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पद्मासन की विधि और लाभ

पद्मासन की विधि और लाभ – Padmasana Benefits and Steps in Hindi

पद्मासन की विधि और लाभ: योग और ध्यान आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे लिए आत्मा की शांति और स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण आसन है। पद्मासन, जिसे योगों का राजा और परम्परागत आसन माना जाता है, यह योग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस लेख में, हम आपको पद्मासन की विधि और इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे साथ ही आपको पद्मासन करने की सही विधि, इसके फायदे और सावधानियों के बारे में बताएँगे ।

पद्मासन की विधि और लाभ

इससे पहले हमने आपको वज्रासन, भुजंगासन, योग के प्रकार एवं अन्य विभिन्न योग आसनों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया है । तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहें है पद्मासन योग के बारे में, चलिए जानते हैं पद्मासन योग क्या है ।

पद्मासन क्या है ? (What is Padmasana in Hindi)

पद्मासन एक प्राचीन योग आसन है जिसे बैठकर किया जाता है। यह आसन ध्यान और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसका नाम “पद्म” और “आसन” को मिलाकर बना है । जहाँ पद्म का अर्थ है कमल। इस आसन को करते समय व्यक्ति की मुद्रा कमल के फुल के समान बनती हैं । क्योंकि इसमें पैरों को इस तरह करके बैठा जाता है की जैसे कमल की पंखुडियां हो । इसीलिए इस आसन को पद्मासन कहा जाता है ।

पद्मासन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह शांति, मानसिक स्थिरता, और मानसिक सुख की वृद्धि करता है । इसके अलावा, पद्मासन करने से पैरों, घुटनों, और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है । यह योग आसन पैटिकुलर लगभग हर शारीरिक समस्या को दूर करने में मदद करता है।

पद्मासन को करते समय ध्यान और समय के साथ आपकी क्षमता बढती है, इसलिए शुरुआत में सावधानी से इसे करना चाहिए। यदि आप किसी बीमारी या चोट के कारण इसे करने में समस्या आ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।

पद्मासन करने की सही विधि (How to Do Padmasana in Hindi)

पद्मासन करने की विधि निम्नलिखित है:

  1. सही स्थिति चुनें: पद्मासन को करने के लिए पहले एक शांत और हवादार स्थान को चुनें, और एक योग मेट को लीजिये ।
  2. बैठना: अब आप शांति से बैठें। पैरों को आपस में मिलाएं और धीरे-धीरे घुटनों को एक दुसरे की ओर ले जाएं।
  3. पैरों को सही ढंग से रखें: धीरे से दाएं घुटने को मोड़कर बायीं जांघ पर रखें। ऐसा ही दूसरी पैर के साथ भी करते हुए पेट तक लेकर आएं।
  4. हाथ की स्थिति: दोनों पैरों के क्रॉस होने के बाद अपने हाथों को मनपसंद मुद्रा में रखें।
  5. सीधा बैठें: सीधे और धीरे-धीरे बैठें, ध्यान रखें कि आपकी कमर सीधी हो और पीठ बिलकुल सीधी हो ।
  6. मुद्राएँ: पद्मासन को करते समय, आप मुद्राएँ जैसे कि ध्यान मुद्रा या ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। ये मुद्राएँ आपके मन को साकारता और शांति के दिशा में मदद कर सकती हैं।
  7. ध्यान: अब आप पद्मासन में सुस्थित हैं, ध्यान का आरंभ करें। सोच विचार को दूर करें और अपने मन को एक ध्यान केंद्रित बिंदु पर लेकर जाएं।
  8. सांस लें: ध्यान के दौरान सांसों को धीरे-धीरे और सावधानी से लें।
  9. समय निकालें: पद्मासन में बैठने का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं, जिस प्रकार आपकी सामर्थ्य है ।
  10. समय पूरा करें: ध्यान समय के साथ बढ़ाएं और ध्यान के बाद धीरे-धीरे उठें।

