अस्थमा क्या है (What is asthma in hindi)
वर्तमान समय में बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदुषण के कारण श्वसन सम्बन्धी समस्याएं काफी भयंकर रूप धारण कर रही है जिनमे सबसे अधिक जो समस्या पनप रही है वो हो एलर्जी से अस्थमा (asthma in hindi) |
शुरुआत में मोषम परिवर्तन के समय हल्की साँस फूलने की समस्या होती है | जिसे हम नजरंदाज करते रहते है यही धीरे-धीरे बढकर अस्थमा (asthma in hindi) का रूप धारण कर लेती है |
अस्थमा के कारण (causes of asthma in hindi)
- वायु प्रदूषण है अस्थमा का कारण :-अस्थमा मुख्यतः श्वसन नली में प्रदुषण की वजह से सूजन आ जाने की वजह से साँस लेने में आने वाली परेशानी होती है जिसका सम्बन्ध हमारे फेफड़ो से होता है | जब प्रदूषित वातावरण में अधिक समय तक समय बिताने से हमारे साँस के साथ वो प्रदूषित कण हमारे फेफड़ो में इकट्ठे होते रहते है | इकट्ठे हुए ये प्रदूषित कणों की उपस्थिति ही धीरे धीरे हमारे श्वसन तन्त्र या यू कहें की हमारी श्वास नली में सूजन पैदा कर देती है | जिससे हमे साँस लेने में तकलीफ़ होने लगती है |
- धुम्रपान करने से भी अस्थमा (asthma in hindi) होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
- शराब का सेवन करने से हमारे लीवर पर दुष्प्रभाव पड़ता है जो की अस्थमा होने का बड़ा कारणबनता है |
- अपने आहार का गलत निर्धारण भी अस्थमा का कारण बनता है | ऋतुओ के अनुसार भोजन का चयन नही करना अस्थमा होने का बड़ा कारण बनता है |
- अत्यधिक दवाओं का सेवन भी अस्थमा का कारण बनती है |
- पर्यावरण से दूरी बनाना भिहाई अस्थमा का बड़ा कारण
वर्तमान समय में मनुष्य प्रकृति से दूर भागता हुआ नजर आ रहा है जिसका की परिणाम है की अस्थमा जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है | - अनुवांशिक कारणों से भी अस्थमा होने की सम्भावना अधिक रहती है | यदि किसी के परिवार में अस्थमा के रोगियों का इतिहास रहा है तो उनकी संतान को अस्थमा होने की सम्भावना उतनी ही अधिक बनी रहती है |
- गलत तरीके से किया गया शारिरिक परिश्रम भी अस्थमा (asthma in hindi) का कारण बन जाता है |
- बिना प्रशिक्षक की देखरेख में व्यायाम या योगाभ्यास करना भी अस्थमा का कारण बन सकता है | इसलिए किसी भी प्रकार के शारिरिक श्रम से पूर्व किसी योग्य प्रिशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करना अधिक सुरक्षित रहता है |
अस्थमा के लक्षण (symptoms of asthma in hindi)
- साँस लेने में बैचेनी होना
- साँस लेने में घुटन महसूस होना
- लम्बी या मुह ऊपर की और करके लम्बा साँस लेनी की बार बार कोशिश करना
- साँस लेने में कठिनाई महसूस होना
- साँस लेते समय सीने में दर्द का आभास होना
- बलगम या बिना बलगम के खांसी आने पर तकलीफ़ का बढ़ जाना
- त्रतु परिवर्तन के समय एलर्जी से अस्थमा की समस्या बढ़ जाना
- ठंडा मोषम होने पर दिने में भारीपन का आभास होना व् साँस लेने में जोर लगाने की जरूरत का पड़ना
- साँस लेते समय घरघराहट की आवाज का होना या सिटी की आवाज आना आदि लक्षण हो सकते है |
