सूर्य नमस्कार की विधि: ‘सूर्य नमस्कार’ का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है | योग एक प्राचीन कला है, जिसमें दिमाग, शरीर और आत्मा का संयोग होता है। योग अंतर्गत कई आसन आते हैं, जिनमें से एक है – सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार का अर्थ होता है ‘सूर्य की ओर नमस्कार’। यह हमारे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के लिए बहुत लाभकारी होता है। इस लेख में, हम सूर्य नमस्कार के फायदों को विस्तार से जानेंगे।
सूर्य नमस्कार क्या है ? (What is Surya Namaskar in Hindi ?)
सूर्य नमस्कार योग, एक प्रकार का योगासन है जो आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने के लिए बेहद प्रभावी होता है। इसका नाम सूर्य देवता के सामर्थ्य और ऊर्जा के प्रतीक सूर्य से जुड़ा हुआ है, और यह योगासन सूर्य की प्रशंसा और आभार के रूप में जाना जाता है ।
यह आपके दिन की शुरुआत के लिए एक पूर्ण व्यायाम और मस्तिष्क को शांत रखने के फायदे प्रदान करता है। इसमें 12 आसन होते हैं, जिनमें से प्रत्येक आसन को श्वास और शरीर की अंगों के साथ मिलाकर किया जाता है। ये आसन आपके शारीरिक लाभ के साथ-साथ मानसिक शांति और आत्मचिंतन को भी बढ़ावा देते हैं। सूर्य नमस्कार को सुबह सूर्योदय के समय करने का महत्व भी माना जाता है, क्योंकि यह सूर्य की ऊर्जा को अधिक से अधिक जुटाने में मदद करता है।
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सूर्य नमस्कार की विधि | How to do Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगिक प्रक्रिया है जो सूर्य की पूजा और स्वास्थ्य के लिए की जाती है। यहां सूर्य नमस्कार करने की विधि दी गई है:
कई लोग इस प्रक्रिया को सुबह को सूर्य के उदय होते समय करते हैं, लेकिन आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं:
- प्राणायाम (श्वास और प्राण की नियंत्रण धारणा के लिए): योगासन की शुरुआत प्राणायाम से करें। बैठक में आसन स्थिति में बैठें और गहरी सांस लें, फिर धीरे से बाहर की ओर छोड़ें। इसे 5-10 बार करें।
- प्राणायाम (भस्त्रिका प्राणायाम): अपने दोनों हाथों को माथे पर रखें और दोनों नाक़ द्वारा सांस लें और छोड़ें। इसे 5-10 बार करें।
- आसन (सूर्य नमस्कार के आसन): सूर्य नमस्कार में कई आसन होते हैं। यहां एक साधारण सूर्य नमस्कार की विधि है:
- प्रणामासन (वंदना मुद्रा): आराम से खड़े हों, दोनों हाथ जोड़ कर छाती पर रखें।
- हस्तुत्तानासन (उर्वासन): हाथों को ऊँचा करके सीधे खड़े हों और पीछे की ओर झुकें, हाथ जमीं पर लगाएं।
- पादहस्तासन: हाथों को जमीं पर लगाएं और कमर को झुकाएं ताकि आपके हाथ पैरों के पास जा सकें।
- आश्वासन (दोनों पैरों के आगे बढ़ें): एक पैर को आगे बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि दूसरा पैर यहीं रहता है, हाथ पैर की ओर जाएं।
- धनुरासन (धनुराकर्षण आसन): पीठ को पीछे की ओर झुकाएं और पैरों को हाथों से पकड़ें।
- पद्मासन (लॉटस पोज़): पैरों को क्रॉस करें और बैठें, यहां तक कि आपके पैर के तलवों को टच हो जानी चाहिए।
- सर्वांगासन (साधारण पुरुष): पूरे शरीर को ऊपर की ओर उठाएं, जोड़ों को मिलाएं और सांस छोड़ें।
- हलासन (हल की पोज़): पैरों को सीधे उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
- कर्णपीड़ासन (कान के दर्द): पैरों को सिर की ओर ले जाएं और दोनों हाथ जमीं पर रखें।
- तदासन (ताड़ासन): उठकर खड़े हों और हाथों को ऊपर उठाएं, आराम से छाती को बाहर की ओर फेलाएं।
- प्रणामासन (वंदना मुद्रा): अपनी आँखें बंद करें और पुनः प्रणाम मुद्रा में वापस आएं।
- ध्यान (मन की शांति के लिए): सूर्य नमस्कार के बाद, अपने मन को शांति में लाने के लिए 5-10 मिनट के लिए ध्यान करें।
यह सूर्य नमस्कार की आम विधि है, आप इसे अपनी आवश्यकताओं और योग क्षमता के हिसाब से कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से करने से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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सूर्य नमस्कार के फायदे | Benefits of Surya Namaskar in Hindi
सूर्य नमस्कार के कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
- शारीरिक स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार एक पूर्ण शारीरिक क्रिया है जिसमें आपके सभी मांसपेशियाँ एक्सरसाइज होती हैं। इससे शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है, मांसपेशियों को मजबूती देती है, और लचीलापन बढ़ाती है।
- पाचन स्वास्थ्य: सूर्य नमस्कार क्रियाएँ पाचन को सुधार सकती हैं, पेट को संतुलित कर सकती हैं, और कब्ज़ को कम कर सकती हैं।
- एकाग्रता में बढ़ावा: इस प्रैक्टिस से पूरे शरीर के साथ-साथ अधिक एकाग्र होने की आदत बनती है और जिससे स्थानीय शारीरिक बल को सुधरता है, जिससे चोटों का खतरा कम होता है।
- मानसिक तनाव कम करना: सूर्य नमस्कार क्रियाएँ ध्यान को बढ़ा सकती हैं और मानसिक तनाव को कम कर सकती हैं।
- शारीरिक संतुलन: इस क्रिया के माध्यम से शारीरिक संतुलन को सुधारा जा सकता है, जिससे चलने-फिरने में सुधार होती है और दिनचर्या के कार्यों को आसानी से किया जा सकता है।
- शरीर का लचीलापन: सूर्य नमस्कार से हमारे शरीर की लचीलापन में सुधार होती है, जिससे चरमरीर की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
- आत्मिक शांति: सूर्य नमस्कार के द्वारा ध्यान और मानसिक स्थिरता में सुधार हो सकता है, जो आत्मिक शांति और आत्मविश्वास को बढ़ा सकता है।
सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से इन फायदों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ध्यान दें कि आपको इसे सही तरीके से करने के लिए एक योग गुरु के साथ सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए आप हमारे योग विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं ।
सूर्य नमस्कार करते समय रखी जाने वाली सावधानियां | Precautions During Surya Namaskar
सूर्य नमस्कार को सही तरीके से करने के लिए कुछ सावधानियां जरूरी होती हैं:
- शुरुआत में समय दें: सूर्य नमस्कार को सुबह के समय करना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि यह आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है और आपके दिन को प्रारंभ करने में मदद कर सकता है।
- सही स्थिति: सूर्य नमस्कार को सही स्थिति में करना महत्वपूर्ण है। योग गुरु की मार्गदर्शन में सही तरीके से आसन करें।
- सांस और बाहरी ध्यान: हर आसन के साथ सांस और ध्यान को समय से समय पर नियंत्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है। आपकी सांसें गहरी और सामग्री बनी रहें।
- सावधानी से व्यायाम करें: सूर्य नमस्कार के दौरान आपको अधिक सावधानी से आसन करने की आवश्यकता होती है, ताकि चोट का खतरा कम हो।
- रुकावट न हो: आपको आसनों को निरंतर और अविरत आवाज़ के साथ करने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे आपकी संवेगशीलता और जोश बना रहे।
- समय के साथ बढ़ाएं: सूर्य नमस्कार की सावधानियों का पालन करते समय, आपको धीरे-धीरे अपनी कठिनाइयों को बढ़ाते जाना चाहिए।
- शारीरिक सीमा से अधिक न करें: सूर्य नमस्कार को प्रैक्टिस करते समय अपने सीमा और स्तर के आधार पर करें, और पीड़ा होने पर इसे छोड़ दें।
- अधिक शारीरिक समस्याएँ होने पर सावधान रहें: यदि आपके पास किसी प्रकार की शारीरिक समस्याएँ हैं, तो सूर्य नमस्कार करने से पहले एक चिकित्सक से सलाह लें।
Note: याद रखें कि सूर्य नमस्कार को नियमित रूप से प्रैक्टिस करने से ही आप इसके सभी फायदे प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन सावधानी और सही तरीके से करना महत्वपूर्ण होता है।
सामान्य सवाल एवं जवाब | FAQs
Q1. सूर्य नमस्कार क्या होता है?
सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योग क्रिया है जिसमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए विभिन्न आसन किये जाते हैं । इसका उद्देश्य सूर्य की उपासना के साथ-साथ शरीर को स्वास्थ्य प्रदान करना है ।
Q2. सूर्य नमस्कार के क्या फायदे हैं?
सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है, मानसिक स्थिति में सुधार होता है, पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है, एवं शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
Q3. सूर्य नमस्कार कैसे करें?
सूर्य नमस्कार को सही तरीके से करने के लिए, आपको योग गुरु के मार्गदर्शन में सही स्थिति में और सही क्रम में आसन करना चाहिए।
Q4. सूर्य नमस्कार कब करें?
सूर्य नमस्कार को सुबह के समय करना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में फायदा मिलता है और स्वास्थ्य परिपूर्ण रहता है । प्रत्येक व्यक्ति को सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।
Q5. क्या सूर्य नमस्कार के किसी स्पेशल आयु सीमा की आवश्यकता होती है?
सामान्यत: नहीं, सूर्य नमस्कार को लोगों की आयु के आधार पर किसी विशेष आयु सीमा का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है।