आमवातारी रस के फायदे: यह आयुर्वेद की क्लासिकल मेडिसिन है जो आम वात के उपचार में प्रमुख रूप से इस्तेमाल होती है । इस दवा के बारे में सार – संग्रह में लिखा गया है कि यह आमवात, गठिया, जोड़ो के दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस रोग को ठीक करने के लिए उपयोगी है । आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे कि आमवातारी रस क्या है?, इसके सामग्री क्या है और इसके फायदे, नुकसान के बारे में
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आमवातारी रस क्या है ?
आमवातारी रस क्या है ? (What is Aamvatari Ras in Hindi)
यह एक शास्त्रोक्त दवा है जो वात रोगों को ख़त्म करने और शरीर में स्थित आम को पचाने का कार्य करती है । ऐसा माना जाता है कि आम के कारण शरीर के जॉइंट्स में दर्द और पीड़ा रहने लगती है जिसमे वात की विकृति होने के कारण आर्थराइटिस का रूप ले लेती है । इन सभी रोगों में उपयोग करवाने के लिए आमवात का इस्तेमाल करने से लाभ मिलता है ।
यह दवा आयुर्वेदिक जड़ी – बूटियों को मिलाने लपर बनती है । इसका इस्तेमाल करने से सभी प्रकार के वात रोग ठीक होते हैं । बैद्यनाथ सार – संग्रह किताब में लिखा गया है कि –
रसगौ वरावी गुुलुः मवताः ।रसगौ
बैद्यनाथ सार – संग्रह
एतदेरतैलेन णचूण पेषयेत् ॥६९॥
कषऽैरतैलेन हुजलपाियनाम् ।
आमवातमतीवों दुमुािद वजयेत् ॥७०॥
आमवातारी रस के घटक द्रव्य (Ingredients of Aamvatari Ras in Hindi)
घटक नाम | हिंदी नाम |
---|---|
Shuddha Gandhaka (शुद्ध गंधक) | शुद्ध गंधक |
Pathya (पथ्य) | पथ्या |
Bibhitaki (बिभीतकी) | बिभीतकी |
Dhatri (धात्री) | आंवला |
Chitrak (चित्रक) | चित्रक |
Shuddha Guggulu (शुद्ध गुग्गुल) | शुद्ध गुग्गुल |
Commiphora mukul (कोमिफोरा मुकुल) | गुग्गुल |
Panchangula taila (पंचांगुल तैला) | पंचांगुल तेल |
आमवातारी रस के फायदे (Benefits of Aamvatari Rasa in Hindi)
- रुमेटॉइड आर्थराइटिस और उससे जुड़ी समस्याओं के इलाज में यह दवा काम आती है।
- आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, जोड़ों की इस गंभीर समस्या का मुख्य कारण वात और पित्त दोष का असंतुलन होता है। यह टैबलेट वात दोष को संतुलित करके जोड़ों के सही काम को फिर से संचालित करने में मदद करती है।
- यह बुखार के बाद जोड़ों के दर्द में भी प्रभावी है।
- आमवातरी रस दर्दनाशक गुण से परिपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि होता है।
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आमवातरी रस निम्न रोगों में उपयोगी बताई गई है –
- आमवात – रुमेटॉइड आर्थराइटिस
- सूजन
- बर्साइटिस
- जोड़ों की सुखापन
- पीठ के नीचे का दर्द
- ऑस्टियोआर्थराइटिस के प्रारंभिक चरण
इस तरह, आमवातरी रस वात और पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करती है और जोड़ों से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक है।
खुराक (Dosage)
आमवातारी रस की आमतौर पर खुराक 1 से 2 गोली सुबह – शाम विभिन्न अनुपान या अन्य दवाओं के साथ बताया गया है । इसे एक निपुण वैद्य की सलाह से प्रयोग में लेना चाहिए । सामान्यत: आमवातारी रस टेबलेट फॉर्म में आती हैं इसलिए गोलियों को चूर्ण बना कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है । जिससे पाचन में आसानी होती है और रोग पर जल्द असर करती है ।
सावधानियां क्या हैं ?
मवातरी रस का सेवन करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना जरूरी है:
- डॉक्टर की सलाह: कृपया इस दवा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें। वे आपकी रोग की स्थिति के आधार पर सही खुराक और उपयोग की जरूरत की सलाह देंगे।
- खाने के साथ: आमवातरी रस को खाने के साथ लेना फायदेमंद हो सकता है, इससे पाचन को सहयोग मिल सकता है और इसका प्रभाव अधिक हो सकता है।
- खाने से पहले नहीं: इसे भोजन के पहले नहीं लें, क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
- अल्कोहल: अल्कोहल के साथ इसका सेवन करने से बचें, क्योंकि यह उसके प्रभाव को बढ़ा सकता है।
- संयमित सेवन: डॉक्टर के सुझाव के मुताबिक ही इस दवा का संयमित रूप से सेवन करें, और खुद से बिना सलाह के खुद की खुराक न बढ़ाएं।
- अनुभव गंभीर होने पर: यदि आपको इस दवा का सेवन करने के बाद किसी प्रकार की गंभीर समस्या या दुष्प्रभाव महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और दवा का सेवन बंद करें।