Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi: त्रिभुवन कीर्ति रस एक टेबलेट के रूप में उपलब्ध आयुर्वेदिक दवा है । अगर आप जानना चाहते हैं कि Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi क्या है, इसकी सामग्री, फायदे और नुकसान के बारे में तो आप हमारी वेबसाइट पर यह फ्री में पढ़ सकते हैं ।
देखिये दोस्तों, आपने अंग्रेजी दवाओं के बारे में तो जानकारी रखते हो लेकिन क्या आप आयुर्वेद की भी काम आने वाली कुछ दवाओं के नाम याद रखते हो । नहीं ना, तो हम यहाँ पर आयुर्वेद में सेफ दवाओं के बारे में आपको जानकारी देते रहते हैं इन दवाओं का सेवन करने से आपको कोई नुकसान नहीं होता और सबसे बढ़िया इनका सेवन करने से बीमारी भी जड़ से चली जाती है ।
त्रिभुवन कीर्ति रस इसी तरह की एक आयुर्वेदिक दवा है जो बुखार, कफ, प्रतिशाय, न्युमोनिया, आलस्य और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए उपयोग होती है । तो चलिए सबसे पहले इसकी कम्पोजीशन के बारे में जानते हैं और यह क्या हैं ?
त्रिभुवन कीर्ति रस का कम्पोजीशन | Composition of Tribhuvan Kirti Rasa
Hindi Name | English Name |
---|---|
शुद्ध हिंगुल | Asafoetida |
शुद्ध बच्छनाग ( वचनाग ) | Pure Aconite (Monkshood) |
सोंठ | Dry Ginger |
पीपल | Sacred Fig |
काली मिर्च | Black Pepper |
सुहागे की खील ( फूला ) | Borax |
पीपला मूल | Piper Root |
त्रिभुवन कीर्ति रस क्या है ? | What is Tribhuvan Kirti Ras in Hindi
त्रिभुवन कीर्ति रस, जिसे आयुर्वेद में एक क्लासिकल औषधि के रूप में जाना जाता है, खनिज पदार्थों और जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। इसका उपयोग हजारों वर्षों से बुखार और बुखार के अन्य रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है | Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi के रूप में यह बुखार, न्युमोनिया और पाचन से सम्बंधित रोगों में भी सेवन होती है ।
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त्रिभुवन कीर्ति रस के उपयोग या फायदे | Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi
हमारे जीवन में स्वास्थ्य अनमोल धन है, और इसलिए हमें इसकी देखभाल करनी चाहिए। त्रिभुवन कीर्ति रस एक प्राकृतिक औषधि है जो हमारे शरीर को कई रोगों से बचाने में मदद करती है। इसका उपयोग आयुर्वेद में बहुत समय से किया जाता रहा है और आजकल इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
निम्न रोगों में Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi किये जाते हैं –
बुखार रोग में: ऐसा माना जाता है कि यह सभी प्रकार के बुखार में काम आने वाली आयुर्वेदि औषधि है । देखिये यह उष्णवीर्य और ज्वरघ्न रस होने के कारण बुखार को जल्दी ही ठीक कर देती है । ऐसा भी है कि आयुर्वेद में होने वाली वात बुखार, कफ बुखार, में tribhuvan ras के उपयोग से लाभ मिलता है ।
न्युमोनिया: न्युमोनिया बच्चे और बूढ़े सभी को हो सकता है । ऐसा माना जाता है कि त्रिभुवन कीर्ति रस न्युमोनिया की अच्छी आयुर्वेदिक दवा है । इसका सेवन करने से न्य्मोनिया ठीक हो जाता है । बच्चे और बड़ो की खुराक के लिए आपको एक आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेनी होगी ।
इम्युनिटी बढ़ाने में: यह एक अच्छी एंटी ओक्सिडेंट और एंटीबायोटिक दवा मानी जाती है । यह शरीर में आये ख़राब तत्वों को बाहर फेंकती है और शरीर को साफ़ करने का काम करती है । इसका प्रयोग करने से शरिर में इम्युनिटी बढ़ने लगती है फिर रोग भी अपने आप ठीक होने लगते हैं ।
सिरदर्द: देखिये सिरदर्द का भी त्रिभुवन कीर्ति रस दवा के उपयोग से उपचार किया जा सकता है । यह एक बेहतरीन सिरदर्द की आयुर्वेदिक दवा मानी जाती है । ऐसा लिखा गया है कि त्रिभुवन कीर्ति रस जुकाम के कारण होने वाले सिरदर्द में आराम देता है और Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi सुरक्षित है ।
टॉन्सिल्स: गले में खरास और टॉन्सिल्स होने पर इसे एंटीबायोटिक की तरह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लेकर सेवन करने से आराम मिलता है । गले के टॉन्सिल्स ठीक होते हैं और खरास भी ख़त्म होती है ।
अस्थमा: अस्थमा एक श्वासनली की बीमारी है जिसमें श्वास लेने में परेशानी होती है। त्रिभुवन कीर्ति रस अस्थमा के इलाज में बहुत प्रभावी सिद्ध हुआ है। इसमें मौजूद तत्व श्वासनली को खुलने और साफ होने में मदद करते हैं, जिससे श्वास लेने में आसानी होती है। त्रिभुवन कीर्ति रस के नियमित सेवन से अस्थमा के लक्षण कम हो सकते हैं और इसके उपचार में सुधार हो सकता है।
मधुमेह: मधुमेह या डायबिटीज एक आम बीमारी है जो शरीर में ग्लूकोज के संचय को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती है। त्रिभुवन कीर्ति रस मधुमेह के इलाज में उपयोगी हो सकता है। यह शरीर के रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता है और इसे नियंत्रित करता है ।
गैस और पेट की समस्या: गैस और पेट की समस्याएं खाने पीने और पाचन तंत्र के विकार के कारण हो सकती हैं। त्रिभुवन कीर्ति रस पेट की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद आयुर्वेदिक तत्व पाचन को सुधारने और पेट को स्थिर करने में मदद कर सकते हैं। Tribhuvan Kirti Ras Uses in Hindi नियमित सेवन गैस और पेट की समस्याओं को कम करने में मदद होती है और पाचन तंत्र को सुधार करती है।
त्रिभुवन कीर्ति रस की खुराक | Dosage of Tribhuvan Kirti Ras
इसकी स्टैण्डर्ड खुराक 125mg से 250mg तक दिन में दो बार होती है । आप अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से इसके लिए एडवाइस ले सकते हैं । यह खुराक आमतौर पर सेवन करवाई जाने वाली खुराक है अन्य मामलों में इसे कम या ज्यादा किया जा सकता है । एक आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लें ।
नुकसान | Side Effects
संभावित तौर पर इस जड़ी बूटी के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है । यह बुखार और अन्य लक्षणों को ठीक करने में आसान है । आमतौर पर इस दवा के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं देके गए हैं । अधिक जानकारी के लिए एक आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर से पूछना उचित समझा जाता है । हालाँकि इसे अधिक उष्ण होने के कारण कुछ दुष्प्रभाव दिखा सकती है । इसलिए खुराक का सेवन करने से पहले इसका पता एक आयुर्वेदिक डॉक्टर से कर लें ।