम के 101 फायदे जिससे आप यदि नियमित अभ्यास करते हो तो आपको मिलेंगे बेहतरीन फायदे चौकाने वाले –

  1. यदि आप नियमित अनुलोम विलोम प्राणायाम लम्बे समय तक नियमित रूप से करते हो तो 72 करोड़, 72 लाख, 10 हजार नादिया शुद्ध हो जाती है |
  2. यदि आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से सफर कर रहे हो तो आप अपनी मेडिसिन के साथ सुबह शाम नियमित 45-45 मिनट अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करते हो तो आपकी नइ कोशिकाओं के निर्माण में ये प्राणायाम सहायक सिद्ध हो सकता है |
  3. इसका नियमित अभ्यास करने से आपकी सहनशक्ति अर्थात किसी भी विषय वास्तु को लेकर धीरज शक्ति बढ़ने लगती है |
  4. आपका नाड़ी संस्थान बेहतर होने लगेगा यदि आप को नर्वस सिस्टम से सम्बंधित कोई समस्या है तो सुधार होने लगेगा |
  5. यदि आपकी निर्णय क्षमता कमजोर है तो आपको अनुलोम विलोम के 101 फायदे जरुर लेने चाहिए इसके अभ्यास से आप यदि लीडरशिप करना चाहते हो तो सफलता हासिल करनेमें आसानी होगी |
  6. इसके अभ्यास से आप क्विक डिसीजन लेने में समर्थ हो जाओगे |
  7. दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ाता है जिससे आप की स्मरण शक्ति बढ़ेगी |
  8. अंग सुन्नता में लगातार लम्बे समय तक अभ्यास करने से लाभदायक साबित होता है |
  9. peace की खोज में हो तो अनुलोम विलोम के 101 फायदे में आपको peace (सुकून) भी दिलाता है |
  10. यदि आप अवसाद या स्ट्रेस से सफर कर रहे हो तो ध्यान करने से पहले अनुलोम विलोम का अभ्यास अवश्य करे ऐसा करने से मैडिटेशन का अधिक लाभ मिलेगा |
  11. श्वसनतंत्र सम्बन्धी रोगों में जैसे नजला, बार- बार छींके आना, नाक से पानी बहना, अस्थमा जैसी समस्याओ में लाभदायक सिद्ध होता है |
  12. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है |
  13. सुषुम्ना नाड़ी को जागृत करने में मददगार साबित होता है |
  14. इसका नियमित अभ्यास आपको आर्थराइटिस से छुटकारा दिला सकता है यदि सही दवाओ के साथ इसका अभ्यास किया जाये तो |
  15. आपके रक्त को शुद्ध करके आपको स्किन सम्बन्धी रोगों से बचाता है |
  16. आपके बढे हुते रक्तचाप को संतुलित कर सकता है |
  17. आपके शरीर में ओक्सिजन की आपूर्ति को बढ़ाता है |
  18. ओक्सिजन की आपूर्ति बढ़ने से आपके फेफड़े स्वास्थ्य हो जायेंगे |
  19. पाचनतन्त्र को सुधारता है |
  20. तनाव को दूर करता है |
  21. अनिंद्रा में राहत देता है |
  22. मांसपेशियों की कार्यक्षमता में सुधार करता है जिससे आपको मांसपेशियो से सम्बन्धी परेशानीयों में आराम मिलेगा |
  23. आँखों के रौशनी बढती है |
  24. त्वचा पर ग्लो आता है |
  25. अनुलोम विलोम यदि आप नियमित अपनी दिनचर्या में शामिल करते हो तो आपके आसपास की वाइब्स सकारात्मक होने लगती है |
  26. अनुलोम विलोम आपको मधुमेह जैसे खतरनाक व्याधि से बचाने में फायदेमंद सिद्ध हो सकता है |
  27. यदि आप वजन घटाने के लिए प्रयास कर रहे हो तो आपको शारीरिक व्यायाम योगाभ्यास आदि के साथ साथ अनुलोम विलोम का अभ्यास भी करना चाहिए |
  28. यदि आपको खर्राटे आते है तो इसका अभ्यास आपको खर्राटे से राहत दिलवाएगा |
  29. गहरी नींद की समस्या रहती है तो इसका अभ्यास आपकी साउंड स्लीप लेने में मददगार साबित होगा |
  30. आपके फेफड़ो की कार्य क्षमता को बढ़ाएगा |
  31. फेफड़ो की कार्य क्षमता बढ़ने से आपको किसी भी शारीरिक काम को करने में अधिक थकान महसूस नही होगी |
  32. मजबूत फेफड़े आपको अच्छी स्विमिंग में हेल्प करेगा | यदि आप तैराकी में अपना कैरियर बनाना चाहते हो तो आपको अनुलोम विलोम सहायक सिद्ध हो सकता है |
  33. यदि आपको हेयर फॉल की परेशानी है तो इसका अभ्यास जरुर करना चाहिए |
