Punarnava ke Fayde: पुनर्नवा एक आयुर्वेदिक पौधा है । जो विटामिन्स, खनिज एवं अन्य पौषक तत्वों से भरपूर होता है । पेट के लिए यह बहुत अधिक फायदे देने वाली आयुर्वेदिक पौधा है । आज की व्यस्त और तनावपूर्ण जीवनशैली में स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें पूरी तरह से ध्यान देने की आवश्यकता होती है, और इसके लिए एक स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और प्राकृतिक उपचारों का सहारा लेना अत्यंत आवश्यक है। एक ऐसा प्राकृतिक उपचार है “पुनर्नवा” जिसे अंग्रेजी में “Hog Weed” के नाम से भी जाना जाता है। पुनर्नवा के उपयोग से स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
इस लेख में हम आपको पुनर्नवा के बारे में बताएँगे और आप जानेंगे की यह आयुर्वेदिक पौधा कैसे लाभदायक है ।
पुनर्नवा आयुर्वेदिक पौधा क्या है? (What is Hog Weed in Hindi)
पुनर्नवा के फायदे “Punarnava Ke Fayde” जानने से पहले आपको इस पौधे के बारे मे जान लेना चाहिए । यह जंगलों में मिलने वाला आयुर्वेदिक पौधा है । इसे उगाया नहीं जाता यह अपने आप ही उग आने वाला पौधा है । यह भारतीय औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “Boerhavia diffusa” है और यह मुख्य रूप से उष्ण, कटु, शीतल, लघु, तिक्त और मधुर गुणों से युक्त होता है। यह भारत के विभिन्न जंगलों में पाया जाता है | पुनर्नवा का उपयोग हमारे शरीर की बीमारियों को ठीक करने और स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है।
पुनर्नवा का रसायनिक गुण
पुनर्नवा में मौजूद रसायनिक तत्वों के कारण इसे एक प्राकृतिक रसायनिक औषधि माना जाता है। इसमें क्यूकोसिन, बेटासिटोस्टेरोल, न्यूकलेविन एसिड, आईयोसेटोस्टेरोल, एल्बूमिन, टनिक एसिड, आदि पाए जाते हैं जो शरीर में संतुलन को बनाए रखने और विभिन्न रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। यह शरीर को स्वस्थ और उच्च ऊर्जा स्तर पर रखता है। यह वात और पित्त को भी कम करने का कार्य करता है ।
पुनर्नवा के प्रकार
Punarnava को मुख्य रूप से तीन प्रजातियों में बांटा गया है – 1. श्वेत पुनर्नवा 2.रक्त पुनर्नवा 3. पीत पुनर्नवा
सभी प्रकारों के अलग अलग प्रयोग औषधीय रूपों में किया जाता है |
पुनर्नवा के नाम
हिंदी: | पुनर्नवा |
अंग्रेजी: | Hogweed (हौगवीड) |
कुल: | Nyctaginaceae (निक्टैजिनेसी) |
संस्कृत: | पुनर्नवा, शोथघ्नी, विशाख, श्वेतमूला, दीर्घपत्रिका, कठिल्लक, शशिवाटिका, क्षुद्रवर्षाभू, दीर्घपत्र, चिराटिका, वर्षाङ्गी, वर्षाही, धनपत्र |
गुजराती: | राती साटोडी (Rati satodi), वसेडो (Vasedo) |
तेलगू: | अतिकामामिदि |
पंजाबी: | खट्टन |
मलयालम: | थाजूथमा |
पुनर्नवा के फायदे (Punarnava Ke Fayde) | Benefits of Punarnava in Hindi
मधुमेह में पुनर्नवा के फायदे: हॉगवीड को डायबिटीज के लिए अच्छी जड़ी – बूटी बताया गया है । चूहों पर हुई रिसर्च में ये पाया गया कि रक्त शर्करा से पीड़ित चूहों को पुनर्नवा देने पर उनमे मधुमेह कण्ट्रोल होने लगी । इसी प्रकार यह मधुमेह में भी लाभदायक है । इसका सेवन करने से मधुमेह में फायदा मिलता है ।
