आज हम एक ऐसी महत्वपूर्ण आयुर्वेद औषधि गर्भपाल रस के फायदे के बारे में बात करेंगे जिसका उपयोग हाल ही के समय में बहुत अधिक बढ़ गया है उस आयुर्वेद औषधि का नाम है गर्भपाल रस जिसका उपयोग विभिन्न स्त्री रोगों में लाभदायक सिद्ध होता है |
इस आर्टिकल के माध्यम से हम चर्चा करेंगे गर्भपाल रस के फायदे घटक द्रव्य और सेवन विधि के बारे में और जानेंगे किस प्रकार यह अनेको समस्याओ से छुटकारा दिलाने में सहायक सिद्ध होता है |
गर्भपाल रस के घटक द्रव्य
- शुद्ध सिंगरफ – 10 ग्राम
- नाग भस्म शतपुटी – 10 ग्राम
- वंग भस्म – 10 ग्राम
- लौह भस्म – 5 ग्राम
- दालचीनी –10 ग्राम
- तेजपत्ता – 10 ग्राम
- छोटी इलायची –10 ग्राम
- त्रिकटु – 30 ग्राम
- काला जीरा – 10 ग्राम
- मुनक्का – 10 ग्राम
- देवदारु – 10 ग्राम
- अपराजिता –10 ग्राम
गर्भपाल रस बनाने की विधि GARBHPAL RAS BNANE KI VIDHI
आयुर्वेद की महत्वपूर्ण औषधि गर्भपाल रस बनाने की विधि के बारे में बहुत ही सरल भाषा में बता रहे है जिससे आप घर पर भी गर्भपाल रस बनाने की विधि के आधार पर बना सकते है | सबसे पहले सभी जड़ी- बूटियों को अच्छी तरह साफ़ करके पाउडर बना ले | उसके बाद सफेद अपराजिता के रस में 7 दिन तक रोज खरल करे |
जब अच्छी तरह खरल हो जाने के बाद 125-250 मिग्रा की गोलिया बना क्र रख ले | यह गर्भपाल रस बनाने की सरल विधि है किन्तु सुविधा अनुसार गर्भपाल रस आप सीधे मार्केट से भी खरीद सकते है |
गर्भपाल रस के फायदे GARBHPAL RAS KE FAYDE HINDI
गर्भावस्था के दौरान होने वाली उल्टी में गर्भपाल रस के फायदे
गर्भधारण करने के बाद महिलाओ को उल्टी की समस्या आम बात होती है ऐसे में गर्भपाल रस 250 मिग्रा. प्रवाल भस्म 125 मिग्रा. और स्वर्ण माक्षिक भस्म 125 मिग्रा का सेवन करने से गर्भावस्था में होने वाली उल्टी की समस्या से आराम मिल जाता है |
गर्भपात में गर्भपाल रस के फायदे
जिन महिलाओ को बार-बार गर्भपात की समस्या रहती है उनके लिए गर्भपाल रस का सेवन मुनक्का का पानी के साथ सेवन करने से बार-बार होने वाले गर्भपात से आराम मिल जाता है |
बैधनाथ गर्भपाल रस के अन्य फायदे
- गर्भावस्था के दौरान होने वाले कमर दर्द, चक्कर आना, सर दर्द और मितली आने में फायदेमंद परिणाम है |
- गर्भावस्था के समय होने वाली कब्ज से राहत दिलाने में गर्भपाल रस अत्यंत प्रभावशाली परिणाम देने वाली आयुर्वेद औषधि है |
- इसका सेवन करने से गर्भाशय को पोषण मिलता है जिससे गर्भाशय से सम्बंधित विकारो का शमन होता है |
- प्रेगनेंसी के दौरान उपयोग की जाने वाली सुरक्षित आयुर्वेद दवा है |
सेवन विधि और मात्रा GARBHPAL RAS USES AND DOSE IN HINDI
एक से दो गोली पानी या मुनक्का के पानी के साथ सेवन करने से बेहतर परिणाम मिलता है | मुनक्का पानी बनाने के लिए मुनक्का के बीज निकालकर पानी में डालकर एक घंटे के लिए छोड़ दे | एक घंटे बाद अच्छे से मथ कर पानी को तैयार करने के बाद गर्भपाल रस का सेवन इस पानी के साथ करे |
पतंजली गर्भपाल रस के नुकसान GARBHPAL RAS KE NUKSAN HINDI
गर्भपाल रस का सेवन करने से पहले नजदीकी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले | आमतौर पर इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही देखे गये है | स्वम् के अनुभव के आधार पर इस दवा का सेवन करने से नुकसान होने की सम्भावना रहती है | पुरुष और बच्चो को इसके सेवन नही करना चाहिए |
गर्भपाल रस का मूल्य Garbhpal Ras price in hindi
बैधनाथ गर्भपाल रस का मूल्य – Baidhnath Garbhpal Ras Price in Hindi – 113/- 40 tablet
पतंजली गर्भपाल रस का मूल्य – Patabjali Garbhpal Ras Price in Hindi –
धूतपापेश्वर गर्भपाल रस का मूल्य – Dhootpapeshvar Garbhpal Ras Price in Hindi – 130/- 50 tablet
डाबर गर्भपाल रस का मूल्य – Dabur Garbhpal Ras Price in Hindi – 62/- 40 tablet
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धन्यवाद!
1 Comment
Kantilal nagawade
November 20, 2022खरेदी करण्यासाठी