रसराज रस के फायदे इन हिंदी : रसराज रस को त्रिदोषों की महाऔषधि कहा जाता है l यह स्वर्ण भस्म युक्त क्लासिकल आयुर्वेद औषधि है जिसका सेवन वात दोष के बहुत अधिक प्रकुपित दोषों के शमन के लिए करवाया जाता हैं ।
वात रोगों की महाऔषधि के रूप में रसराज रस स्वावर्तण युक्त को जाना जाता है | प्रकुपित रोग जैसे चेहरे का लकवा , यौन इच्छा की कमजोरी, जननेंद्रियों का ढीलापन, नपुंसकता, नसों की कमजोरी से उत्पन्न रोग, मानसिक विकार, जैसी समस्याओं के इलाज में रसराज रस के फायदे के बारे में आज इस आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे –
रसराज रस के घटक द्रव्य Rasraj Ras ingredients in indi
आगे चर्चा करेंगे रसराज रस स्वर्ण युक्त में उपयोग होने वाले घटक द्रव्यों के बारे में जिनके मिश्रण से रसराज रस स्वर्ण युक्त का निर्माण किया जाता है –
घटक द्रव | मात्रा | उपयोग |
अभ्रक भस्म शतपुटी | 10 ग्राम | रक्त वर्धक वीर्य पुष्टिकर |
रस सिंदूर | 20 ग्राम | रसायन, योगवाही |
स्वर्ण भस्म | 5 ग्राम | ओजशक्ति वर्धक, विषघ्न, बल्य, रसायन |
मोती पिष्टी | 5 ग्राम | पित्त शामक , बलवर्धक |
प्रवाल पिष्टी | 5 ग्राम | पित्त शामक बल वर्धक |
लौह भस्म | 5 ग्राम | रक्त वर्धक, वृष्य बल्य |
रोप्य भस्म | 5 ग्राम | बलवर्धक, बीजाणु वर्धक, शुक्र वर्धक |
वंग भस्म | 5 ग्राम | बल्य रसायन |
अश्वगंधा | 10 ग्राम | दीपन पाचन, बल्य रसायन |
लवंग | 10 ग्राम | दीपन पाचन, कफ और पित्त का शंमन |
जावित्री | 10 ग्राम | वेदनाहर, वात और काफ का शमन करके शोधन करता है |
जायफल | 10 ग्राम | रक्त शोधक लीवर उत्तेजक |
काकोली | 10 ग्राम | रसायन बल्य, वृष्य |
ग्वारपाठा | 1.5 किग्रा | रक्त शोधक , बल्य, दीपन पाचन |
मकायन | 1.5 किग्रा | यकृत शोध हर, दीपन पाचन बल्य |
रसराज रस बनाने की विधि
रसराज रस के फायदे इन हिंदी बनाने के लिए सबसे पहले रस सिन्दूर को इतना खरल करे की रस सिन्दूर की चमक पूरी तरह से खत्म हो जाये उसके पश्चात स्वर्ण भस्म, अभ्रक भस्म को मिलाकर मकायण का स्वरस में सभी पाउडर को डुबोकर उसमे एक दिन भावना दे | जब भावना देते देते पाउडर सुख जाये उसके बाद अन्य बची हुई सभी औषधियों को मिलाकर मकायन और एलोवेरा स्वरस की भावना देकर 100-125 मिग्रा की गोलिया बनाकर किसी कांच के बर्तन में रखले आपका रसराज रस के फायदे इन हिंदी बनकर तैयार है |
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बैधनाथ रसराज रस के फायदे इन हिंदी Rasraj ras uses in hindi
आगे आप जानोगे रसराज रस के फायदे इन हिंदी (Rasraj ras uses in hindi) में की इसका उपयोग किन किन रोगों में करने से फायदे मिलते है | साथ ही रसराज रस का उपयोग किस प्रकार करने से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है | सभी प्रकार के उग्र वात रोगों की चिकित्सा में रसराज रस के फायदे इन हिंदी बहुत ही लाभदायक आयुर्वेद दवा है जिसके सेवन से अल्प समय में ही लाभ मिलता है |
मुंह के लकवे (अर्दित) में रसराज रस के फायदे इन हिंदी Rasraj ras uses in hindi
अर्दित अर्थात मुंह के लकवे में आधे चेहरे पर या पूरे चेहरे की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है जिससे चेहरे का झुकाव नीचे की और हो जाता है | जिसका आयुर्वेद में अर्दित रोग के नाम से आचार्यो ने वर्णन किया है | मुंह के लकवे में यदि रसराज रस का सेवन आत्मगुप्तादी क्वाथ के साथ करवाते हुए साथ में पंचकर्मा में शिरोधारा, नस्य, अभ्यंग, स्वेदन करवाया जाये तो बहुत ही कम समय में आप चेहरे के लकवे से छुटकारा पा सकते हो | साथ ही सहायक आयुर्वेद औषधियों के रूप में वात शामक आयुर्वेद औषधि जैसे वृहत वात चिंतामणि रस, स्वर्ण सूतशेखर, एकांगवीर रस, वातारी रस, महायोग राज गुग्गुल, कृष्ण चतुर्मुख रस का सेवन दशमूल क्वाथ या महाराष्नादी क्वाथ के साथ करना लाभप्रद रहता है |