अस्थमा से बचाव (Prevention to Asthma in hindi )
अस्थमा एक एलर्जी से उत्पन्न हुई भयंकर समस्या होती है जो वर्तमान समय में विकराल रूप धारण करती हुई नजर आ रही है |
अस्थमा (asthma in hindi) से बचे रहने के लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या को संयमित बनाना अत्यंत आवश्यक है | आपकी दिनचर्या जितनी सभ्य होगी अस्थमा से आपकी उतनी ही दूरी बढती हुई चली जाएगी | अस्थमा से बचे रहने के लिए आपको नियमित योगाभ्यास करना बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता है | प्रात:काल गुनगुना पानी लेना अस्थमा (asthma in hindi) से बचाव में उपयोगी साबित होता है | शीतल पैय पदार्थो का सेवन मोषम को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए |
अस्थमा के लिए आहार (Diet for Asthma in hindi)
- दमा के रोगियों को विटामिन सी का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए | क्योकि विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है | जब हमारी रोग प्रतिरोधकता कम जोर हो जाती है तभी हम बार बार किसी न किसी बीमारी की चपेट में आते रहते है | इस लिए विटामिन सी का सेवन अस्थमा (asthma in hindi) के रोगी के लिए अत्यंत लाभदायक रहता है | हरा धनिया, आवला, चैरी, नींबू, अमेरिकन नट्स, संतरा, मोषमी, किवी, इमली, सियाबकथ्रोन आदि का सेवन विटामिन सी की भरपूर मात्रा आपको उपलब्ध करवा देते है |
- बीटा-कैराटिन :- बीटा कैराटिन युक्त फल सब्जियों का सेवन करना अस्थमा के रोगियों के लिए अत्यंत फायदेमंद रहता है इसलिए दमा के रोगियों को बीटा कैराटीन युक्त आहार जैसे शिमला मिर्च, हरी मिर्च, गाजर, चुकुन्दर, शकरकंद, मीठे आलू , पहाड़ी आलूओं का खूब सेवन करना चाहिए |
- दालचीनी को मुह में लेकर चूसने से अस्थमा में राहत मिलती है क्योकि दालचीनी की प्रकृति उष्ण होती है जो कफ को सुखा कर साँस नली में आई हुई सूजन को कम करने में सहायक होती है | दालचीनी का चूर्ण करके शहद के साथ चाटने से भी अस्थमा में लाभ मिलता है |
- प्रात:काल तुलसी के दो पत्ते व थोड़ी सी अदरक को चबाने से अस्थमा (asthma in hindi) में आराम मिलता है |
- अस्थमा के रोगी को रात का खाना नही खाना चाहिए |
- अस्थमा में हल्दी का दूध अत्यंत फायदेमंद साबित होता है |
- अस्थमा में लहसून का खूब प्रयोग करना चाहिए | लहसून उष्ण प्रकृति का होने से कफ को खत्म करने में अत्यंत लाभदायक परिणाम देता है |
- दमा के रोगियों को अपने आहार में गर्म मसालों को शामिल करना चाहिए |
अस्थमा के घरेलू उपाय(Home Remedies for Asthma in hindi)
- दमा के रोगियों को रात को सोने से पहले 5 कालीमिर्च गर्म दूध के साथ चबा चबा कर ऊपर से बाकि बचे हुए दूध का सेवन करने से श्वसन नली में आने वाली सूजन से आराम मिलता है और साँस लेने में तकलीफ़ नही होती है |
- एक गिलास पानी लगभग 200मिली में 25 ग्राम सह्नजं की पत्तियाँ , 2 लहसून की कली, लगभग 25-30 दाने कलोंजी के , एक इंच अदरक का टुकड़ा डालकर अच्छे से उबाले | जब चौथाई शेष रहे तब छानकर चुटकीभर सैंधा नमक और आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से अस्थमा में आराम मिलता है |
