डेंगू क्या है ?
डेंगू एक संक्रामक बुखार है जो मादा एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है | प्रारम्भ में 2-3 दिन हल्का बुखार रहता है | उसके बाद बुखार की तीव्रता बढ़ जाती है | अत्यधिक बढ़ी हुई तीव्रता जानलेवा तक होती है |
डेंगू कैसे होता है ?
डेंगू मादा एडीज नामक मच्छर के काटने से पनपने संक्रामक वाला रोग है |
एडीज मच्छर का जीवनचक्र लगभग 15 दिन का होता है | एडीज मच्छर अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में लगभग तीन बार अंडे देता है | एडीज मच्छर अंडे देने के तीन दिन बाद वह अंडा पूरी तरह से लार्वा में बदल जाता है | यह लार्वा अपने अगले स्वरूप प्यूपा में बदलने में ओसतन 4-5 दिन का समय लेता है | जैसे ही ये प्यूपा में बदलता है उसके अगले दो तीन दिनों में यह मच्छर व्यस्क हो जाता है या यह कहें की डेंगू रोग को फ़ैलाने में सक्षम हो जाता है | जब इस वयस्क होने के बाद यह किसी व्यक्ति को काट लेता है उसके अगले 3-4 दिनों में यह फिर अंडे दे देता है |
अपने सम्पूर्ण जीवनकाल में एडीज मच्छर लगभग 3 बार अंडे दे सकती है लेकिन एक बार में यह तकरीबन 100 से अधिक अंडे देती है | इन अन्डो को जब तक पोषण नही मिलता ये निष्क्रिय स्वरूप में पड़े रहते हैं और जैसे ही ये पानी या खाने के सम्पर्क में आते है ये सक्रिय होकर लार्वा में बदलते चले जाते है | जैसे ही ये मच्छर इंसानों को काट लेते है संक्रमण फ़ैलाने में सफल हो जाते है |
ऐसे में प्रारम्भिक बुखार आने पर ही उचित चिकित्सकीय परामर्श से चिकित्सा ले ली जाये तो इसका प्रारम्भिक स्तर पर ही समाधान हो जाता है | यदि इस समय उचित चिकित्सा नही ली जाये तो इसके बाद बुखार की तीव्रता बहुत तेजी से बढने लगती है क्योकि इन मच्छरों के काटने से यह बैक्टिरिया इन्सान के खून में 2-3 दिनों तक आसानी से जाकर बिम्बाणुओ अर्थात प्लेटलेट्स पर ऋणात्मक प्रभाव डाल देते है, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से कम हो जाती है |
बिम्बाणु या प्लेटलेट्स हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के होने वाले रक्तस्राव को रोकने का काम करते है और जब इनकी संख्या में बाहरी गिरावट आ जाती है तो मल , मूत्र व बलगम आदि के साथ खून के निकलने की अधिक सम्भावना हो जाती है |
इस दौरान रोगी को निकटतम चिकित्सालय में भर्ती करवा के ही उपचार करवाने में समझदारी होती है |
डेंगू कैसे फैलता है
डेंगू एक संक्रामक बुखार है जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में एडीज मच्छर की सहायता से फैलती है | जब एडीज मच्छर डेंगू से पीड़ित किसी रोगी को काट लेने के बाद वो जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो खून के साथ डेंगू रोग को पैदा करने वाला वायरस भी उसके खून में पहुंच जाता है जिसे उस व्यक्ति के भी डेंगू की चपेट में आने की सम्भावना काफी हद तक बढ़ जाती है |
डेंगू के प्रकार
डेंगू अपनी तीव्रता के आधार पर तीन प्रकार का होता है
- क्लासिकल डेंगू बुखार
- डेंगू हैमेरेजिक बुखार (DHF)
- डेंगू शोक सिंड्रोम (DSS)
डेंगू के लक्षण है ?