पद्मासन के स्वास्थ्य लाभ । Padmasana Benefits in Hindi

  1. शारीरिक सुदृढ़िता: पद्मासन शरीर के मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शारीरिक सुदृढ़िता प्रदान करता है। इससे पैरों, घुटनों, और पीठ की मांसपेशियों को स्थिरता मिलती है, जिससे शारीरिक कठिनाइयों का सामना करने में मदद मिलती है।
  2. मानसिक शांति: पद्मासन में बैठने से मानसिक शांति और सांत्वना मिलती है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांति देता है।
  3. आत्मबल को बढ़ावा: यह आत्म-बल की भावना को बढ़ावा देता है और मेंटल क्लैरिटी को बढ़ावा देता है जिससे सभी कार्यों में सफलता मिलती है ।
  4. सिर के रोगों का इलाज: पद्मासन सिर के रोगों जैसे माइग्रेन और सिरदर्द के इलाज में भी लाभदायक है ।
  5. आत्म-संयम: यह आत्म-नियंत्रण को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को अपनी इच्छाशक्ति को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे आपको अध्यात्मिक लाभ भी मिलता है ।
  6. मासिक धर्म और प्रसव को आसानी से: पद्मासन का अभ्यास मासिक धर्म के समय क्रैम्पिंग, ब्लोटिंग, थकान आदि को कम करने में मदद करता है, जिससे यह कम पीड़ादायक होता है। यह आसन कोर, पीठ को मजबूत करता है और कूल्हों को खोलता है – ये मासिक धर्म के दौरान होने वाली असहनीय पीड़ा को कम करने के रूप में लाभदायक है ।
  7. शरीर का संतुलन: इस आसन का अभ्यास करने से शरीर का संतुलन बना रहता है और योग की माध्यम से तंदुरुस्त और सुंदर दिखने में मदद मिलती है।
  8. मूलाधार चक्र को ठीक करना: मूलाधार चक्र कमर के नीचे स्थित होता है और यह डर, अलगाव, हमारी शारीरिक छवि को हम कैसे देखते हैं, और शारीरिक स्वास्थ्य की भावनाओं को अपने में दबाये रखता है । जब यह असंतुलित होता है तो इसके प्रभाव से अवसाद, कब्ज, और पेट दर्द आदि की समस्या होती है । इसलिए जब पद्मासन किया जाता है तो मूलाधार चक्र एक्टिव होता है और संतुलित होकर हमारी इन पीडाओं को कम करने में लाभदायक साबित होता है ।

ध्यान और स्वाध्याय के साथ पद्मासन को नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सभी योग आसनों से सबसे अधिक लाभदायक है ।

पद्मासन करते समय रखी जाने वाली सावधानियां | Precautions during Padmasana

पद्मासन को करते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां रखनी चाहिए:

  1. घुटनों का ध्यान रखें: पद्मासन के दौरान घुटनों को ज़्यादा दबाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह घुटनों को चोट पहुँचा सकता है। इसे धीरे-धीरे करना चाहिए और अधिक दबाव से हमेंशा बचना चाहिए।
  2. स्थिति की सुरक्षा: पद्मासन में बैठते समय यह सुनिश्चित करें कि आपकी बौद्धिक और शारीरिक स्थिति सुख पूर्वक हो, और कोई दर्द या अस्वस्थता का लक्षण नहीं हो रहा है।
  3. शांति: पद्मासन को ध्यान या प्राणायाम के साथ अभ्यास करते समय शांति और सुकून बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  4. समय: ध्यान और योग के आसन को समय समय पर अभ्यास करना बेहद महत्वपूर्ण है। रोज़ाना या नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से ही आपको इसके फायदे मिल सकते हैं।
  5. दक्षता: पद्मासन को रोज़ाना नहीं करें, यदि आपकी शारीरिक स्थिति या आसन करने की योग्यता नहीं है। सबसे पहले हमारे योग गुरु से सलाह लें ।
  6. आराम से विस्तार करें: योग के आसनों को धीरे-धीरे और आराम से करें, बिना किसी जोरदार दबाव के। आसन को बिना सही तरीके से किये बिना दर्द या चोट के खतरे के जोड़ने का प्रयास न करें।
  7. श्वास – प्रश्वास: पद्मासन के दौरान ध्यानपूर्वक शांति और गहरी सांस लेने का प्रयास करें।
  8. डिस्कंफ़र्ट: यदि आपको किसी आसन में बहुत डिस्कंफ़र्ट या दर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत आसन छोड़ दें और योग गुरु से सलाह लें।
  9. रुद्राक्ष माला भी कर सकते हैं: कुछ योगी अपने आसन के दौरान रुद्राक्ष माला का प्रयोग करते हैं, जो उनके मानसिक शांति और ध्यान को बढ़ावा देता है।

ध्यान और सच्चे मन से पद्मासन को करने से ही आप इसके सभी फायदे प्राप्त कर सकते हैं, और सावधानियों का पालन करना आपके सुरक्षित और उत्तम योगाभ्यास के लिए महत्वपूर्ण है।

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

Written by

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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