परिचय
दालचीनी को मुख्यतः एक मसाले के रूप में जाना पहचाना जाता है | दालचीनी को वंडर स्पाइस के नाम से भी जाना जाता है | और यह हर भारतीय की रसोई में बड़ी आसानी से मिल जाती है | दालचीनी लोरेसी कुल का पोधा है | इसका वैज्ञानिक नाम सिनेमोमम वेरम (cinnamomum verum ) है | दालचीनी का अंग्रेजी नाम सिनेमोन बार्क (cinnamon bark) है |
आयुर्वेद संहिताओ में दालचीनी को अनेको रोगों की चिकित्सा करने में उपयोगी माना गया है | दालचीनी की छाल अत्यधिक सुगन्धित और स्वादिष्ट होती है | दालचीनी को स्थान विशेष और भाषा विशेष के आधार पर अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है जैसे – दारुचिनी, दारुसिता, तेजदालचीनी, दाचिनी, किरफा, लवंगुम, दारसिनी, दारचीनी आदि |
दालचीनी का गुण-धर्म
“त्वचन्तु कटुकं शीतं कफकासविनाशनम् |
शुक्रामशमनञ्चेव कण्ठशुद्धिकरं लघु ||”
रस– मधुर
गुण– लघु, बल्य, दीपन-पाचन, सुगन्धित
वीर्य– उष्ण
विपाक– कटु
प्रभाव– वात, पित्त नाशक |
रासायनिक संघटन
दालचीनी की छाल में सिन्नामोमम तेल में युजनोल, म्युसिलेज, केम्फर, फ्लोबेटैनिन आदि तत्व पाए जाते है | सेफ़रोल, सिनामिक, एल्कोहल, रेजिन, टैनिन, कूमरिन, डाइटर्पिन्स, बेन्जिल बेंजोएट, सिनामनडिहाइड, ऐसिटिल युजेनोल आदि तत्व पाए जाते है |
दालचीनी के फायदे (Benefits of Dalchini in Hindi )
घुटनों के दर्द में दालचीनी के फायदे
यदि आपके घुटनों में दर्द और सूजन रहती है तो आपके लिए यह उपाय काफी फायदेमंद साबित होगा इसके लिए आपको 10 ग्राम दालचीनी के पाउडर में 2 ग्राम चूना मिलाकर एक चम्मच शहद के साथ पेस्ट बनाकर घुटनों पर इस पेस्ट को लगाकर ऊपर से सूती कपड़े से लपेट लगाकर 1 घंटे के लिए छोड़ दे उसके बाद गुनगुने पानी से धोले | कुछ दिनों के प्रयोग के बाद आपको घुटनों के दर्द से राहत मिल जाएगी |
दालचीनी है रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद
दालचीनी छाल 5 ग्राम कालीमिर्च पाउडर 1 ग्राम, लोंग 1 नग, तुलसीपत्र 2, गिलोय 5 इंच लेकर 200 मिली पानी में डालकर अच्छे से उबाले | जब चौथाई शेष रहे तब छानकर पीने से इम्युनिटी बढती है |
श्वसन सम्बन्धी रोगों में फायदे
दालचीनी में मोजूद एंटी बेक्टिरियल गुण श्वसन संस्थान में बेक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में मददगार होता है | इसका सेवन साँस नली व फेफड़ो की सूजन में प्रभावकारी साबित हुआ है |
बाधिर्य (बहरेपन) में दालचीनी के फायदे
दालचीनी के तेल की 2-2 बुँदे कान के आसपास मालिश करने के बाद कानो में 2-2 बुँदे डालने से बाधिर्य या कम सुनाई देने में आराम मिलता है |
रक्तस्राव को रोकता है दालचीनी
शरीर के किसी भी हिस्से से होने वाले रक्त श्राव को रोकने के लिए समान भाग दालचीनी व नागकेशर चूर्ण का सेवन करने से राहत मिलती है |
सिरदर्द में फायदेमंद है दालचीनी का तेल
सिरदर्द होने पर दालचीनी के तेल की मालिश करने पर सिरदर्द से राहत मिलती है |
मोटापा कम करे दालचीनी