  34. झड़ते हुए बालों का कारण बढ़ा हुआ पित्त होता है इसके अभ्यास से आप अपने पित्त को साम्यावस्था में ला सकते हो |
  35. यदि आपको ब्रेन में ट्यूमर है तो इसके अभ्यास से ब्रेन में ऑक्सिजन की पूर्ती होती रहेगी जिससे आपको ट्यूमर में अधिक परेशानी ना होकर आराम मिलेगा |
  36. यदि आपको साइनोसाइटिस की क्रोनिक समस्या है तो इसके अभ्यास से धीरे धीरे आराम मिलेगा
  37. आँखों से एलर्जी की वजह से आने वाला पानी इसके अभ्यास से ठीक हो सकता है |
  38. पेट में होने वाले अलसर में लाभदायक है |
  39. यदि आपके बाल समय से पहले सफ़ेद हो रहे है तो आपको फायदेमंद साबित हो सकता है |
  40. बालों का पकना पालित्य में लाभदायक होता है |
  41. बालों का झड़ना अर्थात खालित्य में लाभदायक है |
  42.  चेहरे पर होने वाले पिम्पल्स में फायदेमंद होता है |
  43. फेस पर होने वाले सफेद चकत्ते इसके अभ्यास से धीरे-धीरे ठीक होने लगते है |
  44. यदि आपको कानो से पानी आने की समस्या है तो इसके अभ्यास से लाभ होगा
  45. यदि आपको कम सुनाई देता है तो कुम्भक के साथ इसका अभ्यास करे लाभ होगा |
  46. आपको कानो से साय-साय की आवाज सुनाई देती है तो इसका अभ्यास भ्रामरी के साथ करे |
  47. कान के पर्दे में छेड़ होने की स्थिति में लाभ होता है किन्तु योग एक्सपर्ट के सानिध्य में करने से |
  48. गले में गलगंड की समस्या हो तो इसके नियमित अभ्यास से लाभ होता है |
  49. गले के कैंसर में इसका अभ्यास सहायक हो सकता है |
  50. टॉन्सिल से परेशान बच्चो को इसका रोज अभ्यास करवाना चाहिए इससे बहुत लाभ मिलता है |
  51. गले में होने वाली cyste में लाभदायक परिणाम देखे गए है |
  52. यदि आपको थाइरोइड की समस्या है तो हरे धनिये की चटनी मिले पानी के साथ इसका अभ्यास लाभ देगा |
  53. थाइरोइड से परेशान लोग कांचनार के पत्तो का लेप गले में लगाकर अनुलोम-विलोम करने से गले की सूजन में शीघ्र लाभ मिलता है |
  54. यदि आपको अम्लपित्त के कारण गले में कण निकलते है तो इसका अभ्यास करे लाभ होगा |
  55. बढ़ा हुआ पित्त यदि खाने के बाद गले तक आता है तो यह लाभदायक होता है |
  56. बढे हुए पित्त के कारण सीने में भारीपन की शिकायत में आराम मिलता है |
  57. कफ और पित्त के कारण होने वाले शिर:शूल में अत्यंत फायदेमंद साबित होता है |
  58. अर्धावभेदक में लाभदायक परिणाम देखे गये है |
  59. माइग्रेन वाले रोगियों को कपूर धारा के साथ अनुलोम विलोम का अभ्यास अत्यंत शीघ्र लाभ दिलाता है |
  60. बार बार मसूड़े पकने की शिकायत रहती है तो लम्बे समय तक दशन संस्कार से मंजन करने के साथ इसका कर्मभ्यास लाभ दिलाता है |
  61. दांतों में कीड़े पड़े हुए है तो भी इसके साथ दशन संस्कार पाउडर के साथ सुबह शाम मंजन करे |
  62.  मुह से बदबू आने की शिकायत रहती हो तो सौंफ के पानी से गंदूस धारण करने के बाद इसका अभ्यास करे |
  63. खाना खाने के तुरंत बाद पेट फूलने की समस्या से परेशान रहते हो तो इसका अभ्यास लाभ दिलाता है |
  64. यदि आप नसों की कमजोरी से परेशान हो तो इससे आराम मिलता है |
  65. कमजोर हुई नसों में ऑक्सिजन की आपूर्ति होने से नसों की कमजोरी में आराम मिलता है |
  66. वेरीकोज वेंस में आराम मिलता है |
  67. यदि आपको पेट में पुराना अल्सर की शिकायत हो तो शंखपुष्पी शर्बत के साथ इसका अभ्यास लाभदायक होता है |
  68. लीवर की कार्यक्षमता में सुधार करता है |
  69. फैटी लीवर में राहत दिलाता है |
  70. फैटी लीवर में यदि इसका अभ्यास पुनर्नवा कल्क के साथ किया जाये तो 7 दिन में ही फैटी लीवर की समस्या से राहत मिल जाती है |
  71. गुर्दे यदि कम करने में आलस्य दिखा रहे हो तो आपको इसका अभ्यास करना चाहिए |
  72. गुर्दे की पथरी में इसके अभ्यास के साथ यदि गोखरू का काढा पिया जाये तो कुछ ही दिनों में राहत मिलती है |