प्रोस्टेट रोग: प्रोस्टेट रोग पुरुषों को होने वाली आम बीमारी है । इसमें punarnava का सेवन गोखरू के साथ करने पर लाभ मिलता है । ऐसा बताया गया है कि Punarnava, गोखरू और वारुनीय जड़ का सम्मिलित उपयोग करने से प्रोस्टेट ठीक हो जाता है । अधिक जानकारी के लिए एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए ।
लीवर रोग: देखिये जैसा की आप सभी जानते हैं कि punarnava लीवर के रोगों में फायदा पहुँचाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी – बूटी है । पुनर्नवा के पते पौधे से तौड कर इनका ज्यूस बना कर इस्तेमाल करने से यकृत के रोगों में फायदा मिलता है । ऐसा रिसर्च में सामने आया है । फैटी लीवर की समस्या होने पर श्वेत पुर्ननवा की जड़ को तीन दिन सुबह शाम उबालकर पीने से फैटी लीवर की समस्या पूर्णरूप से ठीक हो जाती है |
नेत्र समस्या: ऐसा माना जाता है कि आँखों की समस्याओं में Punarnava के पतों को घीस कर लगाने से फायदा मिलता है । आचार्य बालकृष्ण की माने तो ओरत के दूध में पीसकर आँखों पर लगाने से आँखों में होने वाले दर्द और दूसरी समस्याओं में फायदा मिलता है ।
पुनर्नवा का मूत्र संबंधी समस्याओं में प्रयोग: Punarnava मूत्र संबंधी समस्याओं के उपचार में मददगार माना जाता है । यह मूत्राशय संबंधी समस्याएं, मूत्राशय संक्रमण, मूत्रपाथ की समस्याएं, और मूत्रसंचार संबंधी विकार जैसे रोगों के इलाज में लाभदायक हो सकता है। यह मूत्राशय की सफाई करता है, मूत्र के संचार को सुचारू बनाए रखता है, और मूत्र में इंफेक्शन के खतरे को कम करता है।
पुनर्नवा का वजन नियंत्रण में उपयोग: इसमे मौजूद फाइबर और पोषक तत्वों के कारण यह वजन नियंत्रण में मदद कर सकता है। यह आपको भोजन की अधिक मात्रा से तात्पर्य रखने में मदद करता है और आपको संतुलित भोजन का सेवन करने के लिए प्रेरित करता है। इससे आपका वजन सामान्य रहता है और आपको ओबेसिटी से बचाता है।
पुनर्नवा के दर्द निवारण में लाभ: इसमें प्रदर्शित एंटीइंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुणों के कारण इसे दर्द निवारण के लिए उपयोग किया जाता है। यह शरीर में सूजन को कम करता है और दर्द को कम करने में सहायता प्रदान करता है। इसलिए, यह मस्तिष्कशोथ, अर्थराइटिस, मस्तिष्कावर्धक रोग, गठिया, और दर्दभरी स्थितियों के उपचार में उपयोगी हो सकता है।
पुनर्नवा के नुकसान | Side Effects of Punarnava
आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि Punarnava एक प्राकर्तिक उपचार पौधा है । जिसका इस्तेमाल करने से कोई भी नुकसान नहीं होता । फिर भी सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सवाल जवाब करना चाहिए । गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को इसका इस्तेमाल चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करना चाहिए ।
पुनर्नवा की खुराक
इस औषधीय पौधे की खुराक के लिए एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से एडवाइस लेनी चाहिए । आमतौर पर पुनर्नवा चूर्ण को 2 ग्राम तक लिया जाता है । यह खुराक उम्र, रोग, लिंग और अन्य प्रतिबंधों पर निर्धारित की जाती है ।