- सफेदा के पोधे की पत्तियों को पानी में डालकर उसकी भाप लेने से बंद नाक आसानी से खुल जाती है |
- अस्थमा के रोगियों को रात को सोते समय गाय का घी, सरसों का तेल या तिल तेल की दो से चार बुँदे अपनी दोनों नाको में डालकर सोने से श्वसन नली में आने वाली सूजन से थोड़े समय बाद ही छुटकारा मिल जाता है |
- दमबेल के 1 पत्ते को रोज प्रात कल चबाने से अस्थमा में आराम मिलता है |
अस्थमा के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurveda Medicine for Asthma in hindi)
- श्वसनी अवलेह
- श्वास कास चिंतामणी रस
- कफकेतु रस
- चन्द्रामृत रस
- धात्री लोह
- अभ्रक भस्म
- ब्र्हामी घृत
- बसंत कुसुमाकर रस
- एलादी वटी
- कासा केशरी
- वासा अवलेह
- कंटकारी अवलेह
- गोजिव्हादी काढ़ा
- त्रिकटु चूर्ण
- सितोफलादी चूर्ण
- तालिसादी चूर्ण
- चोपचिन्यादी चूर्ण
- सुंठी घृत
- दशमूल काढ़ा
अस्थमा के लिए पंचकर्म (Panchkarma for asthma in hindi )
आयुर्वेद चिकित्सा के अंतर्गत पंचकर्म की शोधन प्रक्रियाओ में अस्थमा (asthma in hindi) से छुटकारा पाने के लिए पंचकर्म का सहारा लेना शीघ्र लाभदायक होने के साथ ही अस्थमा से छुटकारा दिलाने में अत्यंत प्रभावशाली प्रक्रिया है | पंचकर्म के अंतर्गत निम्न थैरेपियो का सहारा लिया जाता है |
वमन दिलाये अस्थमा से छुटकारा
पंचकर्म के अंतर्गत करवाई जाने वाली वमन क्रिया का प्रभाव मुख्यतः कफ दोष के बढ़ जाने पर उसे सामान्यावस्था में लाने के लिए किया जाता है | वमन क्रिया के बाद बढ़े हुए कफ को शरीर से बहार निकाला जाता है जिससे श्वसन नली खाली हो कर श्वसन क्रिया सुचारू रूप से होने लगती है |
नस्य का अस्थमा में फायदे
नासिका द्वार में जमा हुआ कफ षड्बिन्दु या अणु तेल को नाक में डाला जाता है जो नासिका प्रदेश में एकत्रित हुए कफ को बहार निकालने में अपनी भूमिका निभाता है | नासिका प्रदेश में जमा कफ के निकल जाने के बाद साँस लेने में आसानी हो जाती है |
शिरोधारा के अस्थमा में फायदे
शिरोधारा से सम्पूर्ण मस्तिष्क में जमा हुआ कफ पिघलकर बहार निकलने में आसानी हो जाती है जिससे जमा हुए कफ की वजह से सिर का भारी पन में भी आराम मिलता है |
स्वेदन का अस्थमा में फायदे
स्वेदन अर्थात सम्पूर्ण शरीर का भाप स्नान करवाने से रोगी व्यक्ति के शरीर से विषैले पदार्थो को बहार निकला जाता है | जिससे रोगी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढने लगती है | जिससे रोगी व्यक्ति को अस्थमा से आसानी से निज़ात मिल जाती है |
अस्थमा के लिए योग (Yoga for asthma in hindi)
- सुप्तवज्रासन
- सूर्यनमस्कार
- सर्वांगासन
- शीर्षासन
- भुजंगासन
- धनुरासन
- पश्चिमोत्तानासन
- उत्तानपादासन
- अनुलोम-विलोम
- भ्रामरी
- कपालभांति
- नाडी शोधन
- सुर्यभेदी प्राणायाम
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धन्यवाद !
1 Comment
Mani
January 14, 2020I was try and get best results.. thanks sir