  73. गुर्दे की cyste में राहत दिलाता है |
  74. मधुमेह में लाभदायक है |
  75. मधुमेह में शीघ्र परिणाम लेने के लिए करेले – 4 नीम पत्ते – 100 gm, हल्दी 10 gm लेकर पैरो से रौंदे उसके बाद अनुलोम विलोम और कपालभांति का अभ्यास करने से 15 दिनों में ही आपकी शूगर नार्मल हो जाती है |
  76. कब्ज से राहत दिलाता है |
  77. यदि कब्ज बहुत क्रोनिक हो तो drfindu का कब्जान्तक पाउडर का सेवन 5 ग्राम की मात्रा में रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ करे साथ ही सुबह अनुलोम विलोम का अभ्यास करे पहले ही दिन से लाभ होगा |
  78. सर्वाइकल वाले रोगियों को अनुलोम-विलोम से लाभ होता हो क्यूंकि ऑक्सिजन की सप्लाई अच्छी मात्रा में शरीर में होने पर स्पाइन की कमजोरी में राहत मिलने लगती है |  
  79. ऑक्सिजन लेवल बढ़ने से शरीर में एनर्जी स्टोरेज बढ़ने लगता है |
  80. यदि आपके शरीर में एनर्जी स्तर बेहतर होगा तो आपकी इम्युनिटी पॉवर बेहतर हो जाती है |
  81. अनुलोम विलोम का अभ्यास आपको कर्मप्रिय बनाता है |
  82. इसके अभ्यास से आपकी स्मरण शक्ति बेहतर हो जाती है |
  83. इसके अभ्यास से आप नकारात्मक सोच से बचे रह सकते हो |
  84. अनुलोम विलोम से आप सदैव सकारात्मक शक्ति का बढ़ी हुई होने से आपके निर्णय सही साबित होते है |
  85. इन्सान की सकारात्मकता इन्सान को सफल व्यक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ऐसे में इसका रोज सुबह अभ्यास करना चाहिए |
  86. यदि आप भी अपनी लाइफ में सफलतम व्यक्ति बनना चाहते हो तो आपको आज से ही अनुलोम विलोम के 101 फायदे लेने के लिए इसका अभ्यास करना चाहिए |
  87. त्वचा सम्बन्धी रोगों में इससे लाभ मिलता है |
  88. एक्जिमा में राहत दिलाता है |
  89. आँखों की रोशनी बढ़ाता है |
  90. आँखों से सम्बन्धी रोगों में त्रिफला क्वाथ से धोने के बाद अनुलोम विलोम किया जाए तो आपका चश्मा के नंबर धीरे-धीरे कम होने लगता है |
  91. यदि आपको आंतो में इन्फेक्शन की समस्या रहती है तो आपको अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से राहत मिलती है |
  92. पुराने से पूर्ण कास रोग में राहत दिलाता है |
  93. कुक्कर खांसी में लाभदायक सिद्ध होता है |
  94. सुन्दरता बढ़ाने में फायदेमंद है |
  95. बढे हुए रक्तचाप को ठीक करने में लाभदायक होता है |
  96. अर्जुन छाल को क्षीरपाक विधि से लेने से रक्तचाप में शीघ्र लाभ दिलाता है |
  97. साउंड स्लीप लेने के लिए सोने से पहले इसका अभ्यास करे साथ ही अश्वगंधा पाउडर को दूध के साथ सेवन करे |
  98. मानसिक रोगों में इसका अभ्यास सुबह-शाम दोनों टाइम करने से लाभ मिलता है |
  99. किसी भी प्रकार की मानसिक व्याधि में दवाओ के साथ अनुलोम विलोम का अभ्यास अधिक लाभ दिलाता है |
  100. सर्दी झुकाम और अस्थमा जैसी समस्याओ में इसका अभ्यास रामबाण की तरह कम करता है |
  101. गठिया और यूरिक एसिड में इसके अभ्यास से राहत मिलता है |

इस प्रकार आज आपसे इस आर्टिकल में चर्चा की अनुलोम विलोम के 101 फायदे के बारे में –जैसा की आपके शायद पहली बार पूरी तरह से अनुलोम विलोम के 101 फायदे के बारे में विस्तार से जाना है | ऐसे में यह आर्टिकल कैसा लगा अपनी राय कमेन्ट में जरुर दे जिससे आपको हमारे द्वारा अनुभूत जानकारी को रेगुलर आप लोगो तक शेयर किया जाये |

हमारे द्वारा ऑथेंटिक जानकारी ही इस ब्लॉग के माध्यम से आप लोगो को शेयर की जाती हो | किन्तु ध्यान रहे किसी भी तरह की जानकरी को उपयोग में लेने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श जरुर ले | हमारी टीम से भी आप कंसल्ट कर सकते है |

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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