कब्ज परिचय कारण, लक्षण, आयुर्वेद, प्राकृतिक व आसान घरेलू उपाय

कब्ज constipation

कब्ज क्या है  What Is Constipation In Hindi

सम्पूर्ण जीवन काल में कब्ज constipation कभी ना कभी हर एक व्यक्ति को होती है | गलत खान पान या यु कहें की गलत आहार-विहार के लम्बे समय तक बने रहने से मल आंतो में चिपक कर रूक जाता है इसे ही कब्ज कहा जाता है |

कब्ज  constipation
कब्ज constipation

कब्ज को अनेको नामो कब्ज, कब्जियत, कोष्ठबद्धता, मलबन्ध आदि नामो से जाना जाता है वही आधुनिक चिकित्सा में कब्ज constipation के नाम से जाना जाता है | यह वैसे तो बड़ी आसन समस्या होती है , किन्तु मानव मात्र की अज्ञानता के चलते यह भयंकर बीमारी का रूप धारण कर लेती है | यह अनेको केसों में जान लेवा भी हो जताई है इस लिए इसका उपचार शीघ्र करना समझदारी होता है |

कब्ज के कारण causes of constipation in hindi

  • शारिरिक श्रम नही करना इस रोग का बड़ा कारण होता है |
  • कच्चा, बासा या अप्राकृतिक आहार लेने से कब्ज (constipation in hindi) होना निश्चित है |
  • प्रात:काल चाय, काफ़ी का सेवन कब्ज का बड़ा कारण होता है |
  • कम पानी पीना भी कब्ज (constipation in hindi) का बड़ा कारण होता है क्योकि आंतो में पाचक रस भलीभांति नही मिल पाता है|
  • ज़रूरत से अधिक भोजन करना या यु कहें की ठूंस ठूंस कर खाना कहाँ भी कब्ज constipation का बड़ा कारण होता है  
  • नींद पूरी नही ले पाने वाले लोगो को कब्ज की अधिक शिकायत देखी जा सकती है |
  • थाइरोइड ग्रंथि में उत्पन्न विकार भी कब्ज का बड़ा कारण होता है |

कब्ज के लक्षण

  • जिस व्यक्ति को कब्ज रहती है उसका पेट हर समय भारीपन लिए हुए रहता है |
  • मन्दाग्नि का रहना
  • शरीर में भारीपन रहना
  • गैस अधिक बनना
  • गैस को उर्धांग होने पर सिर में भारीपन के साथ साथ दर्द होना |
  • आलस्य अधिक आना |
  • जम्भाई आते रहना |
  • पेट फूलना अर्थात अफारा आना |
  • गहरी नींद नही आना |
  • मल का सुखा और कठोर रूप में आना |
  • हल्का बुखार बना रहना |
  • चेहरे का रंग कृष्ण हो जाना |
  • चेहरे के ओज में निरंतर कमी आते रहना | आदि

वर्तमान समय में हमारी जिस तरह की दिनचर्या हो गयी है वही कब्ज (constipation in hindi) की उत्पत्ति का सबसे बड़ा कारण है | वर्तमान समय में लोगो का देर रात को खाना खाना और उसके बाद देर रात तक जागना कब्ज का सबसे बड़ा कारण है | कब्ज वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है | अनियमित दिनचर्या वर्तमान समय का फैशन सा बन गया है |

कब्ज का परमानेंट/ स्थायी इलाज

वैसे आयुर्वेद शास्त्रों में कब्ज (constipation in hindi) को किसी प्रकार का स्वतंत्र रोग नही माना गया है | यह केवल मात्र रोगों के उपद्रव के रूप में उत्पन्न होने वाली समस्या है जिससे अनेको रोग पैदा होने की सम्भावना रहती है या यु कहें की रोगोत्पत्ति के पूर्व लक्षणों के रूप में पैदा होने वाली समस्या है | इसका स्थायी या परमानेंट इलाज बहु सरल और आसन है | जिसके लिए आपको केवल अपनी दिनचर्या को नियमित और उत्तम प्रकार की बनाये रखना है यदि अपने अपनी दिनचर्या को सही प्रकार से बनाये रखा तो आपको भविष्य में कभी भी कब्ज constipation की समस्या से परेसान नही होने पड़ेगा |

कब्ज से होने वाले रोग

  • गैस बनने की समस्या
  • हर्निया
  • उच्चरक्तचाप
  • मधुमेह
  • चर्म रोग
  • एलर्जी
  • पैन्क्रियाटीस
  • पेट का कैंसर
  • आईबीएस आंत्र सिंड्रोम
  • अतिसार
  • संग्रहणी
  • डिप्रेशन | आदि रोग होने कि सम्भावना बढ़ जाती है |

