सैंधवादि चूर्ण के फायदे: यह एक आयुर्वेद की चूर्ण है जिसका प्रयोग दीपन, पाचन और पेट की अग्नि बढ़ाने के लिए किया जाता है । बहुत सी जगह इसे दांत दर्द और मसूड़ों के दर्द के लिए भी लाभकारी बताया गया है । इसको मसूड़ों पर मलने से मसूड़ों का दर्द और खून आना भी बंद हो जाता है । आज के इस लेख में हम आपको सैंधवादि चूर्ण के फायदे, इसके सामग्री और कैसे बनता हिया के बारे में जानकारी देंगे ।
तो दोस्तों चलिए सबसे पहले शुरू करते हैं सैंधवादि चूर्ण क्या होता है की जानकारी के साथ
सैंधवादि चूर्ण क्या है ?
सैंधवादि चूर्ण एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जिसे हजारों सालों से भारतीय जीवनशैली का हिस्सा माना जाता है। यह अनूठे गुणों और स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। यह बहुत ही ज्यादा अग्निबढ़ाने वाला अर्थात भूख बढ़ाने वाला, पाचन करने वाला और अजीर्ण अपच को दूर करने वाला होता है ।
यह एक प्रकार की क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जिसका वर्णन प्राचीन आयुर्वेदिक किताबों में मिलता है । एक चिकित्सक की माने तो यह आयुर्वेद के खजाने से आया एक अनमोल तोहफा है । जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी पाचन बीमारी को ठीक कर सकती है ।
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सैंधवादि चूर्ण की सामग्री | Ingredients of Sandhwadi Churna
- सेंधा नमक
- सौंठ
- काली मिर्च
- पीपली
- हरद
- बहेड़ा
- आंवला
- अजवायन
- हिंग और चीनी
सैंधवादि चूर्ण बनाने की विधि | Saindhwadi Churna How to Make
सेंधा नमक, सौंठ, कालीमिर्च, पिपली, हरदे, बहेड़े, आंवला, अजवायन और हिंग इन सभी को लेकर इनका पाउडर बना लिया जाता है । अब इस पाउडर में चीनी मिलाकर रख लिया होता है । इस प्रकार से तैयार किये गए पाउडर को सैंधवादि चूर्ण कहा जाता है । यह ऑनलाइन भी मंगवाया जा सकता है ।
सैंधवादि चूर्ण के फायदे | Benefits of Saindhwadi Churna
- पाचन तंत्र को मजबूती: सैंधवादि चूर्ण पाचन तंतु को मजबूती देता है और आहार को अच्छे से पचाने में मदद करता है।
- वजन नियंत्रण: इस चूर्ण में पाये जाने वाले खनिज वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे वजन की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- अजीर्ण: अजीर्ण की रोग में भी यह चूर्ण बहुत लाभदायक माना जाता है । इसकी एक चम्मच रोजाना खाने से लाभ मिलता है ।
- भूख की कमी: भूख न लगने की समस्या में सैंधवादि चूर्ण बहुत ही अधिक लाभदायक माना जाता है । इसे भोजन से पहले खाया जा कर भूख बढाई जा सकती है ।
- दीपन और पाचन: यह खाए हुए भोजन को पचाने और दीपन करके का कार्य करता है । इस चूर्ण के साथ बहुत से चिकित्सक लवण भास्कर चूर्ण खिलते हैं ।
- दांतों का दर्द: दांत दर्द में भी सैंधवादि चूर्ण को मंजन की तरह मसूड़ों पर मलने से लाभ मिलता है ।
- मसूड़ों से खून आना: खून आने की दिक्कत में भी मसूड़ों पर सैंधवादि चूर्ण को मलने से खून आना बंद होता जाता है ।
- शरीर का अपशिष्ट निकाल: सैंधवादि चूर्ण शरीर से अपशिष्ट निकालने में मदद करता है, जिससे पेट साफ और हेल्दी रहता है।
सेवन की विधि
यह चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन किया जाता है, या फिर खाने में भी मिलाया जा सकता है। इसका अधिक सेवन मात्रा जानने के लिए आपको एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेकर इस्तेमाल करना चाहिए ।
सैंधवादि चूर्ण की सावधानियां
इसे अधिक मात्रा में नहीं लेना चाहिए और डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए। हालाँकि इस चूर्ण के सेवन से कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं । और इस चूर्ण को हमेंशा अपनी मील से पहले लेना जाता है । अधिक मात्रा में सेवन से हो सकता है आपको कोई नुकसान दिखाई दे । अत: इसे एक निश्चित मात्रा में ही प्रयोग करें ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. सैंधवादि चूर्ण को कैसे उपयोग किया जाता है?
सैंधवादि चूर्ण को आमतौर पर गर्म पानी के साथ सेवन किया जाता है।
Q. क्या इसका अधिक सेवन किया जा सकता है?
नहीं, अधिक मात्रा में सेवन से नकरात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
Q. क्या यह सभी के लिए सुरक्षित है?
जी हां, सामान्यतः यह सभी के लिए सुरक्षित है, लेकिन बेहतर है कि आप डॉक्टर की सलाह लें।
Q. क्या यह बच्चों के लिए भी उपयोगी है?
हां, बच्चों के लिए भी यह उपयोगी हो सकता है, लेकिन उनकी उम्र और सेवन मात्रा को ध्यान में रखना चाहिए।