परिचय Introduction of Sutshekhar Ras In Hindi
सूतशेखर रस एक शास्रीय आयुर्वेद औषधि है | यह वैसे स्वतंत्र रूप से किसी बीमारी का इलाज करने में इतनी सामर्थ्य नही है किन्तु अन्य औषधियों के साथ मिलकर वात पित्तज रोगों का आसानी से इलाज करने में उपयोगी साबित होती है |
आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे सूतशेखर रस के फायदे व नुकसान के बारे में |
सूतशेखर रस (स्वर्ण युक्त) के घटक द्रव्य
शुद्धमं सूतं मृतं स्वर्णम टंकणम वत्सनाभकम |
व्योषम उन्मतबीजं च गंधकं ताम्रभस्मकं ||
चतुर्जातं शंखभस्म बिल्वमज्जा कचोरकम |
सर्व समं क्षिपेतखल्वे मर्दयम भृंगरसैंरदिनम ||
गुन्जामानां वटी कृत्वा द्वीगुन्जे मधुसर्पिषी |
भक्षयेत अम्लपित्तघ्ना वान्तिशुलामयापह: ||
इति सुतशेखरो रस: |
औषधि बनाने की विधि
- शुद्ध पारद
- शुद्ध वत्सनाभ
- स्वर्ण भस्म
- टंकण भस्म
- व्योष
- धतुर पुष्प
- शुद्ध गंधक
- ताम्र भस्म
- चतुर्जात
- शंख भस्म
- बिल्वमज्जा
- कचोर
सभी को समान भाग लेकर भृंगराज स्वरस के साथ मर्दन करे | अधिक गुणों को बढ़ाने के लिए 21 दिन तक मर्दन अर्थात भावना दे सकते हो | मर्दन करते समय कृपया ये ध्यान रखे की मर्दन स्वर्ण भस्म रहित ही करे |
स्वर्ण सूतशेखर रस के फायदे Benefits of Sutshekhar Ras In Hindi
- एसिडिटी / अम्लपित्त
- उदरशूल (पेट दर्द )
- हिक्का (हिचकी)
- माईग्रैन
- अतिसार/ दस्त
- राजयक्ष्मा
- वमन/उल्टी होना
- उदावर्त (पेट में गैस का गोला सा बनना)
- सांस रोग में
- गुल्म
- गृहणी
- मन्दाग्नि
- कास (खांसी)
- अफारा (पेट फूलना)
सूतशेखर रस के नुकसान Side Effects of Sutshekhar Ras In Hindi
- किसी किसी रोगों को उसके पाचन संस्थान की गड़बड़ी के अनुसार मात्रा का निर्धारण ठीक ढंग से नही करने पर उन्हें पेट सम्बन्धी समस्या हो सकती है |
- गर्भावस्था के दौरान सूतशेखर रस का सेवन नही करना चाहिए अन्यथा गर्भपात होने का भय रहता है |
- स्तनपान कराने वाली महिलाओ को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही लेना चाहिए |
- बिना चिकित्सक की सलाह के दावा का सेवन करने से या किसी अन्य दवा के साथ सेवन करने पर शरीर पर चकत्ते निकल सकते है |
सूतशेखर रस की खुराक व् सेवन विधि How To use Of Sutshekhar Ras In Hindi
सूतशेखर रस की 2-2 गोली शहद या घृत के साथ लेने से अम्लपित्त व पेट दर्द में तुरन्त आराम मिलता है |
इस औषधि का सेवन रोगी विशेष के अनुसार करवाया जाता है |रोगी की प्रकृति व् रोग के अनुसार इसका सेवन खाली पेट या खाने के बाद करवाया जाता है इसका निर्धारण चिकित्सक रोगी की प्रकृति के अनुसार करता है |
विशेष :- सूतशेखर रस अम्लपित्त उदर रोग या अन्य किसी रोगों का चिकित्सा सूत्र नही कहा गया है | इस लिए इस औषधि के सेवन से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले |
यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो कृपया शेयर जरूर करे |
धन्यवाद !