मामज्जक के गुण-धर्म व फायदे

मामज्जक के फायदे

वर्तमान समय में बढ़ते हुए मधुमेह को नियन्त्रण में करने के उद्देश्य से मामज्जक के एक्सट्रेक्ट का कैप्सूल का निर्माण आयुष मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है जिसका परीक्षण देश के विभिन्न जिलो में पिछले कई वर्षो से किया जा रहा है ऐसे में आज इस आर्टिकल के माध्यम से आज मामज्जक के फायदे गुण धर्म के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे |

वानस्पतिक व उपनाम

इसका पौधा समस्त भारत में आसानी से मिल जाता है | भाषा विशेष के आधार पर मामज्जक को अलग-अलग नामो से जाना जाता है | मामज्जक का वानस्पतिक नाम Enicostema Axillare संस्कृत नाम – नाही, मामज्जक, नागजिव्हा, तीक्ष्णपत्रा, हिंदी नाम- मामेजवा छोटा चिरायता, मामेजवा, कडवी नाइ आदि

मामज्जक के गुण धर्म

रस- तिक्त

गुण – लघु, रुक्ष

वीर्य – शीत

विपाक – कटु

प्रभाव – त्रिदोष शामक

मामज्जक के फायदे

मधुमेह में मामज्जक के फायदे

डायबिटीज के रोगी को मामज्जक पंचांग का अर्क 50 मिली में 500 मिग्रा शिलाजीत मिलाकर देने से कुछ महीनो में ही डायबिटीज कंट्रोल में आने लगती है |

सिर दर्द में मामज्जक के फायदे

सिर दर्द होने पर मामज्जक के पत्तो को सिर पर बांधने से थोड़ी देर में ही सिर दर्द में आराम मिलने लगता है |

उच्च रक्तचाप में फायदेमंद है मामज्जक

जिस व्यक्ति का रक्त चाप बढ़ा हुआ रहता है उसे मामज्जक के पंचांग का काढ़ा बनाकर पिने से बढ़ा हुआ रक्तचाप कम होने लगता है |

शरीर में होने वाली गांठ में मामज्जक के फायदे

शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली सामान्य गांठो के निवारण के लिए 5 ग्राम पत्तो में 500 mg नमक मिलाकर लेप करने से गांठे धीरे धीरे समाप्त होने लगती है |

अरुचि में मामज्जक के फायदे

जिन लोगो को खाना खाने की इच्छा नही होती है और खाना मन मार कर खाते है उन्हें मामज्जक के पत्तो के 2 ग्राम चूर्ण में, जीरा 2 ग्राम ,कालीमिर्च 500 मिग्रा, सेंध नमक 250 मिग्रा की मात्रा में मिलाकर छाछ के साथ लेने से अरुचि खत्म होकर अच्छे से भूख लगने लगती है |

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