परिचय – तोदरी का पौधा दक्षिण यूरोप में बहुतायत से पाया जाता है | इसको भाषा विशेष के आधार पर तोदरी, सफेद तोदरी, तुदरी, तुधारी आदि नामों से जाना पहचाना जाता है | तोदरी का वानस्पतिक (लेटिन)नाम Lepidium Virginicum है |
इसके फूलो के रंग भेद के आधार पर तोंदरी के तीन प्रकार बताये गये है | श्वास संबंधी रोगों में तोदरी के फायदे बहुत उत्साह वर्धक देखने को मिलते है | तोदरी के फायदे के बारे में इस आर्टिकल में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे |
रासायनिक संघठन
कटुष्णा पिच्छिला गुर्वी वातश्लेष्महरा सरा |
कासे श्वासे च दौर्बल्ये मूत्रकृच्छ्र प्रशस्यते ||
इसके बीजो में लेपिडिन गंधयुक्त तेल पाया जाता है |
रस – कटु
गुण– गुरु
वीर्य– उष्ण
प्रभाव – कफवात शामक
तोदरी के औषधीय गुण
श्वसन सम्बन्धी रोगों में तोदरी के फायदे
यदि आपको अस्थमा अर्थात श्वास सम्बन्धी रोग है तो आपको तोदरी के बीजो का फांट बनाकर रोज कुछ दिनों तक 10-20 मिली की मात्रा में सेवन करने से श्वास नली में होने वाली सुजन में आराम मिलेगा |
पुराने दस्त में तोदरी के फायदे
जिन लोगो को बहुत लम्बे समय से दस्त अतिसार की शिकायत बनी रहती है उनको तोदरी के पंचांग अर्थात सम्पूर्ण पोधे का काढ़ा बनाकर 15-20 मिली की मात्रा में सेवन करने से पुराने दस्तों में शीघ्र लाभ मिलता है |
मूत्रत्याग के समय होने वाले दर्द में तोदरी है फायदेमंद
तोदरी के पत्ते व वट वृक्ष के पत्तो को पानी में अच्छे से उबालकर 10-15 मिली की मात्रा में सेवन करने से पेशाब करते समय होने वाले दर्द से कुछ ही दिनों में आराम मिलने लगता है | ध्यान रहे इसका सेवन करने के बाद एक घंटे तक कुछ भी खाना पीना नही है |
शारीरिक दौर्बल्यता में तोदरी के लाभ
यदि आप शारीरिक कमजोरी से परेशान हो तो आपको तोदरी चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, काली मूसली और मिश्री मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से आप कुछ समय के बाद ही शारीरिक दौर्बल्यता से छुटकारा पाने में सफल हो जाओगे |
जोड़ो के दर्द में तोदरी है लाभदायक
जिन लोगो को जोड़ो में दर्द की समस्या रहती है उन्हें तोदरी के पत्ते नीम के फल एरंड बीज, अर्क के पत्ते आदि की जैतून या तिल के तेल में डालकर अच्छे से पत्तो का रंग घर भूरा होने तक मन्दाग्नि पर पकाए | पकने के बाद जब ठंडा हो जाये तो किसी कांच के बर्तन में रखले और रोज दिन में दो बार जोड़ो की मालिश करने से जोड़ो के दर्द में आराम मिल जाता है |
तोदरी के नुकसान
चिकित्सक की देखरेख के बिना किसी भी आयुर्वेद औषधि का सेवन करने से नुकसान होने की सम्भावना होती है |
नोट:- किसी भी आयुर्वेद ओषधि का सेवन करने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य करे |
धन्यवाद !