- सिर में भयंकर दर्द का बना रहना |
- बुखार का सदेव बना रहना |
- हाथ पैरो में जकडन रहना |
- आँखों में अन्दर की और तेज दर्द का होना |
- शरीर पर लाल या गुलाबी रंग के लम्बाई लिए हुए चकते |
- मुह का स्वाद अजीब सा रहता है |
- अत्यधिक थकन / कमजोरी का अहसास होना |
डेंगू कैसे ठीक हो सकता है ?
चिकित्सकीय परामर्श के उपरांत चिकित्सक के बताये अनुसार नियमित रूप से डेंगू की आयुर्वेद ओषधियों व आधुनिक चिकित्सा का सेवन करने से कुछ समय के बाद ही डेंगू से छुटकारा मिल जाता है साथ ही साथ आहार-विहार का पालन सुनिश्चित कर लेना चाहिए |
डेंगू की दवा क्या है ?
पपीते के पत्तो का रस पिलाने से शीघ्र लाभ मिलता है क्योकि पपीता के पत्तो में बीटा – केरोटीनायड्स प्लेटलेट्स को बढ़ाने में कारगर साबित होता है |
प्लेटलेट्स के कम होने की स्थिति में पपीते के पत्तो के रस में शहद मिलाकर लेने से प्लेटलेट्स शीघ्र बढने लगती है |
पपीते के पत्ते , गिलोय , तुलसी के पत्ते , अदरक का काढ़ा बनाकर लेने से घटी हुई प्लेटलेट्स वापस बढने लगती है साथ ही बुखार में भी राहत मिलती है |
महारास्नादी काढ़ा , दशमूल काढ़ा , अदरक , गिलोय आदि का काढ़ा डेंगू में होने वाले जोड़ो कर दर्द से राहत दिलाता है |
विषमज्वरहर क्वाथ का सेवन भी डेंगू में उपयोगी साबित होता है |
नोट :- किसी भी प्रयोग को अपनाने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले |
डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां
- डेंगू बुखार से बचे रहने के लिए घर में इलायची , कपूर , लोंग आदि को नीम के पत्तो के साथ रोजाना शाम के समय धुँआ करे जिससे आस – पास मच्छरों का जमाव नही हो पायेगा और आप डेंगू जैसे भयानक बीमारी से अपना बचाव कर पाओगे |
- पूरे शरीर पर नारियल के तेल की मालिश रोज नहाने के बाद करे जिससे लार्वा से रक्षा हो सके |
- शाम के वक्त घर से बहार नही निकलना चाहिए क्योकि डेंगू फैलने का सबसे अधिक खतरा इसी समय रहता है | अधिकतर लोग इसी समय घर से बहार निकलते है | जिसके कारण संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है |
- डेंगू फ़ैलाने वाला मादा एडीज इजिप्टी नामक मच्छर भी इसी समय अधिक लोगो को संक्रमित करता है |
- ठंडा पानी ना पिए पानी को गर्म करके उपयोग में ले |
- अदरक , हल्दी , अजवायन आदि का सेवन अधिक मात्र में करे यह हमे डेंगू से बचाने में हमारी मदद करेंगे |
- अपनी दिनचर्या को संयमित रखे समय से खाना खाए , समय से सोकर पूरी नीद ले |
- नीयमित योगाभ्यास व् प्राणायाम करे |
- बेसन , मैदा , तले भुने खाद्य पदार्थो से बचे |
- तरल पदार्थो का अधिक उपयोग करे नींबू पानी , नारियल पानी , छाछ व् सादा पानी का अधिक से अधिक सेवन करे |
- हल्दी वाले दूध का सेवन करे |
- रोज सुबह 2-4 तुलसी के पत्तो का सेवन करे |
- रोगप्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने के लिए विटामिन सी से युक्त फल सब्जियों हरा धनिया , आवले , संतरे मोषमी आदि को अपनी डाइट में अवश्य शामिल करे |
- अपने आसपास पानी भराव वाले स्थानों पर कैरोसिन का छिडकाव करते रहना जरुरी है जिससे इन मच्छरों को पैदा होने से रोका जा सकता है |
नोट:- किसी भी प्रकार के प्रयोग से पूर्व अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले | यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है |
धन्यवाद !