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अमलतास

अमलतास क्या है? इसके गुण, उपयोग एवं सेवन की विधि

अमलतास एक बहुत ही रंगीन और आकर्षक पौधा है, जिसे पेड़ के रूप में भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Cassia fistula” है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक मुख्य पेड़ है और इसे आम तौर पर गर्म इलाकों में देखा जा सकता है। अमलतास के फूल पीले रंग के होते हैं और इसके गुच्छे एक पते पर समूह बनाते हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। इस पौधे के फूल गर्मी के मौसम में खिलते हैं और इसके फल जितने सुंदर होते हैं, उतना ही स्वादिष्ट भी होते हैं। अमलतास के इस गुलाबी रंग के फूल और पीले फलों की खासियत इसे एक अद्भुत पौधे के रूप में मशहूर करती हैं।

अमलतास

अमलतास और आयुर्वेद

इसे संस्कृत में व्याधिघात, नृपद्रुम आदि नामों से जाना जाता है । आयुर्वेद में अमलतास का उपयोग हजारों वर्षों से भारतीय आयुर्वेद में किया जा रहा है। इसे जड़, पत्ते, फूल और फलों के रूप में चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। इसे विभिन्न रोगों के इलाज के लिए एक उत्तम औषधि माना जाता है और इसके गुणों को स्वास्थ्य संबंधी विज्ञान में भी प्रमाणित किया गया है। आज के इस लेख में हम अमलतास के फायदे, गुण, उपयोग एवं सेवन खुराक के बारे में जानकारी देंगे

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गुण (Properties)

1. उपशामक (Antipyretic)

अमलतास के फूल और पत्तों में उपशामक गुण होता है जो बुखार को कम करने में मदद करता है।

2. पुरगतिशोधक (Detoxifier)

अमलतास में पुरगतिशोधक गुण होता है, जो शरीर की अनिष्ट तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

3. आंत्रविकारनाशक (Gastrointestinal)

अमलतास के फलों के उपयोग से पाचन तंत्र को संतुलित करने में मदद मिलती है, जिससे आंत्र में होने वाली समस्याएं दूर होती हैं।

अमलतास की तासीर

इसकी तासीर ठंडी होती है । यह शीतल, मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, कफनाशक, और पेट को साफ़ करने वाला होता है । बुखार, कब्ज, आँतों की समस्या, रक्तपित्त, अल्सर, गैस, प्रमेह, गठिया रोग, गले की समस्या, आंतो के कीड़े इन सभी रोगों में अपनी तासीर एवं गुण धर्मों के कारण बहुत फायदेमंद माना जाता है । अमलतास के स्वास्थ्य के लिए उपयोग हमने निचे बताएं हैं ।

अमलतास के उपयोग (Uses)

1. आंत्रिक समस्याएं (Gastrointestinal Problems)

अमलतास के फलों के रस का सेवन करने से पाचन तंत्र संतुलित होता है और आंत्र में होने वाली समस्याएं दूर होती हैं।

2. बुखार (Fever)

अमलतास के फूलों और पत्तों के रस को बुखार के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है। बुखार में अमलतास के चूर्ण का इस्तेमाल करने से भी लाभ मिलता है ।

3. त्वचा की देखभाल (Skin Care)

अमलतास के फूलों और पत्तों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की देखभाल होती है और चेहरे की खूबसूरती बढ़ती है। दूसरा अमलतास के पेड़ की छाल को घिसकर लगाने से भी फोड़े – फुंसी बैठ जाते हैं ।

4. कब्ज (Constipation)

अगर आपको कब्ज है तो अमलतास का गुदा और मुन्नका बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से कब्ज तुरंत ठीक हो जाती है । इसका सेवन करने से पेट साफ होता है ।

5. बवासीर (Piles)

पाइल्स की समस्या में अमलतास का गुदा के साथ हरीतकी और मुन्नका बराबर मात्रा में मिलाकर इसे आधा लीटर पानी में डालकर तब तक उबले जब तक पानी आधा न बचे । इस प्रकार से अमलतास का काढ़ा तैयार हो जायेगा जो बवासीर रोग में बहुत फायदेमंद साबित होगा । इस काढ़े का सेवन करने से बवासीर रोग में आराम मिलता है ।

6. फोड़े – फुंसियों में (Pimples and Skin)

अमलतास के पतों को पीसकर पेस्ट बना ले । इस पेट को फोड़े – फुंसियों वाले अंग पर कुछ देर के लिए लगा रहने दें । इस प्रकार से लगा रहने से फोड़े – फुंसी जल्द ही ठीक हो जाते हैं ।

7. पेट दर्द (Abdominal Pain)

पेट दर्द में अमलतास का गुदा बहुत ही उपयोगी माना जाता है । अमलतास का गुदा का सेवन करने से पेट दर्द में राहत मिलती है । अगर पेट दर्द छोटे बच्चों को है तो अमलतास के बीजों की गिरी को पीसकर नाभि के आस – पास लगाने से लाभ मिलता है । इससे पेट दर्द होना बंद हो जाता है ।

8. विषाक्तता का इलाज (Poison)

अमलतास के पत्तियों का उपयोग विषाक्तता के इलाज में किया जा सकता है। इसके प्राकृतिक गुण शरीर के विषाक्तता को कम करने में मदद करते हैं। अमलतास के बीजों की गिरी को पिलाने से उल्टी हो जाती है । जिससे हानिकारक खाई हुई चीज उल्टी के साथ बाहर निकल जाती है ।

9. पेशाब की रूकावट (Urine Issue)

अमलतास के बीजों की गिरी को पानी में घिसकर एक गाढ़ा लेप तैयार कर्लिजिये । इस लेप को नाभि के आस पास लगाने या जनांग के आसपास लगाने से पेशाब खुलकर आता है ।

अमलतास की खुराक एवं विधि

औषधीय उपयोग की दृष्टि से अमलतास के फल, फुल एवं मज्जा का उपयोग किया जाता है । इसकी खुराक का सटीक जानकारी के लिए आपको एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए । मज्जा एवं चूर्ण आदि का आमतौर पर 2 ग्राम तक की मात्रा में सेवन किया जा सकता है । अधिक जानकारी के लिए आपको अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए । हालाँकि विभिन्न रोगों में उपयोग के लिए वैद्य इसकी खुराक भिन्न – भिन्न बता सकते हैं ।

अमलतास के नुकसान (Amaltas Side Effects)

आमतौर पर अमलतास के कोई नुकसान नहीं माने जाते । अगर आप अमलतास का सेवन करना चाहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से पूछ कर सेवन करना चाहिए । अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से हो सकता है की आपको कोई नुकसान हो जाये । ऐसा माना जाता है कि अमलतास के गुड्डे के साथ हमेंशा अजवायन, आदि मसालों को मिलाकर ही सेवन करना चाहिए अन्यथा पेट दर्द और दस्त जैसी समस्या हो सकती है ।

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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Dr Ramhari Meena

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