वर्तमान समय असंतुलित जीवनशैली की वजह से मोटापा होना आम बात सी हो गयी है | वजन कम करने में दालचीनी 5 ग्राम जीरा 5 ग्राम लेकर 200 मिली पानी में काढ़ा बनाये | काढ़ा तैयार होने पर चुटकी भर हींग डालकर प्रात:काल सेवन करने से कुछ ही दिनों में आपका वजन कम होने लगेगा |
चर्मरोगो में दालचीनी के फायदे
दालचीनी में शहद को मिलाकर बने पेस्ट को खाज- खुजली, फोड़े – फुंसी पर लगाने से कुछ दिनों में ठीक हो जाते है |
उच्च-रक्तचाप में दालचीनी के लाभ
यदि आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है तो आप रोज सुबह दालचीनी की चाय का सेवन करे | धीरे-धीरे आपका ब्लड प्रेशर सामान्य होने लगेगा |
कोलेस्ट्रोल को घटाती है दालचीनी
यदि आपके कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ा हुआ है तो आपको दालचीनी का सेवन फायदेमंद साबित होगा | 2-2 ग्राम की मात्रा दिन में दो बार पानी में मिलाकर लेने से आपका कोलेस्ट्रोल का स्तर सामान्य हो जायेगा |
सर्दी जुकाम से राहत दिलाये दालचीनी
सर्दियों में खासी जुकाम होना आम बात रहती है इस समस्या के समाधान के लिए आपको दालचीनी की चाय का उपयोग फायदेमंद साबित होगा |
सेक्स पॉवर बढाये दालचीनी
यदि आप अपनी वैवाहिक जीवन का आनंद नही ले पा रहे हो तो आपको कुछ दिनों तक 3-3 ग्राम दालचीनी का सुबह शाम दूध के साथ सेवन करने से आपकी सेक्स पॉवर में सुधार हो जायेगा |
दालचीनी का उपयोग कैसे करे
अक्सर लोगो के सवाल रहते है की दालचीनी का सेवन किस प्रकार करने से अधिक फायदेमंद रहता है इस सम्बन्ध में आगे बता रहे है –
- दालचीनी एक मसाला है जिसका उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए प्राचीन समय से किया जाता रहा है | लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ अलग अलग प्रकार से लिए जा सकते है |
- दालचीनी का पाउडर दूध के साथ सेवन किया जा सकता है | दालचीनी की चाय या काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता है |
- दालचीनी में शहद मिलाकर चेहरे पर प्रयोग में लिया जा सकता है |
- दर्द वाले भाग पर इसके तेल का उपयोग किया जाता है |
- बालो के पोषण के लिए इसके पत्तो का काढ़ा बनाकर बाल धोने के रूप में दालचीनी का उपयोग किया जाता है |
दालचीनी के नुकसान (Side Effect of Dalchini in Hindi)
अधिक मात्रा में नियमित रूप से दालचीनी का सेवन हानिकारक साबित हो सकता है |
- निम्न रक्तचाप वाले रोगियों को इसके सेवन से बचना चाहिए क्योकि इसमे उपस्थित सिनामनडिहाइड ब्लड प्रेशर को कम करता है |
- दालचीनी का बहुत अधिक समय तक नियमित सेवन कैंसर का कारण भी बन सकता है क्योकि इसमे उपस्थित कूमरिन नामक तत्व कैंसर कोशिकाओ के निर्माण का जिम्मेदार होता है |
- इसका नियमित सेवन करने से यकृत विकार व किडनी के विकार उत्पन्न होने की सम्भावना को बढ़ा देता है |
- गैस्ट्रिक समस्या हो सकती है |
- ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता है |
किसी भी हर्बल मेडिसिन (Herbal Medicine) का सेवन चिकित्सकीय देखरेख में ही करे |
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धन्यवाद !
नीलम (योग विशेषज्ञ)