जाने चन्द्रामृत रस, चन्द्रामृत लोह, के फायदे, सेवन विधि, घटक द्रव और बनाने की विधि

चन्द्रामृत रस के फायदे

चन्द्रामृत रस को चन्द्रनाथ नामक आचार्य ने सर्वप्रथम बनाया था इसी लिए इसका नाम चन्द्रामृत रस बोला जाता है | चन्द्रामृत रस गले से सम्बंधित रोगों के लिए उत्तम आयुर्वेद रस औषधि है | जिसका उपयोग मुख्य रूप से खांसी, जुकाम, अस्थमा, दमा, नजला, बुखार आदि में बहुतायत से किया जाता है | पारद्युक्त होने से इसका सेवन आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही करे |

चन्द्रामृत रस के फायदे

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम चन्द्रामृत रस के फायदे गुण धर्म सेवन विधि घटक द्रव आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे –

चन्द्रामृत रस के घटक द्रव

  • शुद्ध सुहागा
  • कालीमिर्च
  • सौंठ
  • छोटी पिप्पल
  • हरड
  • बहेड़ा
  • आवला
  • पारद
  • गंधक
  • लौह भस्म

चन्द्रामृत रस बृहत       

रसगंधकयोर्ग्राह्य्म कर्षमेक सुशोधितं | अभ्रम निश्चेंद्र्म दधात पालार्धंच विलक्षण:||

कर्पूरम शाणकम दधात स्वर्णम तोलकसम्मितम | ताम्रंच तोलक दधाद विशुद्धम मारितं भिषक ||

  • शुद्ध पारद
  • शुद्ध गंधक –
  • अभ्रक भस्म
  • शुद्ध कपूर-
  • स्वर्ण भस्म
  • ताम्र भस्म
  • लौह भस्म
  • विधारा बीज
  • सफेद जीरा
  • शतावरी
  • विदारीकन्द
  • तालमखाना
  • बला मूल
  • कौंच बीज
  • अतिबला
  • जायफल
  • जावित्री
  • लौंग
  • भांग के बीज
  • सफेद राल

चन्द्रामृत लौह

  • सौंठ -5 ग्राम
  • कालीमिर्च -5 ग्राम
  • जीरा -5 ग्राम
  • पिपली -5 ग्राम
  • हरड -5 ग्राम
  • बहेड़ा -5 ग्राम
  • आवला -5 ग्राम
  • धनिया -5 ग्राम
  • सेंध नमक -5 ग्राम
  • मैनसिल शोधित लौह भस्म -45 ग्राम

चन्द्रामृत लौह बनाने की विधि

सभी चूर्णों को दिए गये अनुपात में मिलाकर पानी के साथ पीसकर  125-250 मिग्रा की गोलिया बना ले | आपका चन्द्रामृत लौह तैयार है |

चन्द्रामृत लौह/ रस के फायदे chandramrit ras ke fayde

खांसी में चन्द्रामृत रस के फायदे

जो लोग खांसी से परेशान रहते है और उपचार के बाद भी आशातीत लाभ नही मिल प् रहा हो उनके चन्द्रामृत रस के साथ श्वास कुठार रस, टंकण भस्म सितोफलादी चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है |

यहाँ पढ़े – चंद्रहास रस के फायदे

श्वास युक्त बुखार में चन्द्रामृत रस के फायदे

जिन लोगो के श्वास फूलने के साथ साथ बुखार भी रहता है ऐसे लोगो को चन्द्रामृत रस के साथ संजीवनी वटी का सेवन अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है |

हाथ पैरो में होने वाली जलन में चन्द्रामृत रस के फायदे

अक्सर देखा जाता है की बहुत से लोगो को हाथ पैरो में जलन की समस्या रहती है | काफी इलाज लेने के बाद भी मुश्किल से ठीक हो पाती है ऐसे में चन्द्रामृत रस के सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है |

भूख बढ़ाने में फायदेमंद है चन्द्रामृत रस

जिन लोगो को अग्नि मंद रहती है उनके लिए जाठराग्नि को बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण आयुर्वेद औषधि है | इसके साथ अग्निसंदिपन चूर्ण का सेवन अधिक लाभदायक सिद्ध होता है |

शरीर को पुष्ट बनता है चन्द्रामृत रस

जिन लोगो का शरीर दुर्बल है उनके अपने शरीर को पुष्ट बनाने में चन्द्रामृत रस फायदे मंद साबित होता है | इसके सेवन से विषम हुई अग्निया प्रबल होकर पाचन शक्ति को दुरस्त करने में सहयोगी साबित होती है |

चन्द्रामृत रस के नुकसान

चिकित्सक की देखरेख में सेवन करने से चंदामृत रस के कोई नुकसान नही देखे गये है | पारद और गंधक की उपस्थिति होने से गर्भवती महिलाओ को इसके सेवन से बचना चाहिए |

सेवन विधि और मात्रा

इसका सेवन 1-2 गोली गर्मपानी शहद या चिकित्सक के अनुसार करे |


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