योगेंद्र रस के फायदे : यह यौन इच्छाओ को तीव्र करने वाली श्रेष्ठ आयुर्वेद औषधि होने के साथ ही एंटी एजिंग गुणों से भरपूर आयुर्वेद क्लासिकल दवा हैं जिसके सेवन से हृदय रोगों की संभावना को कम किया जाता है । केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को मजबूती प्रदान करता हैं लकवा , पक्षाघात , मिर्गी , मन्दाग्नि, नेत्र दोष जैसी जटिल व्याधियों में बहूउपयोगी औषधि योगेंद्र रस के फायदे आश्चर्यजनक मिलते हैं ।
आज इस आर्टिकल में आपसे विस्तार से चर्चा करेंगे योगेंद्र रस के फायदे, नुकसान, घटक द्रव्य, बनाने की विधि, और योगेंद्र रस की कीमत आदि के बारे में विस्तार से –
योगेंद्र रस क्या है?
आयुर्वेद शास्त्र भैषज्य रत्नावली में योगेन्द्र रस को यौन शक्ति कामेच्छा शक्ति को बढ़ाने वाली बेहतरीन औषधि माना गया है साथ ही योगेन्द्र रस के फायदे वात रोगों पित्त सम्बन्धी रोगों में अत्यंत लाभदायक साबित होते है इसके घटक द्रव में अधिकांश रस औषधियों का ही उपयोग किये जाने के कारण मुख्यत: स्वर्ण भस्म का उपयोग करने से इसका परिणाम अतिशीघ्र देखने को मिलता है |
योगेंद्र रस के घटक द्रव्य
आगे आपसे बात करेंगे योगेंद्र रस में उपयोग होने वाले प्रमुख घटक द्रव के बारे में जिनका उपयोग इसके निर्माण के लिए किया जाता है |
घटक द्रव | मात्रा |
स्वर्ण भस्म | 20 ग्राम |
अभ्रक भस्म | 20 ग्राम |
कान्त लौह भस्म | 20 ग्राम |
मोती पिष्टी | 20 ग्राम |
बंग भस्म | 20 ग्राम |
रस सिन्दूर | 40 ग्राम |
घृत कुमारी और एरण्ड के पत्ते का रस भावना देने के लिए आवश्कतानुसार उपयोग में लिया जाता है |
डाबर योगेंद्र रस बनाने की विधि
योगेन्द्र रस बनाने के लिए सभी घटक द्रव्यों को मिलाकर घृतकुमारी के रस में अच्छी तरह से घोंटकर एक साथ गूँथ कर रख ले | इस गुंथे हुए औषध गोले को एरण्ड के पत्तो में लपेट कर बहार से अच्छे से किसी धागे से भलीभांति बांधकर धान के ढेर में तीन दिन के लिए दबा कर रख दे | तीन दिन बाद निकाले उसके बाद एरण्ड के पतों को हटा कर मिक्सर को निकालकर 125-125 मिग्रा की गोलिया बना ले |
योगेंद्र रस के फायदे
आयुर्वेद औषधि योगेन्द्र रस नैचुरल तत्वों से निर्मित एक बेहतरीन शास्त्रीय योग है | योगेन्द्र रस के सेवन से जीर्ण से जीर्ण रोगों की सफल चिकित्सा संभव है किन्तु सही रोग का चयन होने के बाद दवा की मात्रा का सही निर्धारण अत्यंत आवश्यक है | आगे आपको विस्तार से बतायेंगे योगेन्द्र रस के फायदे नुकसान के बारे में विस्तार से –
नर्वस सिस्टम में फायदेमंद है योगेंद्र रस
जिन लोगो को वातवाहिनी नाड़ियो से सम्बंधित व्याधि हो उनके लिए योगेंद्र रस एक उत्तम औषधि है | जब वातवाहिनी नाड़ियो में वात का संचय होने लगता है तो नर्वस सिस्टम प्रभावित हो जाता है ऐसे में योगेन्द्र रस का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है | इसके सेवन से पुराना वात रोग जिसकी वजह से नाड़ियो में जलन, नींद की समस्या, मुह में बार बार छाले होना आदि समस्याओ में भी लाभ मिलता है |
यौन दौर्बल्यता में योगेन्द्र रस के फायदे
जिन लोगो में किसी भी प्रकार से उत्पन्न हुई यौन दौर्बल्यता का सफल इलाज योगेंद्र रस से संभव हो पाता है क्योकि जैसा की आपने उपर पढ़ा इसका उपयोग नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है ऐसे में यौनशक्ति बढ़ाने के लिए योगेन्द्र रस अत्यंत कारगर सिद्ध होता है | जिसका कारण है इसमें उपयोग में लिए जा जाने वाले घटक द्रव्य जो की अत्यंत ही पावरफुल प्राकृतिक खनिज है |
पित्त प्रधान रोगों में फायदेमंद
जिन लोगो को पित्त की अधिकता से होने वाले रोगों से परेशानी लम्बे समय से हो उनके लिए इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है | खट्टी डकारे आना, अफारा आना पेट फूलना, सीने में जलन होना पेट में जलन होना आदि समस्याओ में योगेन्द्र रस अत्यंत ही फायदेमंद साबित होता है |
