योग के पाँच नियम : किसी भी कार्य में सफलता पाने में आप तभी सफल होंगे जब उसके नियमों को भलीभाँति जाने के बाद आप उस सफलता के लिए मेहनत करोगे तो आपको निश्चित ही सफलता मिलेंगी अन्यथा आपको बिना नियमोंके मेहनत करने से असफलता ही मिलेगी ऐसे में यदि आप अपने आपको स्वस्थ रखना चाहते हो वो भी योगाभ्यास के द्वारा तो आपको योग के पाँच नियम जानना अत्यंत ही आवश्यक है । आज से आर्टिकल में आप जानोगे योग के पाँच नियम जिनका पालन करने से आपको मिलेंगे ज़बरदस्त फ़ायदे
योग के पाँच नियम
यदि आप योगाभ्यास करने का मन बना रहे हो तो शरुआत करने से पहले आपको योग के पाँच नियम जान लेना अत्यंत आवश्यक है जिससे आप योगाभ्यास का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते है आगे आप जानोगे विस्तार से योग के पाँच नियम के बारे में –
शौच (पवित्रता ) – योग के पाँच नियम में शौच प्शौरथम होता है
च योग का पहला नियम है जिसका मतलब होता है शरीर और मन की शुद्धता | साथ ही न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना है बल्कि वाणी और विचारो को शुद्ध रखना भी अत्यंत आवश्यक है |
संतोष – आपने सामन्यत: सुना होगा की संतोषी सदा सूखी कहने का भावार्थ यह है की जो प्राप्त किया जा सकता है उसके लिए कर्म करना और जो प्राप्त नही किया जा सकता उसके लिए दुःख प्रकट करना व्यर्थ है ऐसे में जो भी आपके पास है उसी में खुश रहना ही संतोष है |
तप – तप से मतलब है बिना किसी हो तकलीफ दिए अपने कर्म को करते समय बिना किसी अनुशासनहीनता के अपने कार्य को करते हुए सफल होने का प्रयास करना तप है |
स्वाध्याय -स्वसाहित्य , गुरुजनों और विद्वानों द्वारा रचित पुस्तको को पढ़ कर ज्ञान ग्रहण करना ही स्वाध्याय कहलाता है |
ईश्वर प्रणिधान – अपने मन और वचन से शुभ अशुभ कार्यो को देखते हुए ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से ईश्वर को ही सब कुछ मानते हुए फल की बिना किसी आकांक्षा के कर्म में विभूत होकर ईश्वर का ध्यान करना ईश्वर प्राणिधान है |
ये भी पढ़े – जाने योग के आठ प्रकार कोन से है ?
- नियमित योग करने के बाद आपको भी नहीं हो रहा फायदा तो जाने योग करने का सही तरीका
- विटामिन बी12 बढ़ाने के उपाय || विटामिन बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency ) शरीर और दिमाग को बना देती है खोखला
- नसों की ताकत बढ़ाने के फूड्स || विटामिन बी12 से भरपूर शाकाहारी फूड्स
- प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय || Platelets badhane ke upay in hindi