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तालिसादि चूर्ण

तालिसादि चूर्ण बनाने की विधि, फायदे, घटक एवं नुकसान

तालिसादि चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे विभिन्न चिकित्सकीय लाभों के लिए प्रयोग किया जाता है। यह आरोग्य और व्यक्तिगत देखभाल के कई पहलुओं को ठीक करने के लिए जानी जाती है। श्वांस रोग, सुखी खांसी, पाचन विकृति, पेट के विकार, और कफ को बाहर निकालने के लिए बहुत ही लाभदायक आयुर्वेदिक दवा है ।

तालिसादि चूर्ण

इस लेख में, हम आपको तालिसादि चूर्ण बनाने की विधि, इसके फायदे, इसमें पाए जाने वाले घटक, और इसके नुकसान के बारे में जानकारी देंगे।

तालिसादि चूर्ण क्या है?

तालिसादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो क्लासिकल आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है । इसमें बहुत सी स्वास्थ्य का सुधार करने वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का समावेश है । इसमें तालिशपत्र, कालीमिर्च, सोंठ, पिप्पल, आदि आयुर्वेदिक हर्ब है जो कफज विकारों के लिए बहुत उपयोगी है । तलिशादी चूर्ण का प्रयोग सभी प्रकार की कफज बिमारियों में किया जाता है । अगर आप तालिसादि चूर्ण खरीदना चाहते हैं तो यह सभी फार्मेसी द्वारा निर्मित किया जाता है ।

घटक | Ingredients

अंग्रेज़ी नामहिंदी नाममात्रा (ग्राम)
Tapioca Starchतालीसपत्र50 ग्राम
Black Pepperकालीमिर्च100 ग्राम
Dry Gingerसौंठ150 ग्राम
Long Pepperबड़ी पीपली200 ग्राम
Bamboo Mannaवंशलोचन250 ग्राम
Cinnamonदालचीनी25 ग्राम
Green Cardamomछोटी इलायची25 ग्राम
Rock Sugarमिश्री1600 ग्राम

तालिसादि चूर्ण बनाने की विधि

तालिसादि चूर्ण बनाने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

सामग्री

  1. तालिशपत्र
  2. कालीमिर्च
  3. सौंठ
  4. बड़ी पिप्पली
  5. वंशलोचन
  6. दालचीनी
  7. छोटी इलायची
  8. मिश्री

बनाने का तरीका

  1. सबसे पहले, तलिस पत्र को धूप में सुखालें ताकि इसकी नमी निकल जाए।
  2. अब, ताल को छोटे टुकड़ों में काट लें और इसका चूर्ण बना लें ।
  3. तत्पश्चात सभी बाकि बचे हर्ब का भी चूर्ण बनाना है ।
  4. ध्यान दें ऊपर बताई गई मात्रा में ही इनको लेना ।
  5. सभी जड़ी बूटियों का चूर्ण बनाने के बाद इन्हें आपस में मिला लें ।
  6. इस प्रकार से मिलाने से आपका तालिसादि चूर्ण तैयार हो जाता है ।
  7. इसे किसी बर्तन में सहेज कर रखे लें यह आपका तलिशादी चूर्ण कहलाता है ।

तालिसादि चूर्ण के फायदे

तालिसादि चूर्ण के अनेक फायदे हैं:

1. पाचन को सुधारता है

तालिसादि चूर्ण पाचन को सुधारता है और अपच को कम करने में मदद करता है। इसमें मिलने वाली घटक सौंठ, पिप्पली और दालचीनी पेट के पाचन को सुधारने का कार्य करती है ।

2. श्वासरोग के लिए उपयोगी

इसका नियमित सेवन श्वासरोग के इलाज में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि तलिसादि चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से फेफड़ों में जमा बलगम निकलता है और स्वास रोग में आराम मिलता है ।

