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गदमुरारि रस

गदमुरारि रस के घटक द्रव्य, सेवन विधि और गुण व उपयोग

गदमुरारि रस: कई दिनों तक रहने वाले बुखार में आयुर्वेद का गदमुरारि रस काफ़ी असरदार मेडिसन है। यदि आप भी कई दिनों तक रहने वाले बुखार तथा बुखार से आई कमजोरी के कारण परेशान रहते हैं तो इस स्थिति में आपके लिए आयुर्वेदिक मेडिसन गदमुरारि रस रामबाण सिद्ध होगी। जिन लोगों को बहुत समय तक बुखार रहता है चाहे वह कफ के कारण हो या शरीर में पित्त की वृद्धि के कारण हो। कई बार बुखार जाने के बाद बहुत लंबे समय तक खांसी और कमजोरी रहती हैं उन लोगों को गदमुरारि रस का प्रयोग शहद के साथ करने से बहुत लाभ होता है। 

गदमुरारि रस

यदि आप भी गदमुरारि रस के अन्य फायदों के बारे में जानना चाहते हैं कि यह कैसे बनता है, इसे लेने की मात्रा और अनुमान क्या है? तथा इसके गुण और उपयोग क्या- क्या है तो आप इस आर्टिकल को अंतिम तक अवश्य पढ़ें।

घटक द्रव्य (Ingredients of Gadmurari Ras)

गदमुरारि रस बनाने के लिए निम्न औषधियां काम में भी जाती है। जो इस प्रकार है-

  • शुद्ध पारद
  • शुद्ध गन्धक 
  • शुद्ध मैनशिल
  • लोह भस्म 
  • अभ्रक भस्म 
  • ताम्र भस्म 
  • शुद्ध बच्छनाग विष

गदमुरारि रस बनाने की विधि (How to Make Gadmurari Ras in Hindi)

  • शुद्ध पारद, शुद्ध गन्धक, शुद्ध मैनशिल, लोह भस्म, अभ्रक भस्म, ताम्र भस्म इन सब द्रव्यों को 1-1 तोला की मात्रा में लें।
  • शुद्ध बच्छनाग विष को 3 ग्राम की मात्रा में लें। 
  • अब सबसे पहले पारद और गन्धक को लेकर कज्जली बना ले। 
  • जब कज्जली बनकर तैयार हो जाए तो अन्य सभी भस्मों को इस कज्जली में मिला लें। 
  • सभी भस्म अर्थात शुद्ध मैनशिल, लोह भस्म, अभ्रक भस्म, ताम्र भस्म और बच्छनाग विष का सूक्ष्म चूर्ण मिला लें। 
  • अब कज्जली और सभी भस्मों को मिलाने के बाद अदरक के रस में 12 घंटे तक मर्दन करें। 
  • अर्थात अदरक के रस में घोटकर चटनी तैयार कर लें। 
  • अब इस चटनी की 65mg. – 65mg. की गोलियां बनाकर तैयार कर लें। 
  • गोलियां बनाने के बाद इन्हें छाया में सुखा लें। 
  • इस प्रकार हमारा गदमुरारि रस बनकर तैयार है। 

हमने आपको गदमुरारी रस बनाने की विधि बताई है। आप चाहे तो इसे घर पर भी बना सकते हैं परंतु सभी औषधियां आसानी से नहीं मिल पाती है और मिल भी जाती है तो वह शुद्ध नहीं होती है। अतः आजकल यह सभी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है जिसे आप आसानी से purchase कर सकते हैं।

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गदमुरारि रस की सेवन विधि (Dose of Gadmurari Ras)

  • एक- एक गोली सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। 
  • सुबह-शाम एक-एक गोली आप अदरक के रस के साथ भी सेवन कर सकते हैं।
  • गद मुरारी रस की एक-एक गोली आप तुलसी के रस के साथ भी सेवन कर सकते हैं। 
  • इसके अतिरिक्त आप डॉक्टर से परामर्श लेकर डॉक्टर के बताए अनुसार सेवन कर सकते हैं।

गदमुरारि रस के गुण व उपयोग (Benefits of Gadmurari Ras)

आयुर्वेद के अनुसार गदमुरारि रस का उपयोग विशेषकर सभी प्रकार के बुखार को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग कुछ अन्य रोगों में भी किया जाता है। जो इस प्रकार है-

  • गद मुरारी रस का उपयोग करने से विषम ज्वर भी अर्थात जो बहुत दिनों से हो तथा बहुत भयंकर हो वह भी ठीक हो जाती है। 
  • गद मुरारी रस कई दिनों तक रहने वाले बुखार के कारण आई शारीरिक कमजोरी को धीरे-धीरे सुधार कर रोग को दूर करता है। 
  • कई बार लगातार बुखार रहने के कारण बुखार के जीवाणु वात, पित्त और कफ दोषों को दूषित कर देते हैं ऐसी स्थिति में गद मुरारी रस का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है। 
  • कई बार बुखार रहने के कारण तथा उसकी उचित प्रकार से चिकित्सा नहीं होने के कारण पुराने बुखार से क्षय रोग (टीबी) जैसे रोग की शुरुआत हो जाती है ऐसी अवस्था में गद मुरारी रस का उपयोग बहुत ही उत्कृष्ट लाभ देता है। 
  • लगातार बुखार रहने के कारण हाथ पैर का टूटना, उबाक आना, उल्टी की इच्छा होना, भोजन में रुचि नहीं होना, छाती में हर समय दर्द रहना और भारीपन रहना तथा शरीर में कमजोरी आना आदि लक्षण उत्पन्न होने पर यदि गद मुरारी रस का उपयोग किया जाए तो बहुत जल्द अवश्य ही लाभ मिलता है। 
  • कई बार जुखाम के कारण भी बुखार हो जाता है तथा कफ के साथ खून आना शुरू हो जाता है ऐसी स्थिति में यदि गद मुरारी रस का उपयोग ब्राह्मी क्वाथ के साथ किया जाए तो अवश्य ही लाभ मिलेगा। 
  • बुखार के कारण अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार शौच की इच्छा होना, पूरे शरीर में दर्द होना तथा जलन होना, हाथ- पैर के तलवों में जलन होना आदि लक्षण उत्पन्न होने पर यदि नागरमोथा क्वाथ के साथ गदमुरारी रस का उपयोग किया जाए तो जल्द ही लाभ मिलता है। 
  • अत्यधिक पसीना आना, बार-बार बेहोश होना या चक्कर आना, मुंह से दुर्गंध आना तथा पसीने के कारण पूरे शरीर में दुर्गंध आना ऐसी स्थिति में गदमुरारी रस को शहद और जल के साथ प्रयोग करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। 
  • कई बार रोगी को लंबे समय तक बुखार रहने के कारण पूरे शरीर में दर्द रहता है और निमोनिया की शिकायत हो जाती है ऐसी स्थिति में रोगी को तेज औषधियों का उपयोग नहीं करवाया जाता, उस समय यदि गद मुरारी रस का प्रयोग करवाया जाए तो यह सर्वश्रेष्ठ रहेगा। 
  • सभी प्रकार के बुखार चाहे वह वात के कारण हो या पित्त के कारण हो या कफ के कारण हो गद मुरारी रस का उपयोग करने के कारण धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं तथा रोगी को शरीर में आई कमजोरी धीरे-धीरे दूर होती नजर आती है।
  • कई बार देखने को मिलता है कि बुखार के कारण या लंबे समय तक बुखार के कारण शरीर के अंदर के अवयव काम करना बंद कर देते हैं, ऐसी स्थिति में गदमुरारी रस का उपयोग करने से शरीर के अंदर के अवयव में आई कमजोरी दूर हो जाती है और वह धीरे-धीरे पुनः काम करना शुरू कर देते हैं। 

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आएगी और यदि आप भी लंबे समय से बुखार के कारण परेशान है तो आयुर्वेद के गदमुरारी रस का उपयोग अवश्य करें यह आपको जल्द ही स्वास्थ्य लाभ देगा। इसके साथ ही यह सभी प्रकार के बुखार को दूर करने के साथ-साथ शरीर में आई कमजोरी को भी दूर करता है।

धन्यवाद! 

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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