लकवा रोग में रसराज रस के फायदे इन हिंदी Rasras Ras Uses in hindi
सम्पूर्ण शरीर में लकवा उस स्थिति में आता है जिसमे सम्पूर्ण शरीर में लम्बे समय से वात प्रकुपित हो रहा होता है और आप उसे इग्नोर कर रहे होते हो ऐसी स्तिथि में वात अधिक प्रबल होकर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे शरीर के अंग काम करने में असमर्थ होने लगते है जिसे लकवा कहा जाता है | लकवा रोग होने पर रसराज रस (Rasraj Ras uses in hindi ) का अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोग मिलता है यदि अन्य सहयोगी आयुर्वेद दवाओ के साथ रसराज रस का सेवन किया जाये साथ में पंचकर्म चिकित्सा करवायी जाये तो बहुत ही सकारात्मक लाभ मिलता है |
अंगो के सुन्नपन में फायदे Rasraj Ras Benefits in Hindi
आजकल अक्सर देखा जाता है की अधिकतर लोगो के शरीर में अंग विशेष में सूनापन की शिकायत देखि जाती है ऐसे में अंगो के सुन्नपन में या अंगो के संचालन में आने वाली परेशानियों के लिए रसराज रस के फायदे इन हिंदी एक बेहतरीन आयुर्वेद दवा है | इसके सेवन से बहुत कम समय में ही आपको ऐसी समस्याओ से राहत मिलने लगेगी | रसराज रस की एक एक गोली शहद के साथ सुबह शाम सेवन (Rasraj Ras uses in hindi ) करने से आपको एक सप्ताह से पहले ही परिणाम देखने को मिल जायेंगे |
सहायक औषधियों के रूप में वृहत वात चिंतामणि रस, त्र्योदशांग गुग्गुल, योगराज गुग्गुल, महामाष तेल, प्रशारिणी तेल, अश्वगंधा चूर्ण, अजमोदादी चूर्ण आदि का सेवन लाभप्रद साबित होता है |
ओस्टियोआर्थराइटिस में रसराज रस के उपयोग OSTEOARTHRITIS Rasraj Ras ke fayde in hindi
हड्डियों से सम्बंधित रोग ओस्टियोआर्थराइटिस में होने वाली समस्या हड्डियों में दर्द के साथ सूजन होने की समस्या में रसराज रस का उपयोग अत्यंत प्रभावी सकारात्मक प्रभाव देता है | जॉइंट में दर्द और सूजन की समस्या होने पर पुनार्नावादीमंडूर महाराष्नादी काढ़ा, पुष्पधन्वा रस, शिलाजित्वादी लौह, लक्षादी गुग्गुल, दशमूल काढ़ा आदि का सेवन नियमित कुछ महीनो तक करने से लाभ मिलता है |
स्लिप डिस्क में रसराज रस के फायदे Rasraj Ras uses in hindi
रसराज रस स्लिप डिस्क की रामबाण आयुर्वेदिक दवा के रूप में काम करती है | जिन लोगो को स्लिप डिस्क की समस्या हो रही है साथ ही उनकी चक्रिका भंग हो चुकी हो अर्थात वर्टीब्राज के बीच में उपस्थित डिस्क अपाने स्थान से खिसक चुकी हो ऐसे रोगियों की चिकित्सा में अन्य औषधियों के साथ रसराज रस स्वर्ण युक्त का सेवन करना अत्यधिक लाभदायक सिद्ध होता है | यह उपयोग साइटिका के रोगियों जिनकी साइटिका नर्व पर प्रेशर आने से पैर में सुन्नपन किस शिकायत रहती है उनके लिए भी बहुत फायदेमंद परिणाम देता है | अन्य सहायक आयुर्वेद औषधियों के रूप में दशमूल क्वाथ, एकांगवीर रस, योगेन्द्र रस, योगराज गुग्गुल, जॉइंट स्टैमिना कैप्सूल, वाजीकरण शॉट, चतुर्मुख रस, ब्राह्मी वटी आदि का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है | स्लिप डिस्क में पूर्ण लाभ के लिए पंचकर्म का सहयोग लेना प्रबल पक्ष साबित होता है |
वात नाड़ी ग्रंथि (ट्रिगर फिंगर ) में रसराज रस के फायदे