3. सुखी खांसी में उपयोग

सुखी खांसी अगर चल रही है तो थोड़ी मात्रा में तालिसादि चूर्ण का इस्तेमाल करने से यह ठीक हो जाती है । तालिसादि चूर्ण को शहद या गरम जल के साथ सेवन करने से खांसी में तुरंत आराम मिलता है ।

4. गैस की समस्या में उपयोग

यह चूर्ण गैस की समस्या में लाभदायक है । इसका सेवन करने से अगर आपको गैस की समस्या है तो वह ठीक हो जाएगी । रात्रि में सोने से पहले एक चम्मच तालिसादी चूर्ण का सेवन करने से गैस कम होती है ।

5. भोजन में अरुचि

भूख कम लगती है या भोजन में अरुचि की समस्या है तो भी तालिसादि चूर्ण का इस्तेमाल करने से लाभ मिलता है । इसे खाने से खुलकर भूख लगती है और पेट में अम्लीयता भी कम होती है ।

6. कब्ज की समस्या में उपयोग

अगर आपको कब्ज रहती है तो तालिसादि चूर्ण का इस्तेमाल करने से कब्ज में आराम मिल सकता है । इस आयुर्वेदिक औषधि में पिप्पली, तालिशपत्र, वंसलोचन और काली मिर्च आदि हर्ब है जो कठोर मल बनने से रोकती हैं और आसानी से मल त्याग में सहायक बनती है ।

खुराक (Dosage)

आमतौर पर तालिसादि चूर्ण का इस्तेमाल 2 से 3 ग्राम की मात्रा में शहद या गरम जल के साथ किया जाता है । इसे सेवन करने से पहले मात्रा का ध्यान रखें । क्योंकि चिकित्सा निर्देशित मात्रा से अधिक इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।

तालिसादि चूर्ण के नुकसान

तालिसादि चूर्ण का अत्यधिक सेवन करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं:

  1. उच्च रक्तचाप: अधिक मात्रा में खाने से उच्च रक्तचाप का खतरा हो सकता है।
  2. पेट की समस्याए: कुछ लोगों को इसके सेवन से पेट की समस्याएँ हो सकती हैं।
  3. शारीरिक उष्णता: इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शारीरिक गर्मी को बढ़ा सकता है । यह गरम तासीर की होती है । अत: वैद्य निर्देशानुसार सेवन करना चाहिए ।
  4. एसिडिटी: इसका अत्यधिक सेवन ना करें क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी हो सकती है ।

सारांश (Conclusion)

तालिसादि चूर्ण एक प्राचीन और प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद करती है। आपको इसे सवाली चिकित्सक के परामर्श के आधार पर उपयोग करना चाहिए और सेवन की मात्रा को संयंत्रित रखना चाहिए।

सामान्य सवाल एवं जवाब | FAQs

1. क्या तालिसादि चूर्ण बच्चों के लिए सुरक्षित है?

हां, तालिसादि चूर्ण बच्चों के लिए सुरक्षित है, लेकिन उनके लिए भी इसकी नियंत्रित मात्रा का पालन करना चाहिए।

2. क्या तालिसादि चूर्ण को गर्भवती स्त्रियाँ खा सकती हैं ?

गर्भवती महिलाओं को तालिसादि चूर्ण का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

3. क्या तालिसादि चूर्ण का नियमित सेवन दिल के रोगी के लिए सुरक्षित है?

जी, हाँ इसे हृदय विकार से ग्रसित व्यक्ति भी आसानी से सेवन कर सकता है । यह हृदय विकारों में कोई नुकसान नहीं करती ।

4. क्या तालिसादि चूर्ण का सेवन करने से खांसी ठीक होती है ?

हां, तालिसादि चूर्ण का सेवन से सुखी और गीली दोनों प्रकार की खांसी में आराम मिलता है ।

5. तालिसादि चूर्ण की तासीर क्या है?

तालिसादि चूर्ण की तासीर गरम होती है । इसमें कालीमिर्च, सौंठ, तालीस आदि घटक हैं जो उष्ण वीर्य के होते हैं ।

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Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

Written by

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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