प्राचीन काल से ही हमारे बुजुर्ग लोग हमे जैसे ही सर्दियाँ स्टार्ट होती थी देशी घी में पोष्टिक लड्डू बनाकर खिलाते रहे है किन्तु जैसे जैसे पश्चिमी संस्कृति ने जगह बनाई है वैसे वैसे हमारी संस्कृति को हम पिछड़ी हुई संस्कृति समझ कर छोड़ते चले गये किन्तु आज फिर ऐसा समय आ गया है की सभी संस्कृतियों में हमारी अपनी भारतीय संस्कृति का सभी देशो द्वारा अनुसरण किया जा रहा है |
हमारी संस्कृति को अपनाने के पीछे ठोस मापदंड है | और हमारी संस्कृति द्वारा प्रदत्त सभी प्रकार के नियमो का कही न कही हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने या बनाये रखने का ठोस पक्ष साबित होता है | बस जरूरत है हमे हमारी संस्कृति को समझने की और उसे सही रूप से अपनाने की |
इसी कड़ी में आज हम ऐसे पोष्टिक लड्डू बनाने की विधि बताने जा रहे है | जिनका प्रयोग हमने हमारे जॉइंट पैन कमर दर्द, गर्दन दर्द, घुटनों के दर्द वाले अनेको रोगियों पर करके उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए करते रहे है | जिन दर्द वाले रोगियों को इन लड्डूओं का सेवन करवाया गया उनमे हमने पाया की दर्द के साथ ही साथ बहुत से अन्य फायदे देखे गये | जिनका जिक्र इसी आर्टिकल में आगे किया जायेगा | इन सफल परिणामो को आप सभी के साथ शेयर करके आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इस लेख के द्वारा इनके बारे में विस्तार से जानकारी साझा करने का प्रयास कर रहे है |
स्वास्थ्य वर्धक लड्डू बनाने के लिए घटक द्रव्य
अलसी 500
मैथी 200
सिंघाड़े का आटा 200
गेंहू 500
बबूल का गोंद 50
कोंदरू का गोंद
नागरमोथा 50
अश्वगंधा 100
कालि मूसली 100
सफेद मूसली100
गोखरू100
अकरकरा 100
हरिद्रा 50
सुन्ठी 50
दालचीनी50
विदारीकन्द50
तालमखाना 50
सहन्जन 50
अजवायन 50
कलोंजी 50
चिलोंजी 50
अखरोठ 50
बादाम 50
काजू 50
किशमिश 50
चिया सीड्स 50
सफेद मिर्च 50
वंशलोचन 100
इलायची 30
केशर 2 ग्राम
गुड़ 2kg
स्वास्थ्य वर्धक लड्डू बनाने की विधि
सबसे पहले अलसी को घी के साथ अच्छी तरह से भुन ले | उसके बाद उसको अलग बर्तन में निकाल ले | फिर दुबारा कढ़ाई में घी डालकर सिंघाड़े का आटा, गेंहू का आटा, मेथीदाना पाउडर, अजवायन आदि को भुन ले | अब इन सभी भुने हुए घटक द्रव्यों को ग्राइंडर/मिक्सर में पीसकर बारीक़ पाउडर बना ले |
कढ़ाई में फिर से घी डाले और हल्की आंच पर अश्वगंधा, नागरमोथा, काली मूसली, सफेद मूसली, अकरकरा, गोखरू, हल्दी आदि को हल्का भूनने के बाद कढ़ाई से बहार निकाल ले |
अब आपको फिर से कढ़ाई में घी डालना है | कोंदरू के गोंद और बबूल के गोंद को भूनना है भूनने के बाद इनका पाउडर बनाना है | एक बार फिर से कढ़ाई में घी डालकर सभी सूखे मेवो को हल्का भूनना है |
तैयार किये हुए सामान को अच्छे से मिलाकर एक बर्तन में रख ले | अब गुड को कढ़ाई में डालकर पिघलाना है | हल्का गर्म होने के बाद इसको हल्का ठंडा होने के बाद सभी तैयार सामग्री को गुड के साथ मिलाकर इसमे दालचीनी और इलायची के पाउडर को डालकर 10 – 10 ग्राम के लड्डू बना कर किसी कांच के डब्बे में रख ले | इस लड्डूओं का उपयोग आप 1 महीने तक कर सकते हो |
सम्पूर्ण स्वस्थ्य वर्धक लड्डू के फायदे
जोड़ो के दर्द में है अत्यंत फायदेमंद
इसमे मोजूद नागरमोथा, अश्वगंधा, हरिद्रा, सुन्ठी आदि का शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द से राहत दिलाने के लिए अत्यंत फायदेमंद साबित होता है | साथ ही कुक्कुटांडत्वक भस्म और वंशलोचन की उपस्थिति शरीर में होने वाली कैल्शियम की कमी को दूर करने में सहायक है |
वाजीकरण शक्ति को बढ़ाने में है अत्यंत फायदेमंद
सम्पूर्ण स्वास्थ्य वर्धक लड्डू में मौजूद अकरकरा, तालमखाना, अश्वगंधा, सफेद मूसली, कालिमुसली, गोखरू, जैसी आयुर्वेद औषधियों की उपस्थिति के कारण यह अत्यंत वाजीकारक गुणों से भरपूर है |
शारीरिक कमजोरी को दूर करने में लाभकारी
कालिमुसली, सह्न्जन, अश्वगंधा, सूखे मेवे आदि की मौजूदगी से यह शारीरिक कमजोरी को शीघ्र दूर करने में लाभदायक सिद्ध होता है |
रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में फायदेमंद
अश्वगंधा, दालचीनी, मैथीदाना, कलोंजी, गिलोय सत्व की मौजूदगी से यह उत्तम श्रेणी का रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला लड्डू हो जाता है |
सम्पूर्ण स्वास्थ्य वर्धक लड्डूओं को सेवन करने की सही मात्रा
2-4 लड्डू सुबह शाम दूध के साथ या अपनी जठराग्नि के अनुसार लेने से बेहतर परिणाम मिलेंगे
विशेष नोट :- सम्पूर्ण स्वास्थ्य वर्धक लड्डू मंगवाने के लिए आपको पहले प्री आर्डर करना होगा उसके बाद आपको फ्रेश लड्डू बनाकर कोरियर द्वारा भिजवाये जायेंगे |
आर्डर के लिए व्हाट्सअप करे – 9887282692