कुछ लोगो के हाथ की कुछ अंगुलिया गति शून्य हो जाती है जिनको मुट्ठी बंद करने पर तो हो जाती है किन्तु मुट्ठी खोलने पर दर्द होता है साथ ही बिना सहारे के मुट्ठी खुल नहीं पाती है ऐसे में यदि रसराज रस का सेवन (Rasraj Ras uses in hindi ) दशमूल क्वाथ के साथ करवाया जाये तो बेहतर परिणाम मिल सकते है | ऐसी स्थिति में बालू रेत की पोटली से सेक करना भी लाभदायक साबित होता है | अन्य सहायक आयुर्वेद दवा के रूप में योगेन्द्र रस, वातकुलान्तक रस, सूतशेखर रस आदि का सेवन करवाया जाना लाभप्रद रहता है |
रसराज रस के नुकसान और सावधानियाँ
किसी भी स्वर्ण युक्त औषधि का सेवन बिना आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श किये कदापि ना करे | रसराज रस आयुर्वेद की निरापद आयुर्वेद शास्त्रोक्त औषधि है जिसका किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं होता है हा इसका निर्माण खनिजो के मिश्रण से अवश्य होता है किन्तु सभी का उपयोग करने से पूर्व शोधित और भस्मीकृत करके उपयोग में लिया जाता है जिससे कोई भी खनिज शरीर पर दुष्प्रभाव उत्पन्न नहीं करते है | 16 साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओ को इसके सेवन से बचना चाहिए |
सेवन की विधि और मात्रा
रसराज रस के सेवन की मात्रा, 1-2 वटी 125-250 मिग्रा सुबह शाम गाय के दूध, घृत, शहद, क्वाथ आदि के साथ में भोजन से पूर्व एवं करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है | ध्यान रहे रसराज रस की मात्रा का रोगी व्यक्ति की रोग की अवस्था के आधार पर एक आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श
रसराज रस से सम्बंधित पूछे जाने वाले प्रश्न
रसराज रस क्या है ?
रसराज रस स्वर्ण युक्त आयुर्वेद शास्त्रों में वात रोगों की महौषधि बताई गयी है किसी भी प्रकार के वात रोग होने पर रसराज रस लाभदायक परिणाम देता है |
रसराज रस क्या काम आता है ?
जैसा की उपर पेराग्राफ में रसराज रस के फायदे इन हिंदी में विस्तार से इसके काम या फायदे के बारे में बताया गया है | एक शब्द में कहें तो वात रोगों की प्रधान औषधि का काम करता है |
रसराज रस के फायदे क्या है ?
नाड़ीसंस्थान गत रोगों , वात रोगों, लकवा, आदि में रसराज रस के फायदे इन हिंदी बहुत महत्वपूर्ण औषधि है |
रसराज रस के नुकसान क्या है ?
चिकित्सक की देखरेख में उपयोग करने से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होता है किन्तु बिना आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लिए सेवन करने से मितली आना, पेट में भारी पान होना जैसी समस्या हो सकती है |
रसराज रस टेबलेट की कीमत क्या है ?
आयुर्वेद दवा निर्माता कंपनियों द्वारा रसराज रस का निर्माण किया जाता है यदि बात करे रसराज रस की कीमत की तो अलग अलग दवा निर्माता कम्पनियों द्वारा अलग अलग कीमत का निर्धारण किया जा कर दवा उपलब्ध करवाई जाती है | रसराज रस की कीमत 10 टेबलेट की 800- 1500 /- तक बाजार में उपलब्ध है |
रसराज रस स्वर्ण युक्त क्या काम आता है ?
नर्वस सिस्टम से सम्बंधित रोगों, लकवा, चेहरे का लकवा, अंगो के सञ्चालन में उत्पन्न अवरोध आदि में रसराज रस काम आता है |
किस कंपनी का रसराज रस सबसे अच्छा होता है ?
सभी दवा निर्माता कम्पनियों द्वारा आयुर्वेद शास्त्रों के अनुरूप ही रसराज रस का निर्माण किया जाता है किन्तु कुछ कम्पनियां मुनाफे के चक्कर में हल्की दवाओ का सेवन कर लेती है जिससे परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते है | प्रमुख रसराज रस दवा निर्माता कम्पनी – बैधनाथ रसराज रस, पतंजली रसराज रस, डाबर रसराज रस, उंझा रसराज रस, रसाश्रम रसराज रस आदि प्रमुख है जिनका रसराज रस आपको आसानी से उपलब्ध हो जाता है |