परिचय :-
काकजंघा अकेन्थेसी कुल का पोधा है | काकजंघा को लेकर आयुर्वेद ग्रंथो में अलग अलग मतभेद मिलते है | कई आयुर्वेद विशेषज्ञो ने इसे काकनासा व् काकमाची के रूप में भी सम्मिलित किया है जबकि इन दोनों द्रव्यो का बिलकुल अलग अलग रस गुण वीर्य व् प्रभाव स्वतंत्र विवरण मिल जाता है | काकजंघा भारत के सभी राज्यों में आसानी से उपलब्ध होने वाला पोधा है | यह जंगल में ही नही बल्कि आपके घरो के आसपास भी आसानी से मिल जाता है |काकजंघा के अनेको फायदे आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से जान पाओगे |
![काकजंघा](http://shridayalspinecare.in/wp-content/uploads/2019/11/IMG_20191104_0718071-1024x768.jpg)
इसमे स्टिरोयड, टर्पिनोइड , सैपोनिन , टैनिन , आदि मिलते है | स्थान विशेष व् भाषा के आधार पर काकजंघा को अलग अलग नामो से जाना जाता है | काकजंघा को नदिकांता , काकजुन्घा , नसभंगा , अगीलाल , पिथपत्र , अंग्रेजी में काकजंघा को panicled peristrophe के नाम से जाना जाता है |
काकजंघा का वैज्ञानिक नाम PERISTROPHE BICALYCULATA (RETZ.) NEES है |
यह स्वाद में तिक्त , कषाय , कटु , लघु होने से कफपित्तशामक होता है | इसमे एंटीबैक्टीरिया गुण विधमान रहता है |
काकजंघा के फायदे
अस्थमा में काकजंघा के फायदे :-
पांच ग्राम काकजंघा के पंचांग को 200 मिली पानी में तब तक उबाले जब तक की मात्र 20 मिली पानी शेष ना रह जाए | बचे हुए 20 मिली सत्व को गुनगुना रहने पर रोगी को तीन दिनों तक सुबह शाम देने से बेहतर परिणाम देखने को मिले है |
विशेष :- तैलीय पदार्थ , गुड़ , खटाई, ठंडी वस्तुए आदि का पूरी तरह से परहेज करे | ध्यान रहे यह प्रयोग किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की देखरेख में करे |
सिरदर्द में काकजंघा के फायदे :-
काकजंघा की जड़ को पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से सिरदर्द में राहत मिलती है |
बहरेपन में काकजंघा के फायदे :-
काकजंघा स्वरस को तिलतैल में डालकर जब तक उबाले तब तक की जलियांस खत्म ना हो जाये | जलियांस खत्म हो जाने के बाद 2-2 बूद रोज कुछ दिनों तक कान में डालने से साफ़ सुनाई देने लगता है |
प्रदर रोगों में काकजंघा के फायदे :-
काकजंघा की जड़ के पाउडर का सेवन चावल के धोवन से लेने से प्रदर रोग ठीक होते है |
दस्त में काकजंघा के फायदे :-
दस्त होने की स्थिति में काकजंघा की जड़ के चूर्ण को ठंडे पानी के साथ लेने से दस्त में राहत मिलने की सम्भावना रहती है |
अनिद्रा में काकजंघा के फायदे :-
काकजंघा की जड़ को सोते समय अपने बिस्तर पर सिर के नीचे रखने से अनिद्रा में आराम मिलकर अच्छी नींद आने की सम्भावना बनती है |
चर्म रोगों में काकजंघा के फायदे :-
सफेद दाग में बाकुची काकजंघा व् चक्रमर्द स्वरस या कल्क का लैप लगाने से कम समय में ही उत्तम परिणाम की सम्भावना रहती है |
खुजली में काकजंघा के फायदे :-
सम्पूर्ण शरीर में खुजली होने पर काकजंघा के काढ़े से स्नान करने से शीघ्र लाभ मिलता है |
पेट की जलन में काकजंघा के फायदे :-
पेट की जलन में काकजंघा के स्वरस को प्रात काल लेने से आराम मिलता है |
वशीकरण करने में उपयोगी काकजंघा :-
अथर्ववेद में भूत विध्या व् तन्त्र विधा में वशीकरण के अध्याय में भी किसी इन्सान को वशीभूत करने में इसका वर्णन मिलता है |
यह लेख केवल सामान्य जानकारी हेतु लिखा गया है किसी भी प्रकार के प्रयोग को आजमाने से पहले अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श जरूर लेवे |
धन्यवाद !