ह्रदय रोगों में फायदे
जिन लोगो को ह्रदय रोग की संभावना रहती हो उन्हें अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से लाभ मिलता है | साथ ही इसके सेवन से ह्रदय की शक्ति बढ़ जाती है जिससे हृदयाघात की संभावना कम हो सकती है | साथ ही जिन लोगो की धड़कन बढ़ी हुई रहती है उनकी ह्रदय की कार्यप्रणाली को सुधार कर ह्रदय गति को सामान्य बनाने में कारगर साबित होता है |
ओजशक्ति बढ़ाने में योगेन्द्र रस के फायदे
योगेंद्र रस के सेवन से सप्त धातुओ की पुष्टि होती है सबसे अंतिम और शक्तिशाली धातु शुक्र का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है योगेंद्र रस इसलिए इसके सेवन से चेहरे की चमक बढने लगती है | साथ ही सम्पूर्ण शरीर की बल शक्ति भी बढती है | इसकी एक टेबलेट को सुबह खाली पेट चूसे |
स्वप्नदोष में योगेंद्र रस के फायदे
जिन लोगो को इन्द्रियों के कमजोर होने से स्वप्नदोष की समस्या रहती है ऐसे लोगो के लिए योगेन्द्र रस इन्द्रियों को प्रबल बनाने के साथ ही शुक्र धातु का अधिक निर्माण और पुष्ट बनाता है | जिससे प्रमेह रोग जड़ से खत्म हो जाता है | अधिक सम्भोग करने से जननेंद्रिय कमजोर हो जाती है जिससे पेनिस में तनाव की समस्या, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष आदि की समस्या उत्पन्न होने लगती है ऐसे रोगियों को योगेंद्र रस की एक एक टेबलेट का सेवन जॉइंट स्टैमिना कैप्सूल के साथ दूध से करने से सभी समस्यों में लाभ मिलता है | साथ ही पेशाब सम्बन्धी रोगों में में शिलाजीत के साथ सेवन करने से लाभदायक परिणाम देखे गये है |
लकवा (अर्धांगवात) योगेन्द्र रस के फायदे
वात दोष के अधिक लम्बे समय से प्रकुपित होने से अंग विशेष या सम्पूर्ण शरीर में लकवा होने की शिकायत हो जाती है ऐसे में योगेंद्र रस सेवन जॉइंट स्टैमिना कैप्सूल के साथ सुबह शाम करने से अति शीघ्र लाभ मिलता है साथ ही अन्य सहायक आयुर्वेद औषधियों के रूप में रसराज रस, वृहत वात चिंतामणि रस, महायोगराज गुग्गुल, एकांगवीर रस आदि का सेवन करना अधिक लाभ प्रदान करते है | यदि साथ में आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श से पंचकर्म चिकित्सा का सहारा लिया जाये तो बहुत ही अल्प समय में चमत्कारिक परिनाम मिलते है |
नवप्रसूता स्त्रीयो के लिए बेहद फायदेमंद योगेंद्र रस
जिन महिलाओ में पित्तदोष की प्रधानता होती है उनके लिए गर्भवती या नवप्रसूता, सुकुमार प्रवृति की महिलाये, शारीरिक पोषण के लिए हरताल मनशील जैसी औध्शियो का सेवन नहीं कर पाती है उनके लिए डिलेवरी के बाद पोषण के लिए योगेन्द्र रस एक श्रेष्ट औषधि का काम करती है | इसका सेवन करने से रक्ताल्पता की समस्या नही होती है और उनका हिमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से नीचे नही आता है |
सेवन की विधि
योगेन्द्र रस का सेवन रोग की दशा के आधार पर निर्धारित किया जाता है किन्तु इसका सामान्य खुराक 125 मिग्रा का दूध, मलाई, शहद, आदि के साथ करना अधिक लाभदायक परिणाम देता है |
नुकसान (side effects )
हालाँकि योगेन्द्र रस का कोई नुकसान नहीं होता है किन्तु ध्यान रहे बिना चिकित्सक के परामर्श के सेवन करने से ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकते है | इस लिए खुद से सेवन की मात्रा का निर्धारण करके सेवन करने से बचे |
कीमत प्राइस
अलग अलग फार्मेसीयो द्वारा अलग अलग price पर बेचा जाता है आपके नजदीकी आयुर्वेद मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जायेगा | वहां पर उपलब्ध कम्पनी की कीमत का सही पता चल पायेगा | आमतौर पर योगेंद्र रस की कीमत 800/- 1200/ के मध्य रहती है |