रक्तमोक्षण क्या है –
परिचय :- रक्त+मोक्षण अर्थात दूषित रक्त को शरीर से मुक्त करना ही रक्तमोक्षण है | दूषित रक्त को चिकित्सकीय प्रक्रिया के अनुरूप शरीर से बहार निकालने की विशेष क्रिया को रक्तमोक्षण कहा जाता है |
आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे लीच थरेपी के फायदे क्या है ओर कैसे यह फायदे मंद है | लीच थेरेपी के फायदे अलग अलग रोगों में बहुत समय में देखे सकते है |
रक्तमोक्षण कैसे करे :- रक्तमोक्षण करने के आयुर्वेद शास्त्रों में अनेको तरीके बताये है जिनमे से कुछ प्रमुख है उनके बारे में इस लेख के माध्यम से जानेगे |
रक्तमोक्षण के प्रकार
जोंक थैरेपी / लीच थैरेपी ( Leech Therapy in Hindi )
लीच थैरेपी में एक जलीय जीव जलोंका का प्रयोग किया जाता है | लीच थैरेपी को अनेको नामों से जाना जाता है- जैसे जलोंका , जोंक , और अंग्रेजी में leech आदि | लीच द्वारा पित्त दोष से दूषित रक्त को शरीर से बहार निकला जाता है | उसके बदले में लीच हमे हिरुडीन देती है |
वर्तमान समय में आयुर्वेद व् यूनानी चिकित्सा में स्किन सम्बन्धी रोगों चर्मरोगो में लीच थेरेपी का बड़ा बोलबाला है |
लीच थेरेपी क्यों है फायदेमंद
जोंक की लार में हीरूडीन नामक रसायन पाया जाता है जोंक जब खून चूसती है | तब रोगी व्यक्ति के खून में हीरूडीन नामक रसायन को छोड़ देती है | लीच थेरेपी को हीरूडोथेरेपी (hirudotherapy) के नाम से भी जाना जाता है |
जोंक की लार से निकलने वाला हीरूडीन रक्त को जमने से रोक देता है | क्योकि हीरूडीन थ्रोम्बिन का सबसे शक्तिशाली प्राकृतिक अवरोधक होता है | हीरूडीन के अलावा जोंक मरीज के शरीर में कई तरह के अन्य पेस्टीसाइडस भी छोड़ती है, जिनकी रासायनिक प्रक्रिया गैंगरीन से ग्रसित अंगों में ब्लड सर्कुलेशन को धीरे-धीरे बढ़ाना शुरू कर देता है | यही नहीं इन रसायनों की वजह से घाव भी बहुत तेजी से भरता है |
लीच / जलोका के प्रकार ( TYPES OF LEECH in HINDI )
जलोंका के मुख्य रूप से दो प्रकार होते है –
- विषैली जलोका ( Poisonous Leech )
- निर्विष जलोका (Non Poisonous Leech)
विषैली जलोका :- (Poisonous Leech In Hindi )
ये विषैली जलोकाये विषैली मछलियों एक गंदे कीट को ही अपना भोजन बनाती है | ऐसी लीच गंदे जलाशयों में आसानी से मिल जाती है |
विषैली लीच के छ: प्रकार होते है –
- कृष्णा
- कर्बुरा
- अलगर्दा
- इन्द्रायुधा
- गोचंदना
- सामुद्रिका
निर्विष जलोका (Non Poisonous Leech In Hindi) :- निर्विष लीच स्वच्छ व शैवाल युक्त जलाशयों में पाई जाती है |
इसके भी 6 ही प्रकार होते है |
- कपिला
- पिंगला
- शंखमुखी
- मूषिका
- पुंडरिक मुखी
- सावरिका |
लीच थैरेपी के फायदे ( benefits OF LEECH THERAPY in HINDI )
- कील-मुहांसों में लीच थैरेपी के फायदे
- वेरीकोज वेन्स में लीच थैरेपी के फायदे
- एलोपेसिया की रोकथाम में लीच थैरेपी के फायदे
- गैंगरीन में लीच थैरेपी के फायदे
- चर्मरोगो में लीच थैरेपी के फायदे
- आर्थराइटिस में लीच थैरेपी के फायदे
- गंजेपन में लीच थैरेपी के फायदे
- नेत्र रोगों में लीच थैरेपी के फायदे
- एक्जिमा में लीच थैरेपी के फायदे
- सोरायसिस में लीच थैरेपी के फायदे
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