कब्ज का आयुर्वेदिक इलाज उपचार

आयुर्वेद में सभी व्योधियो का बहुत ही सरल इलाज बताया गया है जिनमे से आज हम कब्ज के बारे में चर्चा करेंगे |

  • कब्ज में काम आने वाली महत्वपूर्ण आयुर्वेद औषधिया –
  • वैधनाथ कब्ज हर टेबलेट– वैधनाथ कब्ज हर टैबलेट 2-2 टेबलेट का त्रिफला जूस के साथ सेवन करने से कुछ ही दिनों में कब्ज (constipation in hindi) से राहत मिलना प्रारम्भ हो जाता है |
  • एरंड भृष्ट हरीतकी – एरंड भृष्ट हरीतकी पाउडर का 5 ग्राम रात को सोते समय सेवन करने से अगले ही दिन से कब्ज में राहत मिलना  प्रारम्भ हो जाता है |
  • कामदुधा रस 250 मिग्रा, सूतशेखर रस , 125 मिग्रा, को अजमोदादी चूर्ण ३ ग्राम की मात्रा में मिलाकर एक डोज के हिसाब से लिया जाये तो कब्ज में आराम मिलता है |
  • इच्छाभेदी रस – इच्छाभेदी रस की 2-2 गोली सुबह शाम गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज भी खुल जाती है |
  • वैधनाथ विरेचनी वटी – रात को सोते समय वैधनाथ विरेचनी वटी की 2 गोलियों का सेवन गुनगुने पानी के साथ कराने से पुरानी कब्ज भी खुल जाती है |
  • हिमालय हर्बोलेक्स टेबलेट – हिमालय हेर्बोलेक्स टेबलेट की 2 गोलिया रात को सोते समय गुनगुने जल के साथ सेवन करने से कब्ज में राहत मिल जाती है |
  • हिमालय लैक्सोरिन टैबलेट – 2 टेबलेट रात को सोते समय सेवन करने से कब्ज की समस्या में राहत मिलती है |
  •    पंचकर्म चिकित्सा में विरेचन कर्म द्वारा भी कब्ज से राहत पाई जाती है |

कब्ज खोलने / मिटाने के आसान घरेलू उपाय

  1. कब्ज को मिटाने के लिए सुबह 200 मिली गुनगुने पानी में एक कागजी नीबू का रस व् एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित  सेवन करे  |
  2. रात को सोते समय तरुणिकुश्माकर चूर्ण 5 ग्राम का सेवन गुनगुने पानी के साथ कुछ दिनों तक करने से पुरानी कब्ज से छुटकारा मिल जाता है |
  3. रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को कांच के गिलास में भिगोदे , सुबह इसे उबाले व् छानकर पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज खत्म हो जाती है |
  4. लेहशवा के पंचांग का काढ़ा नियमित कुछ दिनों तक लेने से कब्ज का नाश हो जाता है | लेहशवा बीज के पाउडर को ३ ग्राम की मात्रा में दिन में एक बार सेवन करने से कब्ज में राहत मिल जाती है |
  5. छोटी हरीतकी को यवकूट करके एरंड तेल में भुन ले , और पाउडर बना ले रोज रात को सोते समय आधा चम्मच गुनगुने पानी से सेवन करने से कब्ज constipation से छुटकारा मिल जाता है |
  6. 5 मिली एरंड तेल को गुनगुने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज से राहत मिल जाती है |
  7. कामदुधा रस 500 मिग्रा, सूतशेखर रस 500 मिग्रा , अविपत्तिकर चूर्ण ३ ग्राम की मात्रा में लेने से कब्ज व पेट में गैस बनने में राहत मिलती है |
  8. रात को सोते समय इशबगोल का सेवन कब्ज में अत्यंत लाभदायक रहता है |
  9. सुबह शोचादी से निवृत हो जाने के बाद पेट पर मिटटी पट्टी करना भी कब्ज में तुरंत राहत देता है |
  10. पपीता का गर्म दूध के साथ सेवन भी कब्ज में रामबाण का काम करता है |
  11. अंजीर के काढ़े का सेवन कब्ज में श्रेष्ठ परिणामदायक साबित होता है |
  12. कब्ज के लिए सोंफ का अर्क पानी में डालकर लेने से आराम मिलता है |
  13. अधिक पुरानी कब्ज होने पर कुटकी व् चिरायता समान भाग लेकर मिश्री मिलाकर सुबह शाम ३-5 ग्राम सेवन करने से शीघ्र ही कब्ज constipation में आराम मिल जाता है |
  14. रात को सोते समय 3-5 ग्राम सोंठ का सेवन दूध के साथ करने से अगले ही दिन कब्ज में आराम मिलना स्टार्ट हो जाता है |

कब्ज की प्राकृतिक चिकित्सा

कब्ज की शिकायत होने पर प्राकृतिक चिकित्सा में सबसे पहले पेट की सफाई हेतु  रोज सुबह शाम एनिमा द्वारा पेट को साफ़ किया जाता है | साथ ही साथ पेट पर मिट्टी पट्टी की जाती है जिससे की पेट में जमे जहरीले पदार्थ मुलायम होकर आसानी से बहार निकल सके |

प्राकृतिक चिकित्सा प्रारम्भ करते ही रोगी की आहार सम्बन्धी आदतों को सुधार जाता है | जिसमे उसको शुरुआत के तीन दिन तक केवल रसाहार पर रखा जाता है | तीन दिन के बाद उसे अगले तीन दिन के लिए केवल फल व् सब्जियों पर रखा जाता है उसके बाद सामान्य डाइट डी जाती है | यदि कब्ज की समस्या अधिक हो तो रात को इसबगोल की भूसी गुनगुने ज के साथ सेवन करवाना श्रेष्ठ परिणाम दायक साबित होता है |

कब्ज के लिए उपयोगी योग

कब्ज (constipation in hindi) को ठीक करने के लिए निम्न योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है |

  • पवनमुक्तासन
  • मत्स्यासन
  • जानुशिरासन
  • शीर्षासन
  • हलासन
  • धनुरासन
  • शलभासन
  • ताड़ासन
  • पादहस्तासन
  • शंख प्रक्षालन
  • उत्तानपादासन
  • सुप्तवज्रासन
  • कपालभांति

योगासनों का अभ्यास प्रशिक्षक की देखरेख में ही करे |

कब्ज में क्या खाए

कब्ज के रोगी को कच्ची सब्जियों और फलो का अधिक सेवन करना चाहिए | कच्चे फल सब्जियों में रेसे अधिक होने से आंतो में जमा हुआ मल आसानी से निकल जाता है | कब्ज (constipation in hindi) वाले रोगी के लिए अंगूर, पपीता, नीबू, चोकर समेत आते की बनी रोटिया , पके अमरुद, जामुन, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गुलकंद, त्रिफला, आदि का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए | बहुत से लोग पूछते है की रेशेदार फल सब्जिया कब्ज में कैसे उपयोगी होती है उनके लिए यह लाइन काफी संतुष्ट प्रद होंगी | अधिक से अधिक रेशेदार कच्चे फल व सब्जियों का सेवन करना चाहिए क्योकि इनमें उपस्थित रेशे हमारे कोलन की सफाई अच्छी तरह से करने का कार्य बखूबी करते है |

कब्ज में क्या नही खाए

जब आपको पता चल जाये की आपको कब्ज (constipation in hindi) है तो आप निम्न खाद्य पदार्थ का सेवन बिलकुल वर्जित कर देंगे तो आप कब्ज को बढने से रोकने में सफल हो जाओगे | गरिष्ठ भोजन, मांसाहारी भोजन, अधिक मिर्च मसाले, खट्टी वस्तुओ का सेवन , सिरका, सूखे मेवे, आइस-क्रीम , तली भुनी चीजे, मुरब्बा, अचार, अरबी की सब्जी, आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए |

इस लेख में बताये सभी उपाय अनुभूत सिद्ध है जिनका उपयोग सुरक्षित है किन्तु अधिक मात्रा में लेने से उपद्रव पैदा हो सकते है इसलिए मात्रा का विशेष ध्यान रखे |

नोट:- किसी भी आयुर्वेद औषधि का सेवन करने से पहले आयुर्वेद/प्राकृतिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य करे |

अधिक जानकारी के लिए लेखक से सम्पर्क कर सकते है –

डॉ.रामहरि मीना (Dr.Ramhari meena) निदेशक- श्री दयाल नैचुरल स्पाइन केयर जयपुर  

धन्यवाद !


4 responses to “कब्ज परिचय कारण, लक्षण, आयुर्वेद, प्राकृतिक व आसान घरेलू उपाय”

  1. Age 40 years,
    Name Raja Sen Gupta
    City Kolkata
    Mujhe 7-8 din se bar bar letrin ka sa ahsas hota hai, kuch bhi khata hu to aisa lagta hai ki fresh hona hai parantu thoda sa waste hi nikalta hai, fresh hote time jalan bhi hoti hai, pet bhari bhari rah rha hai, pariwar me sab doctor hai par mai Ayurvedic dawai pe yakin karta hu isliye aapko msg kiya hai, koi dawai suggest kare. Yahi bta de dawai ka name agar sahi ho jaunga to aapki kripa hogi. Konsi dawai hai kaise leni hai kha se kharid sakte hai sab msg kar do plz. Kya parhej rakhna hai ye bhi btana.
    Jai Durga Mata

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