कष्टार्तव क्या है (What is menstruation cycle pain in hindi)
“कष्टेन मुंज्च्यती इति कष्टार्तव”
अर्थात जब महिलाओ को कष्ट या दर्द के साथ मासिकधर्म का होने की अवस्था को कष्टार्तव कहा जाता है | कष्टार्तव दो शब्दों कष्ट + आर्तव से मिलकर बना है जिसका अर्थ है कष्ट के साथ आर्तव का आना |
आयुर्वेद शास्त्रों में दर्द के साथ पीरियड्स होने का किसी स्वतंत्र रोग के रूप में वर्णन नही किया गया है इसका उल्लेख केवल योनिव्यापद के लक्षण के रूप में किया गया है | पीरियड्स के समय होने वाले दर्द का मुख्य कारण योनिव्यापद व् वात दोष का दूषित होना माना गया है |
मासिकधर्म के समय होने वाले दर्द के कारण
पीरियड्स के समय दर्द क्यों होता है ? पीरियड्स के समय होने वाले दर्द होने के अनेक कारण हो सकते है |
- गर्भाशय ग्रीवा का सिकुड़ा हुआ होना
- गर्भाशय में गाँठ का होना |
- आन्तरिक विकृति |
- गर्भाशय में नाड़ियों में असंतुलन
- मानसिक कारण |
- यौवनारंभ के समय
- शरीर में खून की कमी के कारण |
- फोलोपियन टूयूब में किसी प्रकार की असामान्यता |
- जननांगो का ठीक विकसित नही होने के कारण |
- शारीरक दोष वात का प्रकुपित होना बड़ा कारण हियो |
- धातुक्षय के परिणामस्वरूप |
- मार्गावरोध होने के कारण |
- योनिव्यापद –वातजयोनी व्यापद , उदावर्तिनी योनिव्यापद , आदि
कष्टार्तव (पीरियड्स के समय दर्द) के लक्षण (symptomps of menstruation cycle pain in hindi)
- पीरियड के समय स्वभाव का चिडचिडा स्वभाव का होना |
- मासिकधर्म के प्रारम्भ होने से कुछ समय पहले पेडू प्रदेश और जंघा प्रदेश में दर्द का होना |
- उल्टी होना |
- कमर दर्द का होना |
- सिरदर्द होना |
- पीरियड्स के समय दर्द से तेज बुखार का होना |
- हल्के पतले दस्त होना |
पीरियड्स के समय होने वाले दर्द का आयुर्वेदिक उपचार
- पीरियड्स के समय होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाने में उत्तर बस्ति का श्रेष्ठ परिणाम देखने को मिलता है |
- वातशामक आहार के साथ पथ्य का पालन
- योनिवर्ती धारण कराने से कष्टार्तव में लाभदायक सिद्ध होता है |
- पीरियड्स के दर्द में राहत दिलाने वाली महत्वपूर्ण दवाईया – विजयादी वटी, रज:प्रवर्तनी वटी, कुमारिका वटी, शतावरी चूर्ण , अश्वगंधा चूर्ण, हिंग्वादी चूर्ण, अशोकारिष्ट , दशमूल क्वाथ, कुमारीआसव , पत्रांगासव आदि आयुर्वेदिक ओषधियों का सेवन करने से राहत मिल जाती है |
मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द के घरेलू उपाय
- अजवायन – अजवायन को पानी में उबालकर सेवन करने से कष्ट के साथ होने वाले मासिकधर्म में आराम मिल जाता है |
- गर्म पानी – गर्म सेक करने से जननांगो के संकुचन में राहत मिलती है जिससे दर्द में आराम मिल जाता है |
- नाभिपूरण – मासिकधर्म के खत्म होने से पूरे 30 दिनों तक एरंड तेल को 5 मिली की मात्रा में रोज सुबह हल्का गुनगुना करके नाभि में भरकर रखे 10 मिनट के बाद घड़ी की दिशा में गोल गोल घुमाते हुए पुरे पेट पर मालिश करे | जिससे जननांगो को पोषित होने में सहारा मिलता है परिणामस्वरूप पीरियड्स के समय होने वाले दर्द से छुटकारा मिल जाता है |
- एलोवेरा – पीरियड्स के पहले दिन ताजा एलोवेरा 4 अंगुल का गुदा और साथ में लगभग 30 ग्राम गुड लेकर काढ़ा बनाले | हल्का गुनगुना रहने पर es इस काढ़े को पीले | इस प्रयोग से आपका पीरियड्स खुल कर एकदम बिलकुल साफ़ आएगा |
- ज्वारे – खून की कमी से होने वाले दर्द के लिए आप ज्वारे का रस नियमित रूप से सेवन करेंगी तो आपके मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द से छुटकारा मिल जायेगा |
- तुलसी अदरक – तुलसी व् अदरक को प्राकृतिक दर्द निवारक माना जाता है | प्रात:काल आप ३-4 पत्ते तुलसी के साथ ही 2 इंच अदरक का टुकड़ा लेकर चुसे इससे आपको पीरियड्स के दर्द से आराम मिलने कि सम्भावना बनती है |
- पपीता – पपीता की प्रकृति उष्ण होने से यह आपकी कब्ज में भी राहत देने के साथ आपके मासिकधर्म के समय होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाएगा |
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धन्यवाद !
1 Comment
Sarita Choudary
January 27, 2020Thank you sir