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मधुमेह डाइट चार्ट

मधुमेह (डायबिटीज) में रोगियों के लिए डाइट चार्ट व सावधानिया

मधुमेह का सामान्य परिचय

वर्तमान समय में डायबिटीज महामारी के रूप में फ़ैल चुकी है और निरंतर रूप से इसके दुष्प्रभाव बढ़ते ही जा रहे है | वर्तमान समय में लगभग 35% भारतीय इस समस्या से परेशान है और दिनोंदिन यह संख्या बढती ही जा रही है | ऐसे में आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा इस समस्या को नियंत्रित करना आसान हो रहा है |

मधुमेह डाइट चार्ट
मधुमेह डाइट चार्ट

इसी कड़ी में आज हम इस लेख के माध्यम से आप लोगो के साथ हमारा अनुभव शेयर कर रहे है | जिससे आप भी आपकी बढ़ी हुई शुगर की मात्रा को आसानी से नियंत्रित कर सकते हो | मधुमेह डाइट चार्ट में माध्यम से आप अपने आप को इसके दुष्प्रभावो से बचाने में सफल हो सकते हो |

मधुमेह (डायबिटीज) स्पेशल आटा घर पर तैयार करे

  • गेहू-4 किग्रा
  • जौ-1½  किग्रा
  • इंद्र जौ -1/2 किग्रा 
  • चना-1 किग्रा
  • बाजरा/ज्वार-1 किग्रा
  • रागी-1 किग्रा
  • मैथी-500 ग्राम
  • अलसी 500 ग्राम
  • घर से बहार के खाने को हमेशा नकारे करे |
  • किसी भी प्रकार के धुम्रपान शराब आदि का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए |
  • अधिक से अधिक अपक्वाहार का सेवन करना चाहिए |
  • कच्चे फल व सब्जियों जैसे पपीता नाशपाती, मोषमी, अमरुद, जामुन, खरबूजा, निम्बू, आंवला, टमाटर, बेंगन, शलगम, फूलगोभी, करेला, लोकी, मैथी, पालक, तुरई, आदि का सेवन अधिक करना चाहिए |
  • अधिक कैलोरी युक्त खाने का सेवन नही करना चाहिए |

मधुमेह की प्राकृतिक चिकित्सा

  • सबसे पहले एनिमा के द्वारा पेट की सफाई करे |
  • योगाभ्यास , प्राणायाम व षट्कर्म का अभ्यास करे |
  • एनिमा से पेट साफ कर लेने के बाद 5:3 के अनुपात में पेट पर  गर्म ठंडी पट्टी लगाये |
  • मधुमेह स्पेशल अभ्यंग जो की पैंक्रियाज को अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है |
  • मधुमेह की प्राकृतिक चिकित्सा प्रारम्भ करते समय प्रारम्भ के 10 दिनों तक पॉइंट to पॉइंट अभ्यंग करवानी चाहिए |
  • NAVAL थेरेपी अभ्यंग के शुरुआत में करनी चाहिए |
  • सप्ताह में कम से कम एक दिन सम्पुर्ण बालू स्नान लेना चाहिए |
  • रोगी की पृकृति के अनुरूप उसके खाने में खाद्य पदार्थो को सम्मिलित करवाना चाहिए |

मधुमेह रोगी के लिए प्रतिदिन की आहार व्यवस्था/ मधुमेह डाइट चार्ट

  1. (A) प्रात: 6 बजे बिना मुह साफ़ किये 6-7 तुलसी के पत्ते व् लगभग 2 ग्राम अदरक का टुकडा चबाये |
  2.  (B) प्रात: 6.30 बजे आम 2 पत्ती , बील की 4 पत्तिया, जामुन 2 पत्तिया, नीम की 15 पत्तिया, 1 करेला या 5 पत्ते करेले के 100 मिली पानी लेकर सभी को एक साथ मिलाकर ज्यूस बनाकर सेवन करे | 
  3. प्रात: 9 बजे नाश्ते में 350 ग्राम 4 प्रकार की मोषमी कच्ची सब्जिया व फल ले | जैसे लोकी, करेला, गाजर, टमाटर, मुली, खीरा आदि
  4. अंकुरित अनाज व दाल का सेवन करे |
  5. 12–1 बजे के बीच खाने के साथ पत्तो वाली सलाद का उपयोग करे | साथ ही 200 मिली छाछ अवश्य ले |
  6. शाम 4-5 बजे के बीच भुने हुए चने या कुछ सूखे मेवे 50 ग्राम की मात्रा में सेवन करे |
  7. रात का खाना शाम 6-7 बजे के मध्य कर ले | खाना खाने के 5 मिनट बाद वज्रासन करे या 500 कदम टहले |
  8. अपथ्य -: तली भुनी व डिब्बाबंद उत्पादों का सेवन बिलकुल नही करे | शर्करा युक्त भोजन का उपयोग निषेध |
  9. दूध का सेवन छानने के बाद करे |

प्राकृतिक चिकित्सक द्वारा बताये अनुसार नित्य योगाभ्यास करे

हम यह कुछ योगासनों के बारे में जानकारी दे रहे है जिन्हें हमारे द्वारा मधुमेह रोगियों की प्रकृति के अनुसार करवाया जाता है | सभी रोगियों को समान योगासन नही करवाए जा सकते है क्योकि सभी रोगियों को मधुमेह के अलावा और भी समस्या हो सकती है अत: योगाभ्यास करने से पहले किसी प्राकृतिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले जिससे आपको आशातीत लाभ प्राप्त हो सकेगा |

  • अर्धमत्स्येन्द्रासन-(3मिनट)
  • नोकासन-(3मिनट)
  • वक्रासन
  • पश्चिमोत्तासन
  • हलासन
  • योगमुद्रा
  • ताड़ासन
  • गोमुखासन
  • कपालभाती-(3-5मिनट)
  • नाडी शोधन-(3-5मिनट)
  • कटिचक्रासन-(3मिनट)
  • ध्यान(5-10मिनट)  आदि  का अभ्यास योग प्रशिक्षक की देख रेख में करे |

मधुमेह में सावधानिया

  • तनाव से बचना चाहिए |
  • कैफीन युक्त चाय के सेवन से बचे |
  • मीठे फलो के सेवन से बचे |
  • आम, केले, अंगूर, सेब, खजूर आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए |
  • अपने आहार में मिठाइयो को सम्मिलित करने से बचे |
  • अपनी दिनचर्या को नियमित रूप से स्वस्थता बनाये रखने वाली बनाये रखे |
  • अपनी नियमित जांचे करवाते रहे |
  • चिकित्सक के सम्पर्क में रहे |

श्री दयाल हर्बल द्वारा निर्मित एसडी रक्तमधुरान्तक का सेवन करने से आप अपने शुगर को नियंत्रित कर सकते हो |

हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको पसंद आयी हो कृपया कमेन्ट करके अवश्य बताये |

किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कमेन्ट में अपनी समस्या से सम्बंधित प्रश्न पूछ सकते है , शीघ्र ही हमारे एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का जवाब दिया जायेगा |

धन्यवाद!

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करे – श्री दयाल नैचुरल स्पाइन केयर जयपुर

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

Written by

Dr Ramhari Meena

Founder & CEO - Shri Dayal Natural Spine Care. Chairmen - Divya Dayal Foundation (Trust) Founder & CEO - DrFindu Wellness

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