पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा : असंयमित दिनचर्या के कारण वात रोग अधिकतम लोगो में बढ़ा हुआ रहता है | ऐसे में अधिक वात का अधिक समय तक बढ़ा हुआ रहना घातक भी हो सकता है | जिनमे से एक कॉमन लक्षण पैरो का सुन्न होना भी हो जाता है जब वात बहुत अधिक बढ़ जाता है तो एक पैर में सुन्नता बढ़ जाती है जिसे आयुर्वेद में एकांगवात रोग के नाम से जाना जाता है | दोनों पैरो के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में भी दर्द होना, सुन्न पन आना को सर्वांगवात रोग के नाम से जाना जाता है |
आज इस आर्टिकल में आपको बतायेंगे पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा और कुछ सामान्य से घरेलू उपाय –
पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा
यदि आप भी पैर सुन्न होने की समस्या से परेशान हो तो इस आर्टिकल में आपको बतायेंगे पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा के बारे में जिनके सेवन से बहुत से रोगियों को लाभ प्राप्त हुआ है | तो आप भी लाभ प्राप्त कर सकते है अपने नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लेकर –
एकांगवीर रस
यदि आप पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा की तलाश कर रहे हो तो आपको एकांगवीर आपके पैरो में होने वाले सुन्नपन में राहत दिलवा सकता है | ऐसे में आप अपनी बीमारी के अनुरूप 1-2 गोली दशमूल काढ़े के साथ सेवन कर सकते है | जिससे आपको पैरो में होने वाले सुन्न पन में राहत मिलेगी |
महायोगराज गुग्गुल
वात रोग की श्रेष्ठ औषधियों में गिनी जाने वाली औषधि है महायोगराज गुग्गुल | पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा के रूप में यह एक बेहतर विकल्प साबित होई सकता है | इसका सेवन 1-1 गोली दशमूल क्वाथ के साथ किया जाना अधिक लाभप्रद रहता है |
सिंघनाद गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल 250 मिग्रा, सौंठ पाउडर 500 मिग्रा, अश्वगंधा पाउडर, 5 ग्राम की मात्रा में लेकर मिक्स करे यह पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा के रूप में बेहतर औषधि साबित हो सकती है | इसका सेवन खाने से पहले दूध के साथ किया जाना लाभदायक होता है | हमारे द्वारा बहुत रोगियों को यह योग उपयोग करवाके लाभ प्रदान करवाया गया है |
महारास्नादि क्वाथ
पैरो के सुन्न पन की आयुर्वेदिक दवा के रूप में एक बेहतर विकल्प महारास्नादि काढ़ा भी है इसका सेवन सुबह शाम खाने से पहले करने से लाभ मिलता है | अधिक बेहतर परिणाम लेने के लिए इसमें हारसिंगार और निर्गुन्डी के पत्तों को साथ में डालकर सेवन करने से और अधिक शिघ अधिक लाभ मिलेगा |
मिटटी का लेप
पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा के साथ कुछ प्राकृतिक उपाय भी उपयोग करने से अधिक लाभ होता है | जिसमे मिटटी लेप एक बेहतर विकल्पों होता है | मिटटी का लेप करने से रक्तप्रवाह सुचारू रूप से होने लगता है | जब पैरो का रक्तसंचार सुचारू होने लग जायेगा तो आपको होने वाली पैरो का सुन्नपन में राहत मिलेगी | सुबह के समय मिटटी का लेप पैरो पर लगाने से कुछ ही दिनों में पैर सुन्न होने की समस्या से राहत मिलेगी |
जॉइंट स्टैमिना कैप्सूल
पैर सुन्न होने की आयुर्वेदिक दवा के रूप में जॉइंट स्टैमिना कैप्सूल आजकल बड़ा प्रचलन में है अधिकतर आयुर्वेद चिकित्सको का पसंदीदा प्रोडक्ट बन चूका है | यह नसों के दर्द, जोड़ो के दर्द, स्लिप डिस्क, साइटिका, पैर सुन्न होने की समस्या जैसी परेशानियों में शिघ लाभ प्रदान करता है | इसके एक-एक कैप्सूल को दूध के साथ , यूरिक एसिड होने पर मैथी दाना पानी से , जोड़ो के दर्द में दशमूल और महारास्नादि काढ़े के साथ सेवन करने से शिघ ही लाभ मिलता है |
नोट : – किसी भी आयुर्वेद दवा का सेवन करने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही सेवन करना अधिक सुरक्षित रहता है | क्योंकि आयुर्वेद दवाओ का निर्धारण रोगी व्यक्ति की प्रकृति के आधार पर डोज डीसाइड किया जाता है |