Avipattikar Churna Benefits in Hindi – यह आयुर्वेद की एक क्लासिकल मेडिसन होती है। जो पाचन संबंधी विकारों को दूर करके जठराग्नि को बढ़ाता है। अविपत्तिकर चूर्ण शरीर में होने वाले पैतिक विकारों के लिए बहुत उपयोगी चूर्ण है। अवि पत्तिकर चूर्ण प्राकृतिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण औषधि है। इसका नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र सुदृढ़ होता है और अन्न को अच्छे से पचाने में मदद मिलती है।

इस लेख में, हम अविपत्तिकर चूर्ण के फायदों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही हम जानेंगे कि इसे कैसे उपयोग किया जाता है और इसके सेवन से संबंधित कुछ सावधानियां भी हैं।
अविपत्तिकर चूर्ण क्या है? | What is Avipattikar Churna
अवि पत्तिकर चूर्ण एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे पाचन तंत्र को सुधारने और विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह चूर्ण बहुत सारे प्राकृतिक तत्वों से बना होता है जैसे कि सोंठ, हरड़, पित्त पापड़ी, अजवायन, निम्बू का निंबूदीप्त, सेंधा नमक, और सुर्यमुखी बीज। यह आपके शरीर के पाचन तंत्र को सुदृढ़ करता है और स्वस्थ पाचन प्रक्रिया को संतुलित करने में मदद करता है।
अविपत्तिकर चूर्ण के घटक | Ingredeints of Avipattikar Churna
अविपत्तिकर चूर्ण बनाने में काम में आने वाली सामग्री की list इस प्रकार हैं
- सोंठ
- पीपल
- कालीमिर्च
- हरङ
- बहेड़ा
- आंवला
- नागर मोथा
- विडनमक
- वायविडंग
- छोटी इलायची
- तेजपत्ता
- लोंग
- निशोथ की जङ
- मिश्री
अवि पत्तिकर चूर्ण बनाने की विधि- चूर्ण बनाने के लिए सबसे पहले सोंठ, पीपल, कालीमिर्च, हरङ, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, विडनमक, वायविडंग, छोटी इलायची और तेजपत्ता प्रत्येक को 10-10 ग्राम लेकर कूटकर चूर्ण बना लें। अब 10 ग्राम लोंग, 40 ग्राम निशोथ की जड़ और 60 ग्राम मिश्री लें व तीनों को आपस में मिलाकर कूटकर चूर्ण बना लें। अब इस चूर्ण को भी पहले वाले चूर्ण में मिलाकर दोनों को कपड़छान करके रख ले। इस प्रकार अविपत्तिकर चूर्ण तैयार हो जाता है।
अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे | Avipattikar Churna Benefits in Hindi
अम्लपित्त रोग होने पर पित्त बढ़ता है और बढे हुए पित्त को संतुलन में लाने के लिए अविपत्तिकर चूर्ण बहुत फायदेमंद है। इसके साथ ही अविपत्तिकर चूर्ण में विरेचन गुण होने के कारण यह कब्ज का नाश करता है और पेट को पूरी तरह साफ करता है।अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग पेट से संबंधित अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है जैसे
- भूख बढ़ाने के लिए- इस चूर्ण का विशेष तौर से उपयोग किया जाता है क्योंकि अविपत्तिकर चूर्ण में हरड़ बहेड़ा आंवले का प्रयोग किया जाता है जो कि जठराग्नि को बढ़ाने में सहायक होता है।
- पाचन विकारों को दूर करने में सहायक -अवि पत्तिकर चूर्ण में विरेचन गुण होता है। जो कि पेट को साफ कर देता है। इस प्रकार अविपत्तिकर चूर्ण पाचन विकारों को शरीर से बाहर करके पेट को साफ करता है और जठराग्नि को तेज करता है।
- शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में-अविपत्तिकर चूर्ण में शरीर को डिटॉक्सिफाई करने का गुण विद्यमान होता है जिसके कारण यह हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकाल देता है।
- कब्ज नाशक है अवि पत्तिकर चूर्ण– कब्ज को दूर करने के लिए अवि पत्तिकर चूर्ण बहुत उपयोगी मेडिसन है। यह चूर्ण पेट को साफ करके भूख को बढ़ाता है।
- एसिडिटी को रोकने में सहायक– कई बार सुनने में आता है कि भोजन करने के बाद खट्टी डकार आने शुरू हो जाती है। यह अक्सर शरीर में अत्यधिक पित्त बढ़ने के कारण होता है जिससे एसिडिटी की समस्या हो जाती है। ऐसी स्थिति में यदि भोजन करने से पहले अवि पत्तिकर चूर्ण का उपयोग कर लिया जाए तो भोजन करने के बाद एसिडिटी की समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी।
- दर्द निवारक है अविपत्तिकर चूर्ण- कुछ लोगों के अक्सर कुछ भी खा लेने से पेट में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि लगातार कुछ दिनों तक अविपत्तिकर चूर्ण का उपयोग किया जाए तो थोड़े ही दिनों में इस समस्या से निजात मिल जाएगा।
- अम्लपित्त को रोकने में सहायक- आयुर्वेद के अनुसार अम्लपित्त रोग शरीर में पित्त के बढ़ने के कारण होता है और अवि पत्तिकर चूर्ण शरीर में पित्त को बढ़ने से रोकता है जिससे बहुत हद तक अम्लपित्त रोग को बढ़ने से रोकते हैं अविपत्तिकर चूर्ण।
- भोजन को पचाने में सहायक अविपत्तिकर चूर्ण – अवि पत्तिकर चूर्ण पेट को साफ करके जठराग्नि को मजबूत करता है यदि किसी व्यक्ति की जठराग्नि कमजोर होगी तो उसके शरीर में भोजन का पाचन भी बहुत देर से होगा और यदि किसी व्यक्ति की जठराग्नि मजबूत होगी तो वह भोजन का पाचन भी जल्दी कर लेगा। इस प्रकार अवि पत्तिकर चूर्ण भोजन को पचाने में सहायक है।
अविपत्तिकर चूर्ण की खुराक | Dosage of Avipattikar Churna
आमतौर पर अवि पत्तिकर चूर्ण की खुराक 2 से 3 ग्राम तक गुनगुने पानी के साथ होती है । अन्य मामलों में इसकी मात्रा का निर्धारण एक आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा किया जाता है । गर्भवती स्त्रियों, और बच्चों को एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर ही करना चाहिए ।
अविपत्तिकर चूर्ण के नुकसान | Side Effects of Avipattikar Churna
इस प्राकृतिक आयुर्वेदिक चूर्ण के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं सामने आये हैं । देखा जाये तो यह सेफ दवा है जिसे एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर ही सेवन किया जा सकता है । एक डॉक्टर से एडवाइस लेकर इसे बताई गई मात्रा में ही सेवन करने से लाभ मिलता है ।