जलनेति कैसे करे विधि, फायदे व सावधानिया
परिचय
षट्कर्म के छ कर्मो में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली जल नेति वैसे तो बदलते मोषम में कम होने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ साथ श्वसन सम्बन्धी व अनेको रोगों की रोकथाम में लाभदायक साबित होती है |
प्राकृतिक चिकित्सा में योग प्राणायाम के साथ साथ शरीर शुद्धि के लिए षट्कर्मो कपालभांति, धौति, नेति, त्राटक, नौली, बस्ति आदि का सहयोग लिया जाता है ठीक इसी प्रकार कोरोना कोविड 19 से बचे रहने के लिए जल नेति का प्रयोग करना फायदेमंद साबित हो सकता है |
जल नेति कैसे करे
जलनेति के लिए आवश्यक सामग्री
- टोटी वाला लोटा -1
- जल- 1 लीटर
- सेंधव नमक – 10 ग्राम
षट्कर्म की जल नेति क्रिया को बड़ी आसानी से घर पर ही किया जा सकता है | जलनेति करने के लिए आपको एक टोटी वाला प्लास्टिक या किसी भी धातु से बना हुआ पात्र ले सकते है जैसी भी सुविधा आपके पास घर पर उपलब्ध हो सके उसी के द्वारा आप कर सकते है |
- सबसे पहले पानी को हल्का गुनगुना कर ले और उसमे सेंधा नमक डालकर अच्छे से मिला दे |
- इसके बाद दोनों नाकों से 5-5 बार लम्बा साँस ले कर लम्बा ही छोडना है जिससे आपकी नाको में जमा हुआ अपशिष्ट तेज श्वास के साथ आसानी से बहार निकल जायेगा |
- उसके बाद कगासन की स्थिति में बैठ जाये और आगे बताये अनुसार क्रिया करे |
- यदि आपको जुकाम है और आपकी नाक बंद है तो आपको पहले बंद नाक में लोटे की टोटी लगाकर पानी डालना है |
- उसके बाद दूसरी नाक से यही क्रिया करनी है |
- नाक में पानी डालते समय अपने सास लेने की क्रिया मुह खुला रखते हुए मुह से निरंतर रखे | क्यों की नाक से साँस लेने से पानी का सिर में जाने का थोडा भय रहता है जिससे ज्यादा कुछ घबराने वाली बात भी नही है बस कुछ समय के लिए थोडा सिर में भारीपन रह सकता है |
- जलनेति करने के बाद कम से कम 5 मिनट के लिए भस्त्रिका प्राणायाम करे जिससे नथुनों में जमा हुआ पानी बहार निकल सके और आप इस क्रिया के बाद हल्का पन महसूस कर सको |
जलनेति के फायदे
सिरदर्द में जलनेति के फायदे
जैसा की हमने ऊपर दिए विवरण से यह तो आपको मालूम चल ही गया होगा की इस क्रिया के द्वारा हमारे उर्ध्वजत्रु गत रोगों में आराम मिलता है इसी कड़ी में हम आपको बतादे की जलनेति द्वारा कफ दोष का शमन होने से सिरदर्द में शीघ्र लाभ मिलता है |
जलनेति कैसे है अनिंद्रा व स्ट्रेस में फायदेमंद
अनिंद्रा व् स्ट्रेस में रहने वाले व्यक्तियों को जलनेति का नियमित अभ्यास करना चाहिए | वैज्ञानिक शोधो से पता चला है की मस्तिष्क से निकलने वाले दर्जनों न्यूरोट्रांसमीटर में सेरोटोनिन नामक एक ऐसा शक्तिशाली न्यूरोट्रांसमीटर है | जो घातक मानसिक संवेगों से हृदय की तंत्रिकाओ व पेशियों की निरंतरता को नष्ट करने वाले घातक रसायनों के दुष्प्रभावो को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाता है | स्नायु संदेश वाहक सेरोटोनिन पीनियल ग्रंथि से निकलने वाले जादुई हार्मोन मेलोटोनिन के साथ तालमेल कर नींद को नियंत्रित, नियमित व गहरा करता है | जैसा की दुश्चिंता, अवसाद, तथा कुछ मानसिक उद्वग्निता की स्थिति में आत्महत्या की प्रवृति बढ़ जाती है | तंत्रिका वैज्ञानिको के अनुसार सेरोटोनिन हार्मोन की कमी से स्ट्रेस व अनिंद्रा की तीव्रता बढ़ जाती है | सेरोटोनिन अनिंद्रा को दूर करने के साथ ही जीवन में उत्साह एवम् आनंद भी घोलता है | साथ ही जलनेति सेरोटोनिन को सामान्य बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | ऐसे में कोरोना वायरस और शहरो में लॉकडाउन को देखते हुए जलनेति करना अत्यंत लाभदायक साबित होगा |
जलनेति बढाये इम्युनिटी सिस्टम
नाक से सभी प्रकार के जमे हुए जहरीले पदार्थो को निकालने का बहुत आसन उपाय है जलनेति ऐसे में कोरोना वायरस से बचाव करने में भी सहायक हो सकती है | सामान्य तौर पर मोषम परिवर्तन के समय जलनेति के द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़कर रोगों की रोकथाम में सहायक होती है |
आँखों के रोगों में फायदेमंद है जलनेति
जैसा की आपको विदित है की आँखों सम्बन्धी रोगों में सबसे अहम कफ दोष होता है और जलनेति के द्वारा कफ दोष का शमन होने से यह आंख सम्बन्धी रोगों में लाभदायक साबित होता है |
बालो की समस्या में जलनेति के फायदे
यदि आपके बाल बहुत अधिक झड़ते है (खालित्य) और (पालित्य)असमय सफेद हो रहे है ऐसे में आपको जलनेति का निरंतर अभ्यास लाभदायक साबित हो सकता है |
स्वसन सम्बंधी रोगों में जलनेति के फायदे
जलनेति के द्वारा नाक की सफाई ठीक ढंग से हो जाती है जिससे श्वास प्रस्वास के समय शुद्ध वायु का अन्दर प्रवेश आसानी से हो जाता है ऐसे में दमा श्वास रोग एलर्जी आदि में अत्यंत लाभ मिलता है |
कान सम्बन्धी रोगों में जलनेति के फायदे देखे जा सकते है |
यदि आपकी याददास्त मेमोरी पॉवर वीक है तो ऐसे में मेमोरी पॉवर को बढ़ाने में अत्यंत लाभदायक साबित हो सकती है |
जलनेति में सावधानिया
- यदि आप पहली बार जलनेति का अभ्यास कर रहे हो तो किसी एक्सपर्ट की देखरेख में करे |
- जलनेति के बाद कई बार नथुनों में हल्की खुजली चल सकती है जिससे घबराने की जरूरत नही है वो पानी में उपस्थित नमक के कारण ऐसा होता है | नमक से रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है और कोशिकाओ के बंद पड़े द्वार खुलने से ऐसा होता है |
- जलनेति के बाद नाक को बहुत तेजी से नही फाकना/साफ़ करना चाहिए ऐसा करने से पानी का कानो में जाने का डर रहता है |
- जलनेति के पश्चात कुछ समय तक आराम करना चाहिए | क्रिया करने के बाद सीधे बहार नही निकलना चाहिए |
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धन्यवाद
निदेशक श्री दयाल नैचुरल स्पाइन